हिन्दू धर्म में पुराणों में वर्णित 84 लाख योनियों के बारे में आपने कभी ना कभी अवश्य सुना होगा ! हम जिस मनुष्य योनि में जी रहे हैं वो भी उन चौरासी लाख योनियों में से एक है ! अब समस्या यह है कि कई लोग यह नहीं समझ पाते …
Read More »बस ईश्वरीय आदेश के लिये तैयार रहिये !! : Yogesh Mishra
हिमालय में देव ऋषियों का एक समूह है ! जो वस्त्र व भोजन से रहित है ! न तो उन्हें भोजन की आवश्यकता है और न ही वस्त्रो की ! ऋषि कई प्रकार के होते हैं जैसे- राज, महर्षि, देवर्षि ! राजा का मार्गदर्शन करने वालों को राज ऋषि कहा …
Read More »प्रकृति का जीव को शरीर परिवर्तन का वरदान : Yogesh Mishra
मात्र मनुष्य को ही नहीं ! प्रकृति ने हर जीव-जंतु, पेड़-पौधे आदि की संरचना इस तरह बनाई है ! यह सभी देश, काल, वातावरण और परिस्थिति के अनुसार धीरे-धीरे अपने आपको प्रकृति के अनुरूप बना सकें ! इसमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि ईश्वर ने जीव को यह …
Read More »पाप और पुण्य दोनों ही मोक्ष में बाधक हैं !! YogeshMishra
मानव शरीर एक भोग योनि है अर्थात व्यक्ति अपने पूर्व में किये गये कर्मों के अनुसार ही मानव शरीर धारण करता है ! व्यक्ति का जन्म कब, कहां, किस परिवेश में, किस धर्म-जाति में, विश्व के किस हिस्से में, किस आहार-विहार विचार के व्यक्तियों के समूह के साथ होगा ! …
Read More »मोक्ष के पीछे का पूरा विज्ञान समझे : Yogesh Mishra
कारण शरीर जीव की प्रकृति का नाम है ! सत्त्वगुण, रजोगुण और तमोगुण, इन तीनों समुदाय से परे कारण शरीर होता है ! यह जीव का सूक्ष्मतम कण हैं ! इसीलिये इसे ‘कारण-शरीर’ कहते हैं ! इसमें आकाश तत्व की प्रधानता होती है ! अब उस प्रकृति रूपी कारण शरीर …
Read More »आध्यात्मिक व्यक्ति संसार से उदासीन क्यों हो जाता है ? Yogesh Mishra
कर्मों के परिणाम को भोगने का मुख्य आधार शरीर ही है ! शरीर को पोषण विभिन्न तरह के विटामिन और मिनिरल खनिज आदि से मिलता है ! जब व्यक्ति के शरीर में साधना, उपासना, व्रत आदि करने के कारण खनिज या विटामिंस की कमी हो जाती है तो व्यक्ति के …
Read More »अब हम जल्द ही कारण शरीर से बात कर सकेंगे !! जाने कैसे ? : Yogesh Mishra
अब विकसित विज्ञान भी मानता है कि भूत-प्रेत की आकृति में अदृश्य एथरिक और एस्ट्रल ऊर्जा भारतीय संस्कृति के अनुसार प्रेत योनि के समकक्ष एक विशेष योनि है ! जो एक प्रकार से प्रेत योनि ही है, लेकिन प्रेत योनि से थोड़ा विशिष्ट होने के कारण उसे प्रेत न कहकर …
Read More »आत्मा को जानना है तो ब्रह्मांड को जानिये !! Yogesh Mishra
यह वाणी का सबसे स्थूल रूप है ! कुछ कहने से पहले उसका विचार हमारा मन सोच लेता है ! जब आप उस स्तर को पकड़ लेते हैं तो वह मध्यमा है ! पश्यन्ति संज्ञानात्मक है ! शब्द बोलने की कोई ज़रूरत नहीं है ! परा वह अनकहा, अप्रकट ज्ञान …
Read More »शास्त्रों के अनुसार यमलोक की यात्रा कैसे करें : Yogesh Mishra
क्या यमलोक अथवा परलोक का अस्तित्व है ? क्या कोई दूसरी दुनियां है? मनुष्य के लिये सदा से ही यह खोज का विषय रहा है ! इस विषय में क्या कहते हैं हमारे धर्मग्रन्थ- हमारे धर्म ग्रंथों गरूड़ पुराण में किसी-न-किसी रूप में सौरमण्डल के सभी ग्रहों पर जीवंतता का …
Read More »आखिर गर्भ में शिशु क्यों मरते हैं ? एक आध्यात्मिक विश्लेषण Yogesh Mishra
यहाँ चर्चा विज्ञान से अधिक अध्यात्म की है या यूँ कहें कि प्रकृति के व्यवस्था की है ! जैसा कि आध्यात्मिक विज्ञान से स्पष्ट किया गया है कि सूक्ष्म शरीर यह जानता है कि गर्भधारण के बाद बना एक विशेष युग्मनज पिण्ड किसी सूक्ष्म शरीर के लिये ही निर्मित हुआ …
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