महाराष्ट्र के भाजपा प्रवक्ता ने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को एक टीवी डिबेट के दौरान विष्णु का 11वां अवतार बतला कर सबको अचंभित कर दिया ! यह रहस्य मोदी के जीवन से जुड़े हुये लोग आज तक नहीं जानते थे ! शायद उनकी माता जी भी नहीं ! उनके इस उत्कट घोषणा से मेरा ध्यान भी इस विषय की ओर आकर्षित हुआ ! लेखनी हाथ में आ गई और मैंने सोचा चलो अब कुछ लिख ही दिया जाये !
क्योंकि इसी तरह का कुछ वातावरण प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद जब एडोल्फ हिटलर जर्मन का चांसलर बना था ! तब एडोल्फ हिटलर को महिमामंडित करने के लिये जर्मन में प्रयोग किया गया था ! वहां तो कोई अवतारवाद की धारणा थी नहीं ! इसलिये इस तरह के बयान तो इतिहास में दर्ज नहीं है ! लेकिन फिर भी बार-बार जर्मन के आम निवासियों को यह बतलाने की कोशिश की जा रही थी कि एडोल्फ हिटलर ईश्वर के दूत हैं और वही हैं, जो जर्मन का उद्धार कर सकते हैं ! क्योंकि वह विश्व की सर्वश्रेष्ठ प्रजाति के “आर्य” हैं !
उस समय जर्मन में नई नई सड़कों का निर्माण किया जाने लगा ! बहुत बड़े पैमाने पर जंगलों को काट कर कालौनियां बनाई जाने लगी ! आये दिन नई-नई फैक्ट्रियों का उद्घाटन किया जाने लगा ! जगह-जगह नए-नए फ्लाईओवर और पुल बनाये जाने लगे ! हथियारों की आधुनिकतम नई नश्ल ईजाद की जाने लगी !
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में निरंतर रोज नये चमत्कार समाचार पत्र, पत्रिकाओं में प्रकाशित होने लगे ! चाहे वास्तव में वैसा कुछ न हुआ हो अर्थात कहने का तात्पर्य यह है कि हिटलर ही जर्मन को विश्व गुरु बना पायेगा या विश्व की महाशक्ति बना पायेगा ! इसका पूरा प्रयास आम जर्मन निवासियों को समझाने के लिये हर स्तर पर किया जाने लगा !
जो लोग हिटलर को चमत्कारिक अवतार मानते थे ! वह स्वप्रेरणा से घर-घर जाकर लोगों को हिटलर की खूबियों के बारे में बतलाते थे और साथ में यह भी बतलाते थे कि हिटलर करना तो बहुत कुछ चाह रहे हैं लेकिन यहूदी उन्हें करने नहीं दे रहे हैं !
अर्थात यहूदी राष्ट्र के शत्रु हैं और जब तक जर्मन में यहूदी रहेंगे ! तब तक जर्मन का विकास होने में यह बहुत बड़े रोड़े के रूप में रहेंगे ! इसलिये जर्मन के विकास के लिये जल्दी से जल्दी इन यहूदियों को जर्मन से हटाया जाना या खत्म किया जाना आवश्यक है !
जिससे जनता का पूरा ध्यान हिटलर की असफल योजनाओं पर चिंतन करने के स्थान पर यहूदियों के अवरोध पैदा करने पर चला गया ! जिसका लाभ उठाकर हिटलर ने जर्मन के राजनीति में अपना स्थाई स्थान बना लिया !
वह रेडियो, समाचार पत्र-पत्रिकाओं में अपने मन की बात करता था ! अपनी भावी योजनायें अपने राष्ट्र को बतलाया करता था और यह भी बतलाता था कि यह सब कुछ बहुत जल्द होने वाला है ! बस आप मेरे प्रति अपनी निष्ठा बनाये रखें बस !
इतिहास सदैव अपने आप को दोहराता है और जब व्यक्ति या समाज अपने प्राचीन इतिहास की कमियों से अपने आप को नहीं सुधरता है ! तब वह बार-बार उसी तरह धोखा खाता है जैसे इतिहास में पूर्व में उनके पूर्वजों ने खाया था !
यह जर्मन का उदाहरण मैंने अपनी बात रखने के लिये प्रस्तुत किया है ! अप आज भारत के परिपेक्ष में भी कमोवेश यही सब कुछ हो रहा है ! भारत में मोदी को महिमामंडित करने के लिये भाजापा के सोशल मीडिया द्वारा जो हथकंडे अपनाये जा रहे हैं ! वह कहीं न कहीं प्राचीन जर्मन की याद दिलाते हैं !
