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जानिए । भूत-प्रेत बाधा और पीड़ा क्या है ? क्या कहते है वेद ? Yogesh Mishra

भूत-प्रेत पीड़ा भूत-प्रेत संबंधित धारणा प्राचीन काल से जुड़ी है। चार वेदों में, बताया जाता है कि अथर्ववेद में जादू-टोनों और औषधि से संबंधित रहस्य हैं। इस ग्रंथ में वर्णित अनेक अनुष्ठान भूतों और दुष्ट आत्माओं को भगाने से संबंधित हैं। भूत-प्रेत के अपसारण का मुख्य साधन मंत्र और यज्ञ होते हैं जिनका …

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जानिए हमारे पूर्वज क्यों पहनते थे खड़ाऊ ? क्या है इसका वैज्ञानिक महत्व । Yogesh Mishra

क्यों पहनते थे खड़ाऊ ? पुरातन समय में हमारे पूर्वज पैरों में लकड़ी के खड़ाऊ (चप्पल) पहनते थे। पैरों में लकड़ी के खड़ाऊ पहनने के पीछे भी हमारे पूर्वजों की सोच पूर्णत: वैज्ञानिक थी। गुरुत्वाकर्षण का जो सिद्धांत वैज्ञानिकों ने बाद में प्रतिपादित किया उसे हमारे ऋषि-मुनियों ने काफी पहले …

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जानिए । गीता जयंती – मोक्षदा एकादशी का क्या महत्व है ? क्या हुआ था इस दिन । Yogesh Mishra

ब्रह्मपुराण के अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी का बहुत बड़ा महत्व है। द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो भगवद्गीता का उपदेश दिया था, वह युद्ध के दसवें दिन भीष्म पितामह के पतन के बाद संजय द्वारा कौरव की हार सुनिश्चित जान कर जब जब संजय ध्रतराष्ट्र के समक्ष …

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भारतीय ज्योतिष से जानिए , आप कितने धनवान होंगे ? Yogesh Mishra

क्या आप बनेंगे करोड़पति धन कमाना पुरुषार्थ का विषय है लेकिन उसका उपभोग करना प्रारब्ध का विषय है जन्मकुंडली में 12 (बारह) खाने होते हैं, जिन्हें ‘भाव’ कहा जाता है। इसमें पांचवें घर को फणकर, त्रिकोण तथा पंचम भाव कहा जाता है। कुंडली में इसी पंचम भाव में स्थित राशि, …

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सदैव मंगल दोष के उपाय की जरूरत नहीं । जानिए मंगल दोष किन स्थितियों में स्वतः शांत हो जाता हैं । Yogesh Mishra

मंगल दोष किन स्थितियों में स्वतः शांत हो जाता हैं ९७% मांगलिक दोष स्वतः में भंग होते हैं, पर मंगल दोष किन स्थितियों में स्वतः शांत या कम हो जाता हैं। उनमें से कुछ निम्न हैं :- 1: दूसरी कुंडली में भी 1, 4, 7, 8 एवम 12वें भाव में …

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बुल्गारिया मे 7000 वर्ष प्राचीन स्वास्तिक चिन्ह मिले हैं| पढ़िये स्वास्तिक का महत्व । Yogesh Mishra

स्वस्तिक अत्यन्त प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति में मंगल-प्रतीक माना जाता रहा है। इसीलिए किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले स्वस्तिक चिह्व अंकित करके उसका पूजन किया जाता है। स्वस्तिक शब्द सु+अस+क से बना है। ‘सु’ का अर्थ अच्छा, ‘अस’ का अर्थ ‘सत्ता’ या ‘अस्तित्व’ और ‘क’ का …

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जानिए शंख के कितने प्रकारों का वर्णन शास्त्रों मे है और इनका इतिहास । Yogesh Mishra

शंख कई प्रकार के होते हैं और सभी प्रकारों शंखों की विशेषता एवं पूजन-पद्धति भिन्न-भिन्न है। उच्च श्रेणी के श्रेष्ठ शंख कैलाश मानसरोवर, मालद्वीप, लक्षद्वीप, कोरामंडल द्वीप समूह, श्रीलंका एवं भारत में पाये जाते हैं। शंख की आकृति (उदर) के आधार पर इसके प्रकार माने जाते हैं। मुख्य यह तीन …

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राहु – केतु पर एक विशिष्ठ बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण शोध लेख । जरूर पढ़ें । Yogesh Mishra

राहु – केतु पर एक विशिष्ठ शोध लेख । राहु और केतु को ग्रह माना गया है लेकिन ये आकाश मंडल में दिखाई नहीं देते हैं। ये सूर्य, चंद्रमा व मंगल आदि ग्रहों की तरह दृश्यमान ग्रह नहीं हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाय तो ये दोनों ग्रह आकाश में …

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जानिए । रत्नों को धारण करने से संबंधित कौन-कौन सी गलत धारणाएं फैली हुई है । Yogesh Mishra

रत्नों धारण करने से संबंधित गलत धारणाएं दुनिया भर में लोगों के द्वारा रत्न धारण करने का प्रचलन बहुत पुराना है तथा प्राचीन समयों से ही दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोग इनके प्रभाव के बारे में जानने अथवा न जानने के बावज़ूद भी इन्हें धारण करते रहे …

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पढ़िये । हिन्दू-धर्म के आधार ग्रंथो का पूर्ण वर्णन । Yogesh Mishra

हिन्दू-धर्म के आधार ग्रन्थ हिन्दू-धर्म का आधारहिन्दू धर्म व्यक्ति प्रवर्तित धर्म नहीं है। इसका आधार वेदादि धर्मग्रन्थ है, जिनकी संख्या बहुत बड़ी है। ये सब दो विभागों में विभक्त है। 1॰ इस श्रेणी के ग्रन्थ “श्रुति´´ कहलाते हैं। ये अपौरषेय माने जाते हैं। इसमें वेद की चार संहिताओं, ब्राह्मणों, आरण्यकों, …

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