जानिये: क्या आपको शेयर बाजार में दाव खेलना चाहिए या नहीं । जरूर पढ़ें । महत्वपूर्ण जानकारी ।

आजकल हर कोई यह जानता है कि “शेयर व सट्टा बाजार” भी धनार्जन के लिए अच्छा माध्यम है। लेकिन यह ध्यान रखें कि जन्म कुण्डली के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति न तो शेयर क्रय कर सकता है और न ही सट्टा खेल सकता है। प्रत्येक व्यक्ति की लॉटरी भी नहीं निकल सकती है। जो लोग बिना सोचे-समझे इस क्षेत्र में हाथ अजमाते हैं वे धनहानि के बाद बहुत पछताते हैं।
जन्म कुंडली में पंचम स्थान, लाभ-स्थान, भाग्य स्थान, धन स्थान और सुख स्थान और उनके अधिपति के शुभ संबंध से “शेयर व सट्टा बाजार” में धन लाभ की स्थिति बनती है।

पंचमेश, लाभेश, भाग्येश, धनेश और सुखेश का शुभ युति या प्रति युति या दृष्टि संबंध केंद्रस्थान या त्रिकोणस्थान में होने से विशेष अप्रत्याशित लाभ का योग बनता है। इसके अतिरिक्त यदि बलवान और अनुकूल ग्रह दूसरे, पांचवें, नौवें और 11वें भावों से संबंधित हों तो उन ग्रहों के आधिपत्य में जिस श्रेणी की “कंपनियां” और “वस्तुयेँ” आती हों, उनमें निवेश करने से लाभ मिलता है। साथ ही नवांश कुंडली और जन्मकुंडली में ग्रहों के नक्षत्र पति के साथ-साथ गोचर का प्रभाव भी देखना चाहिये।

यदि यह योग आपकी कुण्डली में हैं तो आप “शेयर व सट्टा बाजार” से लाभ उठा सकते हैं।

1- जन्म या चन्द्र लग्न से 3.6.10.11 भाव में शुभ ग्रह स्थित हों और नवमेश केन्द्र या त्रिकोण में हो तो जातक अचानक शेयर, सट्टे या लॉटरी से धनलाभ प्राप्त होता है।

२. यदि धनेश और लग्नेश, धनेश और लाभेश, धनेश और पंचमेश तथा भाग्येश और दशमेश आपस में शुभ सम्बन्ध बनायें तो जातक लॉटरी, शेयर एवं सट्टे से लाभ उठाता है।

३. मीन लग्न में पांचवें बुध या एकादश में शनि हो तो जातक को लॉटरी, शेयर या सट्टे से लाभ होता है।

४. मेष लग्न में चौथे गुरु, सातवें शनि, आठवें शुक्र, नौवें गुरु एवं दसवें मंगल के साथ पांचवे चन्द्र हो तो जातक को शेयर, सट्टे या लाटरी से लाभ होता है।

५. केन्द्र भाव १, ४, ७, १० में शुभ ग्रह बलवान होकर बैठा हो तो जातक को शेयर या सट्टे से लाभ होता है।

६. लग्नेश पंचम भाव में गुरु के साथ स्थित हो तो जातक अनायास धन प्राप्त होता है।

७. पंचम भाव में चन्द्र हो और शुक्र उसे देख रहा हो तो भी जातक को अचानक धन लाभ होता है।

८. सिंह लग्न में बली चन्द्र एवं सातवें भाव में शनि हो तथा एकादश भाव में गुरु व मंगल की युति हो तो जातक को शेयर, सट्टे या लॉटरी से अकस्मात्‌ धनलाभ होता है।

९. कर्क लग्न में आठवें भाव में बुध शुक्र के साथ युति करे एवं किसी शुभ भाव में चन्द्र-मंगल की युति हो तो जातक अचानक शेयर, सट्टे या लॉटरी से धन पाता है।

१०. यदि कुंडली में पंचमेश व लग्नेश की युति हो अथवा लग्नेश बली हो तथा साथ में राहु व बुध कारक हों तो जातक अचानक धनलाभ प्राप्त करता है।

११. यदि कुंडली में दो ग्रहों की युति में पांच अंश से कम का अन्तर हो तो जातक को अचानक धनलाभ होता है।

१२. लग्न, दूसरे, पांचवे, सातवें, आठवें, दसवें और ग्यारहवें भाव में दो ग्रहों की युति हो तो जातक शेयर, सट्टे या लॉटरी से धनार्जन करता है। लेकिन ध्यान रखें कि दो से अधिक ग्रहों की युति नहीं होनी चाहिए।

१३. द्वितीयेश एवं एकादशेश की युति चौथे भाव में हो और चतुर्थेश शुभ ग्रहों से युक्त या दृष्ट हो तो जातक को शेयर, सट्टे या लॉटरी से अचानक धनलाभ होता है।

तात्कालिक रूप से “गोचर” से भी आप जान सकते हैं कि आपको “शेयर व सट्टा बाजार” से धनलाभ होगा या नहीं। इसके लिए आपको प्रश्न कुंडली बना कर निम्नलिखित विचार करना चाहिए :-

1 – प्रश्न कुंडली में लग्नेश, धनेश व चन्द्र का शुभ योग है तो धन मिलेगा। लेकिन यह ध्यान रखें कि चौथे भाव से आगे चन्द्रमा हो तो धन कठिनता से वापस मिलता है।

2 – शेयर क्रय-विक्रय करते समय द्वितीयेश व लग्नेश का विचार करना चाहिए। द्वितीयेश व लग्नेश का चन्द्र से सम्बन्ध अथवा चन्द्र का लग्न या द्वितीय भाव में होना लाभदायी है।

3 – घाटे की स्थिति जानने के लिए अष्टम एवं द्वादश भाव पर भी विचार करना चाहिए। अष्टम या द्वादश भाव में शुभ ग्रह या अष्टमेश व द्वादशेश हों या उनमें परस्पर स्थान परिवर्तन हो तो हानि का योग होता है।

4 – धन की क्षतिपूर्ति होगी या नहीं इसमें चन्द्र की भूमिका सर्वोपरि है। चन्द्र व लग्नेश या कार्येश से जितनी निकटता होगी क्षतिपूर्ति उतनी अधिक होगी।

5 – लाभ व हानि का विचार करने के लिए पंचम, अष्टम, दशम एवं एकादश भाव का विचार करना चाहिए। उक्त भावों में पक्षबली चन्द्र, शुक्र और बुध पर पापग्रह की दृष्टि लाभ के संकेत देती है। लेकिन यह ध्यान रखें कि इस पर शुभग्रह गुरु की दृष्टि विशेष लाभदायी नहीं होती है।

6 – लाभ के लिए लग्नेश व लाभेश की स्थिति का विचार करना चाहिए। दोनों का परस्पर योग या संबंध लाभ का संकेत देता है।

यह सभी योग प्रश्न कुंडली में विचारने चाहिये । यदि गोचर में लग्न व चन्द्र दोनों बली हों तो शतप्रतिशत अचूक फल निकलता है।
यदि आप शेयर, लॉटरी या सट्टे से धनार्जन करना चाहते हैं तो आपको उक्त योगों को अपनी कुंडली में खोजना होगा। जितने अधिक योग आपकी कुंडली में होंगे उतना अधिक आप इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकेंगे। बिना विचारे शेयर बाजार में हाथ न अजमाएं। यहां शेयर, लॉटरी या सट्टे अथवा अचानक धनलाभ के योग समझा दिए गए हैं। इनको अपनी कुंडली में विचारें। यदि आपको विचारना नहीं आता है तो किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लें।

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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