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जानिए हिन्दू धर्म मे आरती का वैज्ञानिक महत्व । Yogesh Mishra

आरती का वैज्ञानिक महत्व आरती का धार्मिक महत्व होने के साथ ही वैज्ञानिक महत्व भी है। याद कीजिए आरती की थाल में कौन कौन सी वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है। आपके जेहन में रुई, घी, कपूर, फूल, चंदन जरूर आ गया होगा। रुई शुद्घ कपास होता है इसमें किसी …

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ईशान दिशा में ही पूजा स्थल बनाने का वैज्ञानिक आधार जरूर पढ़ें । Yogesh Mishra

ईशान दिशा में ही पूजा स्थल क्यों? ईशान कोण में पूजा स्थल का निर्माण होना सिद्ध होता है। अब इसके वैज्ञानिक पहलू पर विचार करें तो हम पाएंगे कि सूर्य की किरणें सर्वप्रथम इसी दिशा में प्रकट होती हैं। वैज्ञानिकों ने यह प्रमाणित किया है कि सूर्य की किरणों में …

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जानिए आपके घर मे नकारात्मक ऊर्जा देने वाली कौन-कौन सी वस्तुओं हैं । Yogesh Mishra

यदि विकास चाहते हैं तो नकारात्मक ऊर्जा देने वाली वस्तुओं से दूर रहें . कोई भी वस्तु नकारात्मक ऊर्जा निकलती हो तो यह गंभीर वास्तु दोष की श्रेणी में आती है। यदि विकास चाहते हैं तो नकारात्मक ऊर्जा देने वाली वस्तुओं से यथा शक्ति दूर रहना चाहिए  – 1- घर …

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जानिए । रत्नो के धारण करने के पीछे का पूर्ण वैज्ञानिक कार्यप्रणाली Yogesh Mishra

रत्नों की वैज्ञानिक कार्यप्रणाली आइए अब इस कुंडली की वैज्ञानिक आधार पर व्याख्या करते हैं। कुंडली में दिखाए जाने वाले बारह भाव वास्तव में कुंडली धारक के शरीर में विद्यमान बारह उर्जा केंद्र होते हैं जो भिन्न-भिन्न ग्रहों की उर्जा का पंजीकरण, भंडारण तथा प्रसारण करते हैं। किसी व्यक्ति के …

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जानिए । भारतीय वास्तु शास्त्र के अनुसार घर मे पौधे लगाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए । Yogesh Mishra

घर में पौधे लगाते समय इन बातों का ध्यान अवश्य रखें- भवन की सीमा में आने वाली प्रत्येक वस्तु घर के वास्तु को प्रभावित करती है। इसके कई नकारात्मक व सकारात्मक प्रभाव भी होते हैं। घर की खूबसूरती बढ़ाने के लिए लगाए गए पेड़-पौधे भी घर के वास्तु को प्रभावित …

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जानिए । राशियोँ के गुणधर्म क्या होते है ? राशियाँ क्या बतलाती है ? । Yogesh Mishra

राशियाँ क्या बतलाती हैं ? राशियोँ के गुणधर्म १ मेष(मंगल) पुरुष जाति, चरसंज्ञक, अग्नि तत्व, पूर्व दिशा की मालिक, मस्तक का बोध कराने वाली, पृष्ठोदय, उग्र प्रकृति, लाल-पीले वर्ण वाली, कान्तिहीन, क्षत्रियवर्ण, सभी समान अंग वाली और अल्पसन्तति है। यह पित्त प्रकृतिकारक है। इसका प्राकृतिक स्वभाव साहसी, अभिमानी और मित्रों …

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जानिए । संतानोत्पत्ति में अशुभ ग्रहों के होने से कौन से उपाय करने चाहिए । Yogesh Mishra

संतानोत्पत्ति में अशुभ ग्रहों के उपाय कुंडली में संतान का पंचम भाव होता है यदि कोई ग्रह अशुभ असर देते हैं तो उनका उपाय निम्न प्रयोग से कीजिए। सूर्य : पांचवें घर में उच्च का सूर्य हो या शुभ हो तो संतान की वृद्धि करता है, परंतु अशुभ सूर्य संतान …

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जानिए हिन्दू धर्म मे भिन्न-भिन्न मालाओं का क्या महत्व है ? कौन सी माला किसके लिए पहननी चाहिए । Yogesh Mishra

