Tag indian histroy

कौन है सनातन धर्म के छद्म राक्षस : Yogesh Mishra

आज सत्य सनातन हिंदू धर्म में कुछ ऐसे छद्म राक्षस भी धर्म का प्रचार कर रहे हैं ! जिनके हाव-भाव, व्यक्तित्व से तो वह संत लगते हैं ! लेकिन प्रचार-प्रसार वह लोग विधर्मियों का करते हैं ! कोई सफेद दाढ़ी…

भविष्य के विश्व सत्ता की योजना का इतिहास : Yogesh Mishra

विश्व सत्ता के भविष्य की योजना को जानने के लिये विश्व के पिछले 3000 वर्ष का इतिहास जानना अति आवश्यक है ! जिस योजना के तहत विश्व सत्ता कार्य कर रही है उसे वैश्विक प्रणाली का सिद्धान्त कहते हैं !…

गौतम बुद्ध दो नहीं एक ही थे ! : Yogesh Mishra

गौतम बुद्ध उतने मायावी थे नहीं जितना इनके शिष्यों ने उन्हें बना दिया ! इनका जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व भगवान श्री राम के ही वंश की एक शाखा इक्ष्वाकु सूर्यवंशी क्षत्रिय वंश के “शाक्य कुल” के राजा शुद्धोधन…

बौद्ध धर्म ने कैसे समाज को पलायनवादी अपराधी और पुरुषार्थ विहीन बना दिया था ! : Yogesh Mishra

आज से लगभग 2500 साल पहले बौद्ध धर्म का उत्थान एक निराशावादी, पलायनवादी, अनुभव विहीन, अनपढ़, राजकुमार के द्वारा हुआ था ! पूरा बौद्ध धर्म सनातन धर्म विरोधी ज्ञान नास्तिकता, शिथिल मध्यम मार्ग और शून्यवाद पर टिका हुआ था !…

अब राष्ट्रीय सरकारों के दिन जाने वाले हैं ! : Yogesh Mishra

अभी तक हर लोकतांत्रिक देश की शासन व्यवस्था यह है कि हर देश में एक संविधान होता है और उस संविधान के अंदर लोकतांत्रिक पद्धति से सरकार के जनप्रतिनिधियों को चुनने का अधिकार उस देश के आम नागरिकों को होता…

धर्मान्तरण अभियान कहीं विश्व सत्ता पाने के लिये तो नहीं है ! : Yogesh Mishra

आपको यह सुनने में बड़ा अजीब सा लगेगा ! लेकिन विश्व सत्ता के रणनीतिकारों ने यही निर्धारित किया है कि विश्व में जिसके पास जितना अधिक जनाधार और आधुनिक तकनीक होगी ! उसकी विश्व सत्ता में उतनी अधिक भागीदारी होगी…

विश्व को विधर्म का मार्ग बौद्ध धर्मियों ने ही दिखलाया था ! : Yogesh Mishra

भगवान बुद्ध के समय के बाद भारत में हिन्दू एवं जैन, चीन में कन्फ्यूशियस तथा ईरान में जरथुस्त्र विचारधारा का बोलबाला था ! बाकी दुनिया ग्रीस को छोड़कर लगभग विचारशून्य ही थी ! ईसा मसीह के जन्म के पूर्व बौद्ध…

वर्तमान राजनीति में हिटलर के राजनैतिक दर्शन की उपयोगिता : Yogesh Mishra

जिस तरह श्रीमद्भागवत गीता के अध्ययन के बिना कोई व्यक्ति आध्यात्मिक नहीं हो सकता हैं ! ठीक उसी तरह हिटलर द्वारा लिखी गई पुस्तक “मेरा संघर्ष” के अध्ययन के बिना कोई व्यक्ति सफल राजनीतिज्ञ नहीं बन सकता हैं ! लेकिन…

विश्व सत्ता के इशारे पर नई वैश्विक शिक्षा व्यवस्था : Yogesh Mishra

न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव “बान की मून” ने सितंबर 2012 में वैश्विक शिक्षा व्यवस्था के पहल की शुरुआत कर दी है ! क्योंकि अब विश्व सत्ता के इशारे पर “वैश्विक नागरिकता” को बढ़ावा देना है ! उनकी प्राथमिकताओं में…

बौद्ध धर्म, धर्म नहीं नास्तिकवादी दर्शन है ! : Yogesh Mishra

धर्म समाज को व्यवस्थित तरीके से चलने के लिये समाज द्वारा धारण किये गये वह नियम हैं !जिनका प्रभाव अनादि काल से अन्नत काल तक रहता है ! क्योंकि धर्म एक जीवनशैली है ! जीवन-व्यवहार का कोड है ! जो…