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बुद्धिजीवियों की दुर्गति क्यों होती है : Yogesh Mishra

भगवान श्री कृष्ण के श्री मुख से निकली हुई श्रीमद भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं कहा है कि यदि ज्ञानमार्गी साधकों का ज्ञान मार्ग में समर्पण नहीं है और वह मात्र वेदों का अनुकरण कर रहे हैं…

योग्य गुरु को क्रोधी क्यों होना चाहिये : Yogesh Mishra

उच्चतम आध्यात्मिक सत्य सनातन ज्ञान मात्र भौतिक ज्ञान या कुछ कर्मकाण्डीय श्लोकों को रट लेने से प्राप्त नहीं होता है ! यह एक योग्य गुरु की मानसिक कृपा से ही प्राप्त हो सकता है ! जब गुरु इतना योग्य होता…

आखिर कहां गई संतों की वह ईश्वरीय और आध्यात्मिक ऊर्जा : Yogesh Mishra

आज भारत ही नहीं पूरा विश्व महामारी से जूझ रहा है ! शायद ही कोई ऐसा घर परिवार हो, जिसके अंदर किसी न किसी व्यक्ति की मृत्यु न हुई हो ! ईश्वरीय ऊर्जाओं की चर्चा करने वाले कथावाचक, मठाधीश और…

इजरायल के झंडे में षडचक्र का अलौकिक रहस्य : Yogesh Mishra

योरोपियन तांत्रिकों में जोकव बोहम की ख्याति कुण्डलिनी साधकों के रूप में रही है ! उनके जर्मन शिष्य जान जार्ज गिचेल की लिखी पुस्तक ‘थियोसॉफिक प्रोक्टिका’ में चक्र संस्थानों का विशद वर्णन है जिसे उन्होंने अनुसंधानों और अभ्यासों के आधार…

कर्म का ग्रह ऊर्जा से सम्बन्ध : Yogesh Mishra

भारतीय दर्शन के अनुसार कर्म तीन प्रकार के होते हैं,- 1. संचित कर्म, 2. प्राब्ध कर्म,3. क्रियमाण कर्म ! वर्तमान तक किया गया कर्म संचित कर्म कहलाता है, वर्तमान में जो कर्म हो रहा है, वह क्रियमाण है, संचित कर्म…

ब्रह्म सत्यम जगत मिथ्या का रहस्य : Yogesh Mishra

शंकाराचार्य के इस सूत्र ‘ब्रह्म सत्यम जगत मिथ्या, जीवो ब्रह्मेव नापराह’ का क्या मतलब है ? जब से यह सिद्धांत आया है तबसे इस विषय में कोई स्पष्टता से कुछ नहीं कह सका है ! कुछ विद्वानों और आचार्यों ने…

क्या कोरोना काल में भारत को आध्यात्मिक क्षमता का प्रदर्शन करना चाहिये : Yogesh Mishra

हमारा ऐतराज़ इस नई विश्व व्यवस्था की वक़ालत करने वाले मूल्यों और नियमों को लेकर नहीं है ! बल्कि हमारी आपत्ति उन तरीक़ों और माध्यमों को लेकर है जिन्हें ईजाद करके नई विश्व व्यवस्था लागू करने के लिये किया जा…

चौथा आयाम और दूसरी दुनिया के रहस्य : Yogesh Mishra

हम सभी जानते हैं कि यह संसार सामान्यतया तीन आयाम में चलता है ! लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई इसके अलावा एक आयाम और है जो बहुत महत्वपूर्ण होता है ! उसको कहते हैं समय अर्थात काल ! यह चौथा आयाम…

न देव मरेंगे न दानव ! : Yogesh Mishra

विश्व में सदैव से दो आध्यात्मिक केंद्र प्रकृति द्वारा निर्धारित किये गये हैं ! पहला हिमालय और दूसरा नॉर्थ ईस्ट एशिया ! इसीलिये अधिकतर धर्मों की उत्पत्ति किन्ही दोनों आध्यात्मिक केंद्र की जीवनशैली से हुई है ! इसमें हिमालय और…

मोक्ष के प्राप्ति लिये कर्मफल के बंधन से छुटकारा कैसे पा सकते हैं ! : Yogesh Mishra

श्रीमद् भगवत गीता में भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा है ‘न हि कश्चित् क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत् ’ गीता 3/5 अर्थात, कोई भी व्यक्ति कर्म किये बिना क्षण भर भी नहीं रह सकता है ! अर्थात कर्मयोग, ज्ञानयोग और भक्तियोग किसी भी…