हिटलर का ड्रीम बेल प्रोजेक्ट ! : Yogesh Mishra

हिटलर ने प्रकृति को ही हथियार की तरह प्रयोग करने के लिये एक ड्रीम बेल नामक यंत्र का निर्माण किया था ! जो पूरी तरह से स्वचालित यंत्र था ! इसमें प्रकृति के तीन तत्वों को नियंत्रित करने का सामर्थ्य…
हिटलर ने प्रकृति को ही हथियार की तरह प्रयोग करने के लिये एक ड्रीम बेल नामक यंत्र का निर्माण किया था ! जो पूरी तरह से स्वचालित यंत्र था ! इसमें प्रकृति के तीन तत्वों को नियंत्रित करने का सामर्थ्य…
नाज़ियों का मानना है कि सच्चे आध्यात्मिक आर्यों तिब्बत हिमालय में रहते हैं ! इसीलिये 1938 में पांच युवा जर्मन वैज्ञानिकों जिसमें भूवैज्ञानिकों, जीवविज्ञानी, और मानवविज्ञानी को स्नेगोव के देश में भेजा गया था ! वह सभी हेनरिक हिमलर के…
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये लगाये गये राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान देश के कई महानगरों और अन्य बड़े शहरों से हज़ारों की संख्या में प्रवासी मज़दूरों ने बोरिया बिस्तर समेट कर अपने गृह राज्यों की ओर पैदल…
आज कल भारत कूटनीतिक स्तर पर विश्व में सबसे ताकतवर देशों में उभरा है ! आर्थिक, सामरिक, राजनयिक तथा तकनीकी क्षेत्र में सभी विकसित देश भारत को ध्यान में रखकर अपने दिशा भी तय कर रहे हैं ! आज वस्तुतः…
अनुभवी पूर्वज और शास्त्र बतलाते हैं कि यह लेह तथा तिब्बत के बीच में पूरे विश्व के सर्वोच्च सूक्ष्म आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र “शंग्रीला घाटी” मौजूद है ! जैसे पश्चिम जगत में बरमूडा ट्राएंगल ! जिसमें कोई वस्तु अगर चली…
हम सभी जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है ! वर्तमान समय में पूरे विश्व में जो कोरोना की महामारी फैली हुई है ! उससे विश्व के सभी उद्योग धंधे लगभग बंद हैं ! विश्व के सभी देशों…
हिटलर ने परमाणु बम के निर्माण की तकनीकी शंग्रीला घाटी के एक प्रमुख रहस्यमय जाति जो अलौकिक शक्तियों से संपन्न थी ! उसकी मदद से अन्तरिक्ष निवासी एलियंस से प्राप्त हुयी थी ! जिसे जर्मन के हराने के बाद एक…
यह एक कठोर सत्य है कि आज हर चीज की कीमत पैसे से लगाई जाती है अर्थात कहने का तात्पर्य यह है कि अगर आपके पास हाथ में कैश पैसा नहीं है तो आपके पास कितनी भी बड़ी संपत्ति पड़ी…
सनातन सभ्यता के इतिहास में विश्व के पूर्व का सबसे बड़ा रहस्य शंग्रीला घाटी है ! इस घाटी का अनुमानित स्थान भारत के उत्तर में अमु-दरिया और सीर-दरिया नदियों के बीच है ! नवीं सदी में मुसलमानों के आक्रमण के…
शीत युद्ध की समाप्ति और दो ध्रुवीय विश्व की प्रतीक ‘‘बर्लिन की दीवार’’ के नवम्बर 1989 मे ढह जाने के साथ एक नई विश्व व्यवस्था का अधिकृत रूप से आगाज हो गया है ! आज भू-मण्डलीकरण, उदारीकरण और निजीकरण की…