हम सभी जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है ! वर्तमान समय में पूरे विश्व में जो कोरोना की महामारी फैली हुई है ! उससे विश्व के सभी उद्योग धंधे लगभग बंद हैं ! विश्व के सभी देशों की अर्थव्यवस्था निरंतर गिरती जा रही है !
ऐसी स्थिति में किसी भी देश के नागरिकों के जिंदा रहने के लिये सबसे पहली आवश्यकता भोजन है ! जो किसान खेतों में पैदा करता है ! उस स्थिति में मात्र एक माह बाद अषाढ़ से कृषि का मौसम आरंभ होने वाला है ! इसी समय भारत में टिड्डी दल का हमला एक प्रायोजित साजिश नजर आता है !
टिड्डी दल भयंकर तरीके से हमले कर रहे हैं ! राजस्थान, गुजरात, पंजाब, मध्यप्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश खासतौर पर इसके निशाने पर हैं ! पहली बार टिड्डी दलों ने जयपुर जैसी शहरी आबादी क्षेत्र में घुसपैठ की है ! यह जिस क्षेत्र में जाते है वहां पूरी हरियाली और फसल सफाचट कर देते हैं ! टिड्डियों का यह हमला रबी फसलों और विशेषकर गेहूं, सरसों, चना आदि की फसलों की भारी तबाही कर सकता है !
टिड्डी दल के हमले को देख कर भारत के किसानों में हड़कंप मचा हुआ है ! कृषि विभाग और प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर क्षेत्रीय पटवारी और कृषि अधिकारियों को मौके पर भेजा है और लोगों से ध्वनि यंत्र बजाकर टिड्डियों को भगाने की अपील की है !
वैसे टिड्डी के वर्गीकरण के संबंध में विशेषज्ञों के मतों में कुछ विभिन्नता है ! किंतु लगभग सभी वर्तमान विद्वान् इसके अंतर्गत 12 वंश रखते हैं !
शीजोडैक्टाइलिडी, ग्रिल्लैक्रिडाइडी, फ़ैज्मोडाइडी, टेटिगोनिडी, स्टीनो-पेल्मैटिडी, प्रोफ़ैलैंगोप्सिडी, ग्रिल्लोटैल्पिडी, ग्रिल्लिडी, टेट्रिगिडी, प्रास्कोपाइडी, न्युमोरिडी, यूमैस्टैसिडी, एक्रिडाइडी, सिलिंड्रैकेटिडी तथा ट्राइडैक्टाइलिडी !
इनमें से कुछ जिन्हें विशेष ध्वनि तरंगों द्वारा किसी विशेष दिशा में हमला करने के लिये नियंत्रित और निर्देशित किये जा सकते हैं ! इसके लिये विशेष यंत्रों का निर्माण बहुत पूर्व ही विभिन्न देशों में किया जा चुका है ! आपने देखा होगा कि चीन द्वारा निर्मित विशेष घरेलू यंत्र आते हैं ! जो छ्पकली, काकरोच, परंगे, चूहा आदि को घर से एक विशेष दिशा में बाहर भागने में सहायक होते हैं ! यह भी ऐसा ही कुछ हो सकता है ! वैसे तो भारत की कृषि पर सामान्य टिड्डी हमला प्रतिवर्ष होता है ! लेकिन अब की बार कोरोना काल में अफ्रीका, अरब से आये हुये टिड्डियों का यह हमला कई हजार गुना अधिक है ! जो सामान्य नहीं लगता है !
अतः मेरे दृष्टिकोण से इस विषय पर भी विचार किया जाना चाहिये कि कहीं कोरोना वायरस काल में भारतीयों में खाद्यान्न की समस्या उत्पन्न करने के लिये यह कोई विकसित तकनीक द्वारा प्रायोजित टिड्डी हमला तो नहीं है और यदि ऐसा है तो हमारे ध्वनि और जीव वैज्ञानिकों को इस पर यथा शीघ्र कार्य आरंभ कर देना चाहिये ! जिससे भविष्य में 130 करोड़ की आबादी वाले देश के नागरिकों को अन्न के अभाव में भूख से न मरना पड़े !!