Tag Archives: havan and yagya

योग क्या है !! इसका वास्तविक अर्थ जाने : Yogesh Mishra

योग दिवस आने वाला है ! बड़े बड़े नेता उस दिन सार्वजनिक मंचों पर शाररिक व्यायाम करते नज़र आयेंगे ! लोग रामदेव के प्रभाव में फूं फां को ही योग समझने लगे हैं ! जबकि योग इससे अलग पूर्ण आत्म उत्थान की विधि है !! चित्तवृत्तियों का निरोध ही योग …

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डिप्रेशन रोग नहीं एक भावनात्मक मानसिक अवस्था है !! : Yogesh Mishra

सभी जानते हैं वर्तमान युग भागदौड़ और कशमकश भरा है ! आज के युग में हर इंसान मशीन के जैसे जीवनयापन करने के लिये मजबूर है ! कारण हर इंसान की आकांक्षाएं और महत्वकांशायें इतनी हो गई हैं कि, वह किसी भी तरह से अपने आप से संतुष्ट नहीं हो …

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जानिए विवाह विलंब में मंगल की भूमिका : Yogesh Mishra

वर या वधु किसी एक की कुंडली में मंगल का सप्तम में होना और दूसरे की कुंडली में 1 !4 !7 !8 या 12 में से किसी एक में मंगल का नहीं होना पति या पत्नी के लिये हानिकारक माना जाता है ! उसका कारण होता है कि पति या …

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जानिए विवाह उपरान्त भाग्य उदय क्यों !! : Yogesh Mishra

विवाह मानव जीवन का एक प्रमुख संस्कार है ! विवाह के बाद एक युवक ओर युवती को आजीवन एक साथ रहना होता है ! शास्त्रों में पत्नी को “अर्द्धांगिनी” कहा गया है ! पति का दुःख ओर सुख पत्नी का भी दु:ख, सुख होता है, क्यों की विवाह के बाद …

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ज्योतिष की द्रष्टि से संतान होगी भी या नही : Yogesh Mishra

“संतान होगी भी या नही?” इस विषय पर ज्योतिष शास्त्र में महर्षि पराशर ने बहुत स्टीक ग्रह गणना पद्धति प्रस्तुत की है ! पुरुष के लिए “बीज स्फुट” और स्त्री के लिए “क्षेत्र स्फुट” ! हालांकि इस ग्रह गणना के परिणाम कोई अंतिम और निर्णायक नहीं हो सकते, किन्तु फिर …

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संतान सुख के लिये नारायण नागबलि अनुष्ठान : Yogesh Mishra

नारायण नागबली छविनारायण नागबलि यह दोनो अनुष्ठान पद्धतियां संतान सुख की अपूर्ण इच्छा, कामना पूर्ति के उद्देश से किय जाते हैं ! इसीलिए यह दोनो अनुष्ठान काम्य प्रयोग कहलाते हैं ! वस्तुत: नारायणबलि और नागबलि यह अलग-अलग पूजा अनुष्ठान हैं ! नारायण बलि का उद्देश मुखत: पितृदोष निवारण करना है …

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सभी प्रमुख धर्मों की उत्पत्ति शैव उपासना से हुई है ! : Yogesh Mishra

भगवान शिव की पूजा या आराधना एक गोलाकार पत्थर के रूप में की जाती है जिसे पूजा स्थल के गर्भगृह में रखा जाता है ! सिर्फ भारत और श्रीलंका में ही नहीं, भारत के बाहर विश्व के अनेक देशों में शिव की पूजा की जाती रही है ! दुनियाभर में …

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शैव जीवन शैली ही अनादि है और अनन्त है ! : Yogesh Mishra

वैष्णव जीवन शैली लाखों वर्ष बाद विकसित हुई और उसने विश्व पर शैव जीवन शैली को प्रतिस्थापित कर शासन किया ! शिव भक्ति के विषय में प्रारंभिक जानकारी सिंधुघाटी से प्राप्त होती है ! ऋग्वेद में शिव से साम्य रखने वाले देवता को रुद्र कहा गया है ! महाभारत में …

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शैव तंत्र का तान्त्रिक सम्प्रदायों से साम्य मंथन : Yogesh Mishra

तान्त्रिक संस्कृति में मूलतः साम्य रहने पर भी देश, काल, क्षेत्र, भेद से उसमें विभिन्न सम्प्रदायों का आविर्भाव हुआ है ! इस प्रकार का भेद साधकों के प्रकृति -गत भेद के अनुरोध से स्वभावतः ही होता हैं ! भावी पीढी के ऐतिहासिक विद्वान् ‍ जब भिन्न तान्त्रिक साम्प्रदायों के इतिहास …

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षड्यंत्र एक पौराणिक शब्द है ! जानिए इतिहास : Yogesh Mishra

षड्यंत्र एक पौराणिक शब्द है ! यह तंत्र का विषय है, किन्तु षड्यंत्र का सामान्य अर्थ साज़िश, धोखा देने की योजना, दुरभिसन्धि, गुप्तरूप से की जाने वाली कार्रवाई आदि के रूप में लिया जाता है ! किंतु विश्लेषणात्मक रूप से देखें तो ‘षड्यंत्र’ शब्द बना है, षट्+यंत्र = षड्यंत्र अर्थात् …

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