आखिर ताजमहल में भगवा पर प्रतिबंधित क्यों : Yogesh Mishra

वैसे तो मोदी और योगी राज्य में भगवा दुपट्टे और गमछों का चलन बढ़ा है ! लेकिन ताजमहल में भगवा रंग के दुपट्टों को पहनकर पहुंची विदेशी मॉडल्स को सुरक्षा जांच के दौरान उन्हें रोक दिया गया ! सुपर मॉडल इंटरनेशनल कार्यक्रम में दिल्ली से आईं 34 देशों की मॉडलों (सुंदरियों ) में अधिकांश ने धूप से बचने के लिये भगवा दुपट्टों को ओढ़ रखा था ! लेकिन सी.आई.एस.एफ. ने इन्हें उतरवाकर बाहर रखवा दिया ! जबकि ताज में केवल हिन्दू धार्मिक प्रतीक चिन्ह और पूजा सामग्री पर ही रोक है ! नियमों का हवाला देकर इनके दुपट्टे गेट पर ही रखवा लिये गये ! जबकि इनके पर्यटन हेतु पुलिस के अधिकारी सुशांत गौर इन सुंदरियों की सुरक्षा में तैनात थे !

पूछने पर बताया गया कि इस तरह की धार्मिक वस्तुओं का ताजमहल में प्रवेश प्रतिबंधित है ! चेकिंग के दौरान सुदंरियों की कैप और टी शर्ट पर भी किसी भारतीय कंपनी का नाम लिखा था ! इस पर भी आपत्ति जताई गई ! हालांकि एक माडल ने गेट पर ही भगवा दुपट्टे के साथ सेल्फी ले ली ! इस पर भी आपत्ति की गयी ! ताजमहल में सुरक्षा जांच के नाम पर इस घटना से विदेशी मॉडल भावनात्मक रूप से बहुत आहत हुये !

इसी तरह 24 अक्तूबर 2012 में वनवासी सत्संग समिति की सदस्यों के भी गेंरुये रामनामी उतरवा दिए गये थे ! वह लोग मीना बाजार मैदान पर हो रही कथा के लिये आगरा आई थीं ! ताजमहल देखने के लिये उन्हें धार्मिक समूह मानते हुये उनके प्रवेश पर भी रोका उन्हें गया था ! तब यह मामला मंत्रालय तक पहुंचा था ! वनवासी सत्संग समिति की महिला सदस्यों को ताजमहल में सुरक्षा के नाम पर अपमानजनक स्थितियों का सामना करना पड़ा !

उस समय भी गेरुआ वस्त्रों में देख सी.आई.एस.एफ. जवानों ने उन्हें पहले तो प्रवेश से रोका ! फिर काफी जद्दोजहद के बाद उनके रामनामी उत्तरीय (दुपट्टे) उतरवाकर ही उन्हें अन्दर जाने दिया ! जबकि इन पर रोक भी नहीं है ! उनकी जवानों से तीखी नोंकझोंक भी हुई ! वनकन्याओं ने इसे एक राष्ट्रीय स्मारक पर नियमों की आड़ में की जा रही तानाशाही करार दिया था ! सी.आई.एस.एफ. का कहना है कि इन युवतियों द्वारा धार्मिक प्रदर्शन किये जाने की ‘आशंका’ थी !

जबकि वनवासी समाज की युवतियों का तर्क था कि वह अपनी विशिष्ट वेशभूषा थीं ! गेरुआ वस्त्र और ऊपर से रामनामी उत्तरीय ! इनमें कुछ साड़ी तो कई लंबा कुर्ता भी पहनती हैं ! उत्तरीय को वह दुपट्टे की तरह इस्तेमाल करती हैं ! टिकट लेने के बाद जब वह गेट पर पहुंची तो उन्हें रेड जोन की सुरक्षा में तैनात जवानों ने रोका ! और उनके किसी धार्मिक समूह से होने की बात कहकर प्रवेश देने से इनकार कर दिया ! वनकन्याओं ने समझाया कि यह उनका बाना है और यहां वह सिर्फ ताज देखने आई हैं ! लंबी बहस के बाद जवानों ने उनके रामनामी दुपट्टे उतरवा लिये तब प्रवेश करने दिया ! युवतियों ने उत्तरीय उतारने के बाद असहज महसूस कर रही वन कन्याएं पूरा ताज देखे बिना कुछ ही समय में बाहर आ गईं !

उनका कहना था कि वह किसी धार्मिक उद्देश्य से वहां नहीं आई थीं ! जिस तरह से उनके दुपट्टे उतरवाये गये ! वह नियमों की गलत व्याख्या और उनका अपमान है ! यदि देश में ऐसे ही नियमों की मनमानी व्याख्या की जाती रही तो वह दिन दूर नहीं कि भारत के माननीय प्रधान मंत्री श्री मोदी जी को, गृह मंत्री अमित शाह जी को, पूर्व जल संसाधन मंत्री साघ्वी उमा भारतीजी को तथा उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री महन्थ आदित्यनाथ योगी जी को भी अपने भगवा बस़्त्र उतारने पड़ सकते है ! जबकि यह भारतीय संविधान में प्रदत्त मूल अधिकार तथा नीति निर्देशक तत्व का यह घोर उलंघन है !

दशकों पहले इसी ताज परिसर में आवले के पेड़ की पूजा हो रही थी ! ताज प्रशासन ने न केवल इस परम्परा को बन्द करा दिया अपितु वह पेड़ ही कटा दिया है ! इससे काफी पहले तो दशहरे के अवसर पर ताज परिसर में मेले तक लगये जाते थे ! जिसे धर्मिक कार्यक्रम बतला कर बन्द करा दिया गया और अब वह पूजन दशहरे घाट पर किया जाने लगा है ! ताज महल में ऐसे अनेक अवसर आये ! जब हिन्दू धर्मावलम्बियों के साथ ही यह भेद भाव किया जाता रहा है ! लगता है यहां भारतीय संविधान न लागू होकर शरियत का कानून लागू होता है !

जबकि सभी जानते हैं कि ताजमहल वास्तव में शिव मंदिर है ! इसके 100 से भी अधिक प्रमाण और तर्क विश्व विख्यात इतिहासकार श्री पी.एन. ओक अपनी पुस्तक में दिये हैं ! कि ताजमहल वास्तव में शिव मंदिर है जिसका असली नाम तेजोमहालय था ! यहां के धर्मावलम्बी निवासियों की सदियों से दिन में पाँच शिव मंदिरों में जाकर दर्शन व पूजन करने की परंपरा रही है ! विशेषकर श्रावन के महीने में !

पिछले कुछ सदियों से यहां के भक्तजनों को बालकेश्वर, पृथ्वीनाथ, मनकामेश्वर और राजराजेश्वर नामक केवल चार ही शिव मंदिरों में दर्शन-पूजन उपलब्ध हो पा रहे हैं ! वह आज भी अपने पाँचवे शिव मंदिर को खोज रहे हैं ! जहां जाकर उनके पूर्वज पूजा पाठ किया करते थे ! स्पष्टतः वह पाँचवाँ शिव मंदिर आगरा के इष्टदेव नागराज अग्रेश्वर महादेव नागनाथेश्वर ही है जो कि तेजोमहालय मंदिर उर्फ ताजमहल में प्रतिष्ठित हैं !

वैसे ताजमहल में प्रवेश करने से पहले विदेशी मॉडल को भगवा दुपट्टा उतारने पर मजबूर करने को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है ! सरकार ने मामले की जांच का आदेश दिया है ! केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने कहा कि अब आप कुछ भी पहन कर जा सकते हैं ! पहनावे को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं है !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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