Tag Archives: shaivism and vaishnavism conflict

विश्व सत्ता का षडयंत्र कैसे असफल होगा : Yogesh Mishra

विश्व के साम्राज्यवादी और पूंजीवादी व्यवस्था ने अपने विश्व सत्ता के उद्देश्य को पाने के लिये पश्चिमी शिक्षा पद्धति के माध्यम से बराबर हमें यह समझाने का प्रयास किया है कि हम और हमारे पूर्वज दोनों ही पूरी तरह से अशिक्षित, मूर्ख और जंगली कबीलों में रहने वाले संस्कार विहीन …

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भारतीय आरक्षण का ब्रिटिश इतिहास : Yogesh Mishra

420 वर्ष पूर्व जब ईस्ट इंडिया कंपनी के तथाकथित व्यापारी भारत आये तो वे भारत से सूती वस्त्र, छींटज़ के कपड़े, सिल्क के कपड़े आयातित करके ब्रिटेन के रईसों और आम नागरिकों को बेंचकर भारी मुनाफा कमाना शुरू किया ! यह वस्त्र इस कदर लोकप्रिय हुवे कि 1680 आते आते …

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यदि भारत और चीन का युद्ध हुआ तो : Yogesh Mishra

यदि भारत और चीन के बीच युद्ध होता है और दोनों देश खुद के हथियारों से लड़ते है, यानी भारत को अमेरिका और रूस सहयोग नहीं करते हैं तो चीन की फौजे मात्र एक हफ्ते के अंदर दिल्ली तक पहुँच जायेगी ! इसे रोकने की कोई भी व्यवस्थित तैयारी अभी …

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सामाजिक और राजनैतिक संगठनों में मिश्रा ब्राह्मण का महत्व : Yogesh Mishra

ब्राह्मणों को ईश्वर ने अलग-अलग सामाजिक दायित्वों के लिये अलग-अलग गुण-धर्म के अनुसार निर्मित किया है ! यदि ब्राह्मणों में आज भी रक्त की शुद्धता है तो वह गुणधर्म आज भी स्पष्ट देखे जा सकते हैं ! जैसे यजुर्वेद के शुक्ल पक्ष का पूजन कराने वाले ब्राह्मण आज भी अपने …

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हिन्दुओं को किन धर्म ग्रंथों को प्रमाणिक नहीं मानना चाहिये : Yogesh Mishra

चारों वेदों के चार व्याख्या ग्रंथ हैं ! जिनको ब्राह्मण ग्रंथ कहते हैं ! जो हैं ऐतरेय, तैत्तरीय, शतपथ एवम गोपथ ! इन्हीं ब्राह्मण ग्रंथों को पांच नामों से पुकारा जाता है, इतिहास, कल्प, गाथा, नाराशंसी, पुराण ! यही वह पुराण हैं ! जिन्हें सनातन धर्म मान्यता देता है क्योंकि …

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आखिर भारत कब तक वैचारिक दृष्टि से भूखा नंगा ही रहेगा : Yogesh Mishra

सोने की चिड़िया कहे जाने वाला भारत विदेशी आक्रांताओं के लूटे जाने के बाद भी, आज भारत की जनता के पास विश्व का सबसे अधिक सोना है ! यही नहीं जितना सोना एक सामान्य व्यक्ति अपने जीवन में खरीदता है ! उससे ज्यादा सोना तो लोग आज भी मंदिरों में …

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विकास और विनाश में संतुलन आवश्यक है : Yogesh Mishra

प्रकृति ने जब मनुष्य का निर्माण किया तो उसे मास्तिष्क का उपहार दिया ताकि वह अपने जीवन को अधिक परिष्कृत कर सके और इस धरा को और भी सुन्दर बना सके ! मनुष्य ने ज्ञान विज्ञान की सहायता से प्रकृति के भेद को जाना और नित तरक्की के पथ पर …

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क्या वास्तविक लंका समुद्र में जल मग्न है : Yogesh Mishra

आपको यह जान कर आश्चर्य होगा कि कभी रावण काल में श्री लंका का भूभाग वर्तमान आस्ट्रेलिया से जुड़ा हुआ था ! रावण की अधिकांश सैन्य छावनी इसी भू भागा में थीं ! जो राम रावण युद्ध में हुये विनाशक परमाणु हमले से बाद 49 टुकड़ों में टूट कर हिन्द …

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लोकतंत्र से कभी नहीं घोषित होगा भारत हिंदू राष्ट्र : Yogesh Mishra

हमें हमेशा से यही समझाया गया है कि लोकतंत्र में शासक जन भावनाओं के अनुरूप ही शासन करते हैं जबकि व्यवहारिक तौर पर यह देखा गया है कि यह एक नितांत झूठ के अतिरिक्त और कुछ नहीं है ! क्योंकि हमारे देश में जिस तरह का लोकतंत्र है ! उसमें …

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भारत के अविकसित बौद्धिक स्तर का जिम्मेदार कौन है : Yogesh Mishra

देश को आजाद हुये 73 वर्ष हो रहे हैं ! आजादी से आज तक देश की संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था शासन सत्ता के अधीन रही है ! गुरुकुल व्यवस्था भारत में कानून बनाकर पूरी तरह ध्वस्त कर दी गई और उसके स्थान पर बेसिक शिक्षा, इंटरमीडिएट कॉलेज, विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, लॉ …

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