Tag Archives: astrology

संतान सुख के लिये नारायण नागबलि अनुष्ठान : Yogesh Mishra

नारायण नागबली छविनारायण नागबलि यह दोनो अनुष्ठान पद्धतियां संतान सुख की अपूर्ण इच्छा, कामना पूर्ति के उद्देश से किय जाते हैं ! इसीलिए यह दोनो अनुष्ठान काम्य प्रयोग कहलाते हैं ! वस्तुत: नारायणबलि और नागबलि यह अलग-अलग पूजा अनुष्ठान हैं ! नारायण बलि का उद्देश मुखत: पितृदोष निवारण करना है …

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सभी प्रमुख धर्मों की उत्पत्ति शैव उपासना से हुई है ! : Yogesh Mishra

भगवान शिव की पूजा या आराधना एक गोलाकार पत्थर के रूप में की जाती है जिसे पूजा स्थल के गर्भगृह में रखा जाता है ! सिर्फ भारत और श्रीलंका में ही नहीं, भारत के बाहर विश्व के अनेक देशों में शिव की पूजा की जाती रही है ! दुनियाभर में …

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शैव जीवन शैली ही अनादि है और अनन्त है ! : Yogesh Mishra

वैष्णव जीवन शैली लाखों वर्ष बाद विकसित हुई और उसने विश्व पर शैव जीवन शैली को प्रतिस्थापित कर शासन किया ! शिव भक्ति के विषय में प्रारंभिक जानकारी सिंधुघाटी से प्राप्त होती है ! ऋग्वेद में शिव से साम्य रखने वाले देवता को रुद्र कहा गया है ! महाभारत में …

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शैव तंत्र का तान्त्रिक सम्प्रदायों से साम्य मंथन : Yogesh Mishra

तान्त्रिक संस्कृति में मूलतः साम्य रहने पर भी देश, काल, क्षेत्र, भेद से उसमें विभिन्न सम्प्रदायों का आविर्भाव हुआ है ! इस प्रकार का भेद साधकों के प्रकृति -गत भेद के अनुरोध से स्वभावतः ही होता हैं ! भावी पीढी के ऐतिहासिक विद्वान् ‍ जब भिन्न तान्त्रिक साम्प्रदायों के इतिहास …

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षड्यंत्र एक पौराणिक शब्द है ! जानिए इतिहास : Yogesh Mishra

षड्यंत्र एक पौराणिक शब्द है ! यह तंत्र का विषय है, किन्तु षड्यंत्र का सामान्य अर्थ साज़िश, धोखा देने की योजना, दुरभिसन्धि, गुप्तरूप से की जाने वाली कार्रवाई आदि के रूप में लिया जाता है ! किंतु विश्लेषणात्मक रूप से देखें तो ‘षड्यंत्र’ शब्द बना है, षट्+यंत्र = षड्यंत्र अर्थात् …

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सनातन ज्ञान एक दृष्ठि में अवश्य पढ़ें : Yogesh Mishra

सनातन ज्ञान अनादि अन्नत है ! उसे शब्दों में बांधना ही सम्भव नहीं है ! किन्तु अगली पीढ़ी के लिये यह लेख लिखा जा रहा है ! जिससे वह भी सनातन ज्ञान को एक दृष्ठि में जान सकें क्योंकि अब नितान्त खाली बैठे हुये भी अधिकतर हिन्दुओं के पास अपने …

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क्या गहन साधना के लिये निर्मित हुये थे टर्की के भूमिगत कस्बे !! : Yogesh Mishra

सभी सनातन धर्म को मानाने वाले जानते हैं कि साधना 20 डिग्री से काम तापमान पर जितनी अच्छी तरह हो सकती है अन्य उच्च तापमान पर सम्भव नहीं है ! क्योंकि कि 20 डिग्री से कम तापमान पर पसीना नहीं आता है ! उमस और गर्मी नहीं लगती है ! …

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जानिए वास्तु दोष और कर्ज का सम्बन्ध : Yogesh Mishra

कई बार परिस्थितियों के आगे मजबूर होकर व्यक्ति को कर्ज लेने की नौबत आ जाती है और फिर कर्ज खत्म होने का नाम नहीं लेते ! इसका कारण वास्तु दोष भी हो सकता है ! एक कर्ज उतरा नहीं कि दूसरा लेने की नौबत आ जाए और इस स्थिति से …

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राहुकाल का शास्त्रीय विश्लेषण अवश्य पढ़े : Yogesh Mishra

ज्योतिष शास्त्र में हर दिन को एक अधिपति दिया गया है ! जैसे- रविवार का सूर्य, सोमवार का चंद्र, मंगलवार का मंगल, बुधवार का बुध, बृहस्पतिवार का गुरु, शुक्रवार का शुक्र व शनिवार का शनि ! इसी प्रकार दिन के खंडों को भी आठ भागों में विभाजित कर उनको अलग-अलग …

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शनि की ढ़ैया या साढ़ेसाती से घबड़ाइये मत : Yogesh Mishra

इस संसार जिसका भी जन्म होता है उसे शनि की साढ़ेसाती या ढ़ैया के प्रभाव से गुजरना ही पड़ता है ! शनि के प्रभाव से भगवान भी नहीं बच सके ! अब प्रश्न उत्पन्न होता है कि क्या जातक को शनि केवल कष्ट देता है ! ऐसा नहीं है ! …

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