मालाओं की उपयोगिता स्फटिक की माला- देवी जाप के लिए स्फटिक माला से मंत्र शीघ्र सिद्ध हो जाता है। आर्थिक स्थिति में सुधार आती है। उच्च रक्तचाप के रोगियों को व क्रोध शान्ति के लिए यह माला अचूक है। सफेद चन्दन की माला- इसका उपयोग शान्ति पुष्टि कर्मों व श्री …

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पढ़िये मंदिर जाने का वैज्ञानिक महत्व , हमारी संस्कृति मे हर कार्य के पीछे कोई ठोस आधार है । Yogesh Mishra

मंदिर क्यों जायें ? मंदिर और उसमें स्थापित भगवान की मूर्ति हमारे लिए आस्था के केंद्र हैं। मंदिर हमारे धर्म का प्रतिनिधित्व करते हैं और हमारे भीतर आस्था जगाते हैं। किसी भी मंदिर को देखते ही हम श्रद्धा के साथ सिर झुकाकर भगवान के प्रति नतमस्तक हो जाते हैं। आमतौर …

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जानिए । कालसर्प दोष से किस प्रकार की रूकावटें आती है और हानियाँ होती है । Yogesh Mishra

कालसर्प दोष से हानियां कालसर्प एक ऐसा योग है जो जातक के पूर्व जन्म के किसी जघन्य अपराध के दंड या शाप के फलस्वरूप उसकी जन्मकुंडली में परिलक्षित होता है। जिसके परिणाम स्वरूप जातक को अनेक प्रकार कि समस्याओं कासामना करना पडता है। जिस जातक की जन्मकुंडली में कालसर्प दोष होता है उसे विभिन्न दुख, कष्ट एवं परेशानीयों का सामना करना पडताहै।   जातकके भाग्योदय में अनेक प्रकार की रूकावटें आती है। जातककी प्रगति नहीं होती। जातकको प्रत्येक कार्य में असफलता मिलती है। जातकको जीविका चलाने का साधन नहीं मिलता यदि मिलता है तो उसे अनेक समस्याओं का सामना करना पडता है। जातकको पैतृक धन-संपप्ति से लाभ नहीं होता। जातकको शिक्षा में बाधा, स्मरण शक्ति का ह्नास होता है। उसकी शिक्षा प्रायः अधूरी रहती है। जातकका विवाह नहीं हो पाता। वैवाहिक संबंध टूट जाते है। जातकके घर संतान पैदा नहीं होती, यदि होती भी है तोे जीवित नहीं रहती। जातकके घर पुत्र संतान उत्पन्न नहीं होती या अनेक पुत्रियां होती है। जातककी संतान भी कुबुद्धि और उद्दंडी होती है। जातककी संतान वृद्धावस्था में अलग हो जाती है अथवा दूर चली जाती है। जातकका वैवाहिक जीवन कलहपूर्ण होता है। जातककी पत्नि अज्ञानी, मूर्ख, कामुक, अल्पज्ञ तथा अविश्वासी होती है। जातकअपने मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा के लिए निरंतर संघर्ष करता रहता है, फिर भी अपयश, आलोचना, उपेक्षा आदि से घिरा रहताहै। जातकको प्रेम संबंधों में निराशा ही हाथ लगती है। जातकको भौतिक सूखों की कमी रहती है। जातकके मन में सदैव निराशा बनी रहती है। जातकअधिक परिश्रम करने के बाद भी धन का संचय नहीं कर पाता। जातकधनवान होते हुए भी कंगाल बन जाता है। प्राप्ति से अधिक व्यय रहता है। जातकके घर में कलह-क्लेश का वातावरण बना रहता है। जातकसदैव किसी न किसी रोग से ग्रस्त रहता है। जातकभयंकर गुप्त रोगों से आजीवन पीडित रहता है। जातकमानसीक रूप से सदैव तनावग्रस्त रहता है। दिमाग में गुस्सा भरा रहता है। निरंतर परेशानीयों के कारण जातक चिडचिडेस्वभाव का हो जाता है। जातकएक के बाद एक मुसीबतों का सामना करता है। भयंकर कठिनाई में जीवन व्यतीत करता है। जातक का जीवन संघर्षमय होताहै। …

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