Sadhna

जानिये शक्तिपात में सदैव कौन कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए | Yogesh Mishra

जिस तरह किसी व्यक्ति की भौतिक सम्पन्नता या विपन्नता का आंकलन उसकी भौतिक सम्पति और धन से किया जाता है, ठीक उसी तरह किसी व्यक्ति की आध्यात्मिक सम्पन्नता या विपन्नता का आंकलन उसकी आध्यात्मिक शक्ति (प्राण ऊर्जा) से किया जाता है ! जिस व्यक्ति में जितनी अधिक आध्यात्मिक ऊर्जा होगी, …

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आप सब कुछ बदल सकते हैं बस | उर्जा को नियंत्रित करना सीखें Yogesh Mishra

हर व्यक्ति की ऊर्जा संरचना और मानसिक बनावट किसी भी दुसरे व्यक्ति से भिन्न होती है ! ग्रह स्थितियां भले सामन हो जाएँ पर जीवन में घटनाएँ समान इसीलिए नहीं होती ,क्योकि ईश्वर ने सबको अलग बनाया है ! इस कारण सबके सोचने-समझने की शक्ति ,कर्म की क्षमता स्थिति ,परिस्थितियां …

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जानिये नग्नता की अपार ऊर्जा का पूरा रहस्य | Yogesh Mishra

नग्नता जीवन का आरम्भ बिन्दु है जो नग्न नहीं है उसका जीवन शुरू ही नहीं हुआ है शायद इसीलये हम नग्न ही पैदा होते हैं या यूँ कहें कि प्रकृति में सभी नग्न ही पैदा होते हैं ! और जब माया से परे आत्म बोध होता है तो हम पुनः …

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जानिये साधक समाज में लोगों से मिलना-जुलना क्यों छोड़ देते हैं ! Yogesh Mishra

आपने देखा होगा कि जब कोई संत अपने साधना की पराकाष्ठा पर पहुंच जाता है, तो वह समाज के अन्य व्यक्तियों के साथ मिलना जुलना लगभग बंद कर देता है ! इसका मुख्य कारण क्या है ? गहराई से चिंतन करने पर पता चलता है कि जब व्यक्त साधना की …

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ध्यान से होती है बिना दवा के असाध्य रोगों की चिकित्सा कैसे करें | Yogesh Mishra

हमारे वेदों में और पाणिनी सूत्र में “जीवनी ऊर्जा चिकित्सा” का उल्लेख मिलता है ! वेदों के अनुसार जीवनी ऊर्जा को “प्राण शक्ति” का नाम दिया गया है ! यह प्राण शक्ति “वह” शक्ति है, जो प्रत्येक जीव में सतत रूप से कार्य करती है और जिसके क्षीण पड़ने पर …

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साधना से सही-सही पूरा लाभ कैसे उठायें ! कब करें साधना | Yogesh Mishra

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि ज्योतिष में चंद्रमा की गति के अनुसार महादशा की गणना की जाती है | प्रत्येक ग्रह की महादशा के अंदर अंतर्दशा, अंतर्दशा के अंदर प्रत्यंतर दशा, प्रत्यंतर दशा के अंदर सूक्ष्म दशा और सूक्ष्म दशा के अंदर प्राण दशा होती है | हमारा …

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दिव्य आध्यात्मिक सिद्धि प्राप्ति के लिये क्या करें ? ज्ञानवर्धक जरूर पढ़े !

दिव्य आध्यात्मिक सिद्धि की प्राप्ति में मन चंचलता के रूप में सबसे बड़ी बाधा उत्पन्न करता है | अधिकांशतः यह होता है कि हमे हमारा मन जहाँ ले जाये वही बह जाते है और उस के अनुरूप व्यवहार करते है | मन की चंचलता को आसानी से नियंत्रित नही किया …

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आरंभिक साधक को नकारात्मक विचारों वाले व्यक्तियों से क्यों दूर रहना चाहिए ? जरूर पढ़ें !

दो व्यक्तियों के मध्य सकारात्मक ऊर्जा का आदान प्रदान हो यह आवश्यक नहीं. इसका अर्थ यह है कि नकारात्मक ऊर्जा किसी दुसरे व्यक्ति से सात्विक व्यक्ति को बिना किसी चेतावनी के शांत रूप में प्रवेश कभी भी कर सकती है. सात्विक व आध्यात्मिक व्यक्ति की ऊर्जा की प्रकृति और कार्यशैली, …

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आध्यात्मिक दिव्य ऊर्जा का क्षय कैसे हो जाता है ? क्षय होने से बचाने के उपाय !

आध्यात्मिक दिव्य ऊर्जा के क्षय का सबसे प्रमुख कारण मन के सभी छोटे और बड़े नकारात्मक विचार होते हैं | ऐसे विचारो मे अधिकांशतः विचार तुलनात्मक , निषेधात्मक और अपेक्षात्मक होते हैं, जो कि मानव मन को असहज बना देते हैं | भविष्य की आवश्यकता से भी अधिक चिन्ता भी …

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जानिये : दिव्य आध्यात्मिक ऊर्जा के हस्तान्तरण व रूपांतरण किसके द्वारा होता है !

ऊर्जा के हस्तान्तरण के लिए ज्ञान और ईश्वर की कृपा होना आवश्यक है. उदाहरण के लिए बिना जाने विदुत के तार को सीधे पकड़ लिया जाये तो व्यक्ति को करेंट लग कर करंट की क्षमता के अनुसार शारीरिक नुकसान होता है. विद्युतीय करंट उदासीन है , उसका कर्म है केवल …

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