Tag Archives: shaivism and vaishnavism conflict

षडयंत्र मृत्यु-भोज पर : Yogesh Mishra

भारतीय वैदिक परम्परा के सोलह संस्कारों में मृत्यु यानी अंतिम संस्कार भी शामिल है ! इसके अंतर्गत मृतक के अग्नि या अंतिम संस्कार के साथ कपाल क्रिया, पिंडदान आदि किया जाता है ! स्थानीय मान्यता के अनुसार तीन या चार दिन बाद श्मशान से मृतक की अस्थियों का संचय किया …

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मौत का भय इंसान से पहले ईश्वर को मार डालता है : Yogesh Mishra

वैसे तो सामान्य परिस्थितियों में विश्व के सभी धर्मों को मानने वाले अपने अपने भगवान की तारीफ करते नजर आते हैं लेकिन जब भगवान परीक्षा लेता है तो भक्त प्रायः भगवान पर संदेह करने लगते हैं और उसी का परिणाम है कि व्यक्ति धर्म च्युत होकर उसका पतन हो जाता …

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पूतना राक्षसी नहीं चंद्रवंशीय क्षत्राणी थी : Yogesh Mishra

पूतना राक्षसी नहीं बल्कि चंद्रवंशीय क्षत्राणी थी ! उसके बचपन का नाम स्वाति था और वह कंस के बचपन की मित्र और कंस के सेनापति प्रद्युम्न की पत्नी थी ! जब कंस को पता चला कि उसके पिता उग्रसेन के महामंत्री यदुवंशी शूर के पुत्र वासुदेव जो कि देवकी के …

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हमें धर्म स्थलों से दूर रखना, कहीं विश्व सत्ता की साजिश तो नहीं है : Yogesh Mishra

यह एक सामान्य मनोविज्ञान का शोध है कि यदि किसी व्यक्ति की दिनचर्या से किसी कार्य को निरंतर 40 दिन के लिये अलग कर दिया जाये, तो वह व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी नई दिनचर्या में उस कार्य को स्थाई रूप से त्याग देता है ! इस पर अनेकों प्रमाणित शोध भी …

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रावण ने हनुमान के पूंछ में आग नहीं लगवाई थी : Yogesh Mishra

न ही हनुमान जी बंदर रूपी जानवर थे और न ही उनके कोई पूंछ लटका करती थी ! बल्कि वह एक अति विद्वान वन नर अर्थात जंगल में रहने वाले मनुष्यों के समूह के व्यक्ति थे ! जिन्होंने बचपन में ही अति मेधावी होने के कारण सूर्य के ज्योतिष सिद्धांतों …

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बौद्ध शूद्र ब्राह्मणों का विरोध क्यों करते हैं : Yogesh Mishra

पुष्यमित्र सुंग ने बृहद्रथ को क्यों मारा पूरा सत्य है यह है कि पुष्यमित्र सुंग नामक देशभक्त ने बृहद्रथ नामक देश के गद्दार को मारा अथवा उसे प्राणदंड की सजा दी ! असल में पुष्यमित्र शुंग, महाराज बृहद्रथ के सेनापति थे ! वह अत्यंत योग्य थे एवं राष्ट्रहित में चिंतित …

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राम सेतु का निर्माण राम ने नहीं रावण ने किया था : Yogesh Mishra

भारत के समुद्र विज्ञान के राष्ट्रीय संस्थान के शोधकर्ताओं के अनुसार 7500 साल पहले समुद्र का जल स्तर आज से 100 मीटर नीचे था ! पिछले 7500 साल पहले हुये राम रावण के युद्ध में प्रयोग किये गये अस्त्र शस्त्रों ने पृथ्वी के तापमान को बढ़ा दिया था और उससे …

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घोषित तानाशाह और छद्म तानाशाह : Yogesh Mishra

किसी भी लोकतान्त्रिक देश के शासन व्यवस्था में तीन संवैधानिक और एक अघोषित अर्थात चार स्वतन्त्र अंग होते हैं ! पहला विधायिका – यह अंग देश की जनता द्वारा चुने गये जनप्रतिनिधियों द्वारा सामूहिक रूप से देश के संचालन के लिये क़ानून बनाता है ! दूसरा कार्यपालिका – यह देश …

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नई विश्व व्यवस्था में कृतिम भुखमरी का दुष्चक्र : Yogesh Mishra

आने वाले समय में अन्न पर पहला हक़ रोटी, शराब और पेट्रोल में किसका होगा ! जैसा कि फोटो से स्पष्ट है कि गोदामों में अनाज सड़ता नहीं बल्कि किसी के इशारे पर जानबूझ कर खाने का अनाज सड़वाया जाता है ! पर क्यों और कौन करवाता है यह सब …

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क्या कोरोना आंदोलन के हमारे मौलिक अधिकार को खा जायेगा : Yogesh Mishra

लोकतंत्र की खूबसूरती यही है कि यदि आम जनमानस की भावनाओं का जनप्रतिनिधि सम्मान न करें तो नागरिकों को यह अधिकार है कि वह अपने मौलिक अधिकार की रक्षा के लिये संगठन या समूह बनाकर आंदोलन खड़ा कर सकते हैं ! इसके लिये उन्हें किसी से आज्ञा लेने की आवश्यकता …

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