ज्योतिष अनुसार किस व्यवसाय में कब, कहाँ, कितनी सफलता मिलेगी !

कुंडली में व्यवसाय को देखते समय हमें लग्न से दूसरा, सातवां, दसवां और ग्यारवां भाव का अध्ययन करना आवश्यक होता है ! जैसा की आपको पता है की लग्न कुंडली का आधार है ! हम जो भी कार्य करते हैं उसकी हमें हमारा शरीर आज्ञा देता है या नहीं उसे देखना हमारा सबसे पहला कार्य है !

जैसे की हम बहुत ज्यादा शारीरिक मेहनत वाला कार्य करना चाहते हैं, लेकिन कुंडली का लग्न भाव हमें ज्यादा मेहनत करने वाला नहीं बता रहा है, तो हम उस कार्य के समान शारीरिक मेहनत नहीं कर पाते और असफलता का सामना करना पड़ता है ! साथ ही हमारा लग्न किस राशि में यानी चर स्‍थिर या दिस्वभाव राशि का है उसका भी हमारे कार्य पर प्रभाव पड़ता है ! अत: उसका भी ध्यान रखना आवश्यक है !

कुंडली में दशम भाव हमारे कर्म का भाव है ! कर्म क्षेत्र में हमें कितनी सफलता मिलेगी, कितना संघर्ष करना पड़ेगा आदि की स्‍थिति इसी भाव पर निर्भर करती है, इसलिए यदि कोई ग्रह दशम भाव में बली होकर स्‍थित है, तो उस ग्रह से सम्बन्धित कार्य में हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं !

दशम से दशम भाव यानी की कुंडली का सातवां भाव भी व्यवसाय के मामले में मुख्य भूमिका निभाता है, साथ ही यह भाव साझेदारी में व्यवसाय को भी दर्शाता है ! साझेदारी में कियह हुयह कार्य में हमें लाभ मिलेगा या धोखा मिलेगा, इसका ज्ञान हमें यह ही भाव करवाता है, इसलिए कोई भी कार्य करते समय इस भाव का अध्ययन आवश्यक होता है !

इसके बाद आता है, ग्‍यारहवां भाव जो कि लाभ आय का होता है ! किस वस्तु से हमें कितना लाभ हो सकता है, उसे यह ही भाव दर्शाता है ! हमारी इच्छाओं की पूर्ति का भी यही भाव है ! इसलिए इस भाव में यदि कोई ग्रह बली होकर स्‍थित है, तो उस ग्रह से सम्बन्धित व्यवसाय करके हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं !

कुंडली का दूसरा भाव धन भाव कहलाता है ! हम कितना धन संचित कर पाएंगे उसकी जानकारी हमें यह ही भाव देता है ! अत: इस भाव में स्‍थित ग्रह के व्यवसाय से हम धन लाभ ले सकते हैं, इसलिये कोई भी कार्य करते समय इन सभी भावों में स्‍थित ग्रहों में से जो ग्रह कारक होकर बली अवस्था में हो उससे सम्बन्धित यदि आप व्यवसाय करते हैं, तो उसमे आपको सफलता मिलने के ज्यादा योग बन जाते हैं !

और यदि इनमें से किसी में भी कोई ग्रह नहीं है, तो फिर इन भावों में स्‍थित मालिकों की स्‍थिति देखकर उनके अनुसार आप व्यवसाय कर सकते हैं ! कोई भी कार्य करते समय आपको अपनी शारीरिक दक्षता और देश काल परिस्‍थिति का ध्यान रखना आवश्यक है ! एक ग्रह के अंतर्गत अब बहुत से कार्य आने लग गये हैं ! अत: आप व्यवसाय की सफलता के विषय में काफी सोच विचार के बाद ही अंतिम निर्यण पर पहुंचे !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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