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दिव्य शास्त्रों पर शोध क्यों करें : Yogesh Mishra

प्रायः दिखाया जाता है कि भगवान राम, कृष्ण आदि जैसे महान योद्धा सामान्य तीर-कमान, चक्र, गदा, तलवार, आदि से बड़े-बड़े युद्ध किया करते थे ! जबकि दूसरी तरफ यह भी बतलाया जाता है कि जिन तीर कमानों से वह युद्ध…

ध्यान की कला : Yogesh Mishra

ध्यान कोई जबरदस्ती लगाने की चीज बिल्कुल भी नही है ! आप जान बुझ कर जोर जबरदस्ती से ध्यान बिल्कुल भी नही लगा सकते हैं बल्कि व्यक्ति के एक विशेष मानसिक स्थिती में आने पर यह ध्यान तो एकाएक स्वत:…

क्या संसार से सभी धर्मों को विदा कर देना चाहिये : Yogesh Mishra

धर्म का निर्माण समाज को व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए हुआ था, किन्तु कालांतर में धर्म के मुखिया लोगों की विलासिता को देखकर लोगों ने धर्म की ओट में धन कमाने के निर्णय लिया ! धीरे धीरे समाज का…

अवधूत सन्यासियों का रहस्यमय जगत : Yogesh Mishra

अवधूत ऐसा इंसान होता है, जो मन के भाग दौड़ को त्याग कर शिशु जैसी अवस्था में पहुंच गया हो ! अब उसे संसार और समाज के नियमों का कुछ भी पता नहीं होता है ! वह अपने आपको संसार…

कृतिम परकाया प्रवेश की तैय्यारी : Yogesh Mishra

किसी व्यक्ति की आत्मा का किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करना या करवाना ही ‘पर-काया प्रवेश’ कहलाता है ! इस संबंध में नाथ सम्प्रदाय के आदि गुरु मुनिराज ‘मछन्दरनाथ’ के विषय में कहा जाता है कि उन्हें परकाया…

सभी धर्मग्रन्थ व्यर्थ हैं : Yogesh Mishra

धर्मशास्त्र शब्द पर आधारित सूचना के संग्रह से अधिक और कुछ नहीं हैं ! क्योंकि शब्दों में विराट ईश्वर नहीं समा सकता वह विशुद्ध अनुभूति का विषय है और शास्त्रों के शब्द मात्र हमारे मार्गदर्शक हैं, लेकिन साधना और अनुभूति…

हिमालय का रहस्य भोटिया कुत्ता : Yogesh Mishra

भगवान शिव का नाम लेते ही शिव के विश्वसनीय गण भैरव जी महाराज का नाम स्वत: ही जवान पर आ जाता है ! भैरव का पर्याय एक विशेष नस्ल का हिमालय का भोटिया कुत्ता माना जाता है ! जो कैलाश…

आखिर भारत विश्व गुरु कैसे बनेगा ? : Yogesh Mishra

हमारे बहुत से साथी आज भारत को पुनः विश्वगुरु बनाना चाहते हैं, लेकिन अपने अपने तरीके से ! कोई गोबर और गोमूत्र बेचकर भारत को विश्वगुरु बनाना चाहता है, तो कोई वेद, पुराण, उपनिषद आदि का ज्ञान देकर भारत को…

समाधि का सूक्ष्म विज्ञान : Yogesh Mishra

मनुष्य में आकर्षण और अभिव्यक्ति के कई तल हैं ! जो मनुष्य के कर्मेंद्रियों और ज्ञानेंद्रियों को नियंत्रित करते हैं ! इन्हीं आकर्षण और अभिव्यक्ति को मनुष्य अज्ञानता में जन्म से मृत्यु तक अज्ञात कामना और वासना की संतुष्टि के…

द्रष्टा संन्यास आज की आवश्यकता है : Yogesh Mishra

शैव जीवन शैली में संन्यास का सीधा सा तात्पर्य जो भगवान के बनाये हुये संसार को में एक न्यासी के रूप में अपना जीवन यापन करता हो ! अर्थात कहने का तात्पर्य यह है कि ईश्वर की सृष्टि ईश्वर ही…