Tag Archives: astrology

जानिए क्यों आयुर्वेद ज्योतिष ज्ञान के बिना अधूरा है !! Yogesh Mishra

आयुर्वेद और ज्योतिष शास्त्र का चोली-दामन का संबंध रहा है, पूर्वकाल में हर वैद्य आयुर्वेद के साथ ग्रह-नक्षत्रों का भी अच्छा खासा ज्ञान रखता था ! औषधि किस मुहूर्त में ग्रहण करनी है, और किस नक्षत्र में रोगी को सेवन करना आरम्भ करनी है? रोग किस नक्षत्र में आरम्भ हुआ …

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विदेश यात्रा या विदेश-निवास के कुंडली में योग | Yogesh Mishra

आज से लगभग सौ-सवा सौ वर्ष पूर्व जिस विदेश वास या विदेश यात्रा को अभिषप्त समझा जाता था, वर्तमान समय में उसी विदेश यात्रा या विदेश-वास को लेकर जातक अधिक उत्साहित होकर प्रश्न करते हैं ! मेरी कुण्डली में विदेश वास का योग है? या फिर कम-से-कम विदेश यात्रा का …

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नक्षत्रों के अनुसार रोग से कष्ट एवं उसका उपचार : Yogesh Mishra

1- अश्विनी नक्षत्र – जातक को वायुपीड़ा, ज्वर, मतिभ्रम आदि से कष्ट. उपाय : दान पुण्य, दीन दुखियों की सेवा से लाभ होता है ! 2- भरणी नक्षत्र – जातक को शीत के कारण कम्पन, ज्वर, देह पीड़ा से कष्ट, देह में दुर्बलता, आलस्य व कार्य क्षमता का अभाव ! …

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जानिए ज्योतिष और रोग का पूर्वानुमान कैसे लगायें : Yogesh Mishra

ज्योतिष से रोग का पूर्वानुमान कैसे किया जा सकता है ! इसकी कुछ आरंभिक जानकारी पर आज लेख लिख रहा हूँ ! काल पुरूष की कुंडली में मनुष्य शरीर के सभी अंगों को 12 भावों में बांटा गया है ! इन 12 भावों में कालपुरूष की 12 राशियां ही आती …

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जानिए योग आसनों से लाभ : Yogesh Mishra

योग आसनों द्वारा रोगों का इलाज की पद्धति बहुत पुरानी है ! योग में 84 मुख्य योगासन का अभ्यास संभव है ! महान चिकित्सकों और विद्वानों का कथन है कि जितनी भी अन्य चिकित्सा प्रणालियां संसार में हैं, वह सब योग चिकित्सा प्रणाली के बहुत बाद में जन्मी हैं ! …

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योग क्या है !! इसका वास्तविक अर्थ जाने : Yogesh Mishra

योग दिवस आने वाला है ! बड़े बड़े नेता उस दिन सार्वजनिक मंचों पर शाररिक व्यायाम करते नज़र आयेंगे ! लोग रामदेव के प्रभाव में फूं फां को ही योग समझने लगे हैं ! जबकि योग इससे अलग पूर्ण आत्म उत्थान की विधि है !! चित्तवृत्तियों का निरोध ही योग …

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डिप्रेशन रोग नहीं एक भावनात्मक मानसिक अवस्था है !! : Yogesh Mishra

सभी जानते हैं वर्तमान युग भागदौड़ और कशमकश भरा है ! आज के युग में हर इंसान मशीन के जैसे जीवनयापन करने के लिये मजबूर है ! कारण हर इंसान की आकांक्षाएं और महत्वकांशायें इतनी हो गई हैं कि, वह किसी भी तरह से अपने आप से संतुष्ट नहीं हो …

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जानिए विवाह विलंब में मंगल की भूमिका : Yogesh Mishra

वर या वधु किसी एक की कुंडली में मंगल का सप्तम में होना और दूसरे की कुंडली में 1 !4 !7 !8 या 12 में से किसी एक में मंगल का नहीं होना पति या पत्नी के लिये हानिकारक माना जाता है ! उसका कारण होता है कि पति या …

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जानिए विवाह उपरान्त भाग्य उदय क्यों !! : Yogesh Mishra

विवाह मानव जीवन का एक प्रमुख संस्कार है ! विवाह के बाद एक युवक ओर युवती को आजीवन एक साथ रहना होता है ! शास्त्रों में पत्नी को “अर्द्धांगिनी” कहा गया है ! पति का दुःख ओर सुख पत्नी का भी दु:ख, सुख होता है, क्यों की विवाह के बाद …

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ज्योतिष की द्रष्टि से संतान होगी भी या नही : Yogesh Mishra

“संतान होगी भी या नही?” इस विषय पर ज्योतिष शास्त्र में महर्षि पराशर ने बहुत स्टीक ग्रह गणना पद्धति प्रस्तुत की है ! पुरुष के लिए “बीज स्फुट” और स्त्री के लिए “क्षेत्र स्फुट” ! हालांकि इस ग्रह गणना के परिणाम कोई अंतिम और निर्णायक नहीं हो सकते, किन्तु फिर …

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