लोगों को विश्वास दिलाने के लिये हमारे देश की मशहूर गायिका लता मंगेशकर और क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर मोदी जी का समाज के सामने गुणगान करते हैं ! यही नहीं प्रायोजित तरीके से विदेशी लोग भी देश और विदेश में मोदी जी का गुणगान करते हैं ! जिससे भारत के आम जनमानस को यह विश्वास हो जाये कि मोदी जी के गुणों की चर्चा भारत ही नहीं, पूरे विश्व में हो रही है ! जब सभी लोग यह जानते हैं कि यह सब पूर्णतया प्रायोजित है और इसमें जनता के मेहनत का कई हजार करोड़ रुपये व्यर्थ ही व्यय हो रहा है !
देश के प्रधानमंत्री का सरकारी खर्च पर जगह-जगह मंदिरों में भ्रमण करना, टीका लगाकर हिमालय की गुफाओं में ध्यान करना, नवरात्र आदि पर कन्या भोज कराना आदि आदि हिंदुओं के भावनाओं को अपनी ओर आकर्षित करने का जो डिजिटल प्रयास किया जा रहा है ! वह भारत जैसे देश में राजनीतिक आवश्यकता भी हो सकती है !
पर अब निरंतर एक के बाद एक असफलताओं को देखते हुये अपने कुछ विशेष प्रवक्ता द्वारा अपने को विष्णु का अवतार घोषित करने का जो प्रयास है किया जा रहा है ! इससे न तो भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि सुधरेगी और नही भारत की आर्थिक स्थिति में कोई सुधार होगा और न देश की सीमा पर खड़े जवानों की सुरक्षा हो सकेगी !
क्योंकि आज भारत हर विषय पर बहुत तेजी से पिछड़ रहा है ! भारत की जीडीपी गिर चुकी है ! बेरोजगारों की संख्या बढ़ गई है ! आये दिन सरकारी उपक्रम बंद हो रहे हैं ! आम इन्सान परेशान हो कर आत्महत्या कर रहा है और अब तो हद यहां तक आ गई है कि अव्यवस्थाओं के कारण हर मोहल्ले में लाशों का ताता लगा हुआ है !
मेरी राय में इस समय किसी दिखावे या विज्ञापन की आवश्यकता नहीं है और न ही अपने को भगवान बतलाने की आवश्यकता है ! इस समय आवश्यकता है देश के बुद्धिजीवियों के साथ चर्चा करके की ! देश को समस्या से निकालने की !
जिसके लिये यह भारत का दुर्भाग्य है कि भारत के वर्तमान राजनीतिज्ञों को देश में गुजरात के अलावा और कहीं कोई बुद्धिजीवी नजर नहीं आता हैं ! न ही इन्हें पूरे राष्ट्र में कहीं कोई विश्वसनीय लोग मिलते हैं और न ही गुजरात के अलावा भारत के लोगों का बौद्धिक स्तर इस योग्य है कि उनसे चर्चा की जा सके !
लेकिन मैं याद दिला दूं कि इससे पूर्व भी इस देश में कई सफल प्रधानमंत्री हुये हैं ! जिन्होंने पूरे विश्व को अपनी विचारधारा के आगे झुकाया है ! लोगों को नयी दृष्टि दी है ! समाज के सोचने के तरीके को बदला है ! देश के आर्थिक और बौद्धिक स्तर में विकास किया है ! शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अद्भुत सफलताएं प्राप्त की हैं ! अगर भाजपा के प्रवक्ता बस सिर्फ भारत के पूर्व प्रधानमंत्रियों के कार्यशैली की ही गंभीरता से अध्ययन करें तो उन्हें पता चलेगा कि भारत में पूर्व में ऐसा बहुत कुछ हुआ है ! जिसके सामने वर्तमान में विष्णु के 11वें अवतार का कद अभी भी बहुत छोटा है !
राष्ट्र को बचाना है तो नये वैश्विक दृष्टि से समाज, देश, नवयुवा और विश्व को देखना होगा ! अन्यथा जब लाशों के ढेर के नीचे राष्ट्र दब जायेगा ! तब इस राष्ट्र के वजूद को संभालने वाला कोई नहीं होगा ! मात्र कोरी बातों से राष्ट्र का उत्थान नहीं होता है ! इस सत्य को निश्चित रूप से स्वीकार कर लेना चाहिये !यही राष्ट्र हित में उचित है !