हमें हमेशा से यही समझाया गया है कि लोकतंत्र में शासक जन भावनाओं के अनुरूप ही शासन करते हैं जबकि व्यवहारिक तौर पर यह देखा गया है कि यह एक नितांत झूठ के अतिरिक्त और कुछ नहीं है !
क्योंकि हमारे देश में जिस तरह का लोकतंत्र है ! उसमें शासक पर जनता का कोई नियंत्रण नहीं है ! हम राष्ट्रपति से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश तक किसी भी संवैधानिक पद पर कार्य करने वाले व्यक्ति का चयन स्पष्ट मताधिकार के द्वारा नहीं कर सकते हैं !
यह सारी संवैधानिक नियुक्तियां विश्व सत्ता में बैठे हुये नुमाइंदों के रहमों करम और षड्यंत्र के तहत होती हैं ! जिसमें न तो जन भावनाओं का कोई ख्याल रखा जाता है और न ही देश के भविष्य का ! यह स्थिति बहुत ही भयावह है !
यदि लोकतंत्र में जन भावनाओं के अनुरूप शासन चलता है तो देश की आजादी के समय जब धर्म के आधार पर देश का बंटवारा हुआ था तो उस समय ही हर भारत के नागरिक की यह इच्छा थी कि “भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो” और “भारत में गौ हत्या पूरी तरह प्रतिबंधित हो” !
और उस समय भी भारत में बहुमत की ही सरकार थी और आज भी बहुमत की ही सरकार है ! लेकिन बहुसंख्यक हिंदुओं की यह दोनों इच्छाएं आज तक अधूरी हैं ! जबकि इन दोनों उद्देश्यों की पूर्ति के लिये न जाने कितने हिंदूओं ने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया !
और अब भविष्य का जो भारत दिखलाई दे रहा है ! उसमें भी जिस तरह से धर्मांतरण हो रहा है ! कोई ताज्जुब नहीं कि अगले 20 वर्षों में ही भारत में हिंदू अल्पसंख्यक हो जायें और जो आज अल्पसंख्यक होने का आनंद ले रहे हैं ! वह सभी 20 साल बाद बहुसंख्यक होने के बाद भी अल्पसंख्यक की सुविधाओं का सुख उठाते रहें !
अतः इस तरह यह सिद्ध होता है कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिये शासन के लिये जो लोकतंत्र का तरीका अपनाया गया है ! उस पद्धति से भारत कभी भी हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं होगा ! और हां मन बहलाने के लिये कुछ शहरों के नाम बदल दिये जायेंगे या कुछ सड़कों पर नये बोर्ड लगा दिये जायेंगे ! लेकिन भारत की आत्मा जिसमें हिंदुत्व में बसता है वैसा हिंदू राष्ट्र वर्तमान लोकतान्त्रिक शासन में भारत कभी नहीं बन सकेगा !
इसलिये अभी भी वक्त है ! किसी भी राजनीतिक दल पर भरोसा किये बिना हिंदुओं को एकजुट होकर एक ऐसा राष्ट्रव्यापी आंदोलन आरंभ करना चाहिये ! जिसका एकमात्र लक्ष्य ही हो कि “भारत हिंदू राष्ट्र घोषित होगा” और भारत में “गौ हत्या पूरी तरह प्रतिबंधित होगी” !
क्योंकि इस तरह का आंदोलन ही भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करवा सकता है और गौ हत्या पर प्रतिबंध लगा सकता है ! इस संवैधानिक लोकतंत्र के माध्यम से यह दोनों ही लक्ष्य भारत को कभी प्राप्त नहीं होगा ! ऐसा लोकतंत्र के अनुभव के आधार पर मेरा विचार है !!