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जानिये ! “सहज सन्यास” की दीक्षा क्या है ?

संन्यास का तात्पर्य पलायन नहीं है | सहज सन्यासी एक स्वतंत्र रूप से विकसित मनुष्य है जो किसी भी सामाजिक या धार्मिक बंधनों में बंध कर अपने व्यक्तित्व का विनाश नहीं करता है | आज हमारे समाज में “धर्म और समाज की मान्यताएं” इतनी हावी हो गई है कि वह …

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कोई भी रत्न धारण करने से पहले ये लेख जरूर पढ़ लीजिये , योगेश मिश्र !

भारतीय ज्योतिष ग्रंथों में रत्न धारण करने के सिध्दांतों का वर्णन कहीं नहीं मिलता है फिर भी दुनिया भर में लोगों के द्वारा रत्न धारण करने का प्रचलन बहुत पुराना है तथा प्राचीन समयों से ही दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोग इनके प्रभाव के बारे में जानने …

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जानिये कैसे बिना पूजा पाठ एवं तंत्र मंत्र से आप गृह शांति कर सकते है। योगेश मिश्र !

यदि आपके घर में रहने वाले सदस्यों में हमेशा अनबन रहती है, कोई सदस्य हमेशा बीमार रहता है। सारा पैसा बीमारी में चला जाता है या घर में पैसों की बरकत नही होती है और आपके घर में शांति नही है तो बिना पूजा पाठ एवं तंत्र मंत्र से आप …

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महाभारत ग्रंथ का एक अनकहा पन्ना.श्री कृष्ण की आत्मग्लानि ! जरूर पढ़े !

  मित्रों ऋषि वेदव्यास द्वारा लिखित महाभारत ग्रंथ के कुछ अध्याय ऐसे भी हैं ,जिन पर कभी भी अधिक चर्चा नहीं हो पाई,इनके अनुसार जब  महाभारत युद्ध का समापन हो गया था | युद्ध अतिविनाशकारी सिद्ध हुआ था, विजेता भी पराजित ही सिद्ध हुए थे क्योंकि उन्हे जो धरती मिली …

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जानिये : क्या होता है ज्योतिष में ज्वालामुखी योग ? और कैसे आपके ऊपर प्रभाव डालता है !

ज्वालामुखी योग का फल अशुभ माना गया है। इस योग में आरंभ किया हुआ कार्य पूर्णतया सिद्ध नहीं हो पाता अथवा बार-बार विघ्न बाधाएं आती है। इस योग में शुभ कार्य आरम्भ नहीं करने चाहिए। दुष्ट शत्रुओं पर प्रयोग करने के लिए यह मुहूर्त्त अच्छा समझा जाता है। जब प्रतिपदा …

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जानिये: कैसे बाथरूम और टॉयलेट एक साथ प्रबल वास्तुदोष उत्पन्न करते है ,योगेश मिश्र !

आज कल घरों में बाथरूम और टॉयलेट एक साथ होना एक फैशन बन गया है लेकिन इससे घर में प्रबल वास्तुदोष उत्पन्न होता है। इस दोष के कारण घर में रहने वालों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है पति-पत्नी एवं परिवार के अन्य सदस्यों के बीच …

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दिव्य आध्यात्मिक सिद्धि प्राप्ति के लिये क्या करें ? ज्ञानवर्धक जरूर पढ़े !

दिव्य आध्यात्मिक सिद्धि की प्राप्ति में मन चंचलता के रूप में सबसे बड़ी बाधा उत्पन्न करता है | अधिकांशतः यह होता है कि हमे हमारा मन जहाँ ले जाये वही बह जाते है और उस के अनुरूप व्यवहार करते है | मन की चंचलता को आसानी से नियंत्रित नही किया …

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आरंभिक साधक को नकारात्मक विचारों वाले व्यक्तियों से क्यों दूर रहना चाहिए ? जरूर पढ़ें !

दो व्यक्तियों के मध्य सकारात्मक ऊर्जा का आदान प्रदान हो यह आवश्यक नहीं. इसका अर्थ यह है कि नकारात्मक ऊर्जा किसी दुसरे व्यक्ति से सात्विक व्यक्ति को बिना किसी चेतावनी के शांत रूप में प्रवेश कभी भी कर सकती है. सात्विक व आध्यात्मिक व्यक्ति की ऊर्जा की प्रकृति और कार्यशैली, …

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1857 की क्रांति के बाद भारत के गद्दारों को इकट्ठा करके बनाई गई थी कांग्रेस पार्टी ,पढ़े पूरा लेख !

भारत के कुछ गद्दार राजघरानों के अंग्रेजों से मिल जाने के कारण 1857 की क्रांति विफल हो चुकी थी | देश को स्वतंत्र कराने वाले योद्धाओं को अंग्रेजों ने ढूंढ ढूंढ कर नगरों में सार्वजनिक रूप से जिंदा जला दिया था | चारों तरफ अंग्रेजो के खिलाफ भय और असंतोष …

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आध्यात्मिक दिव्य ऊर्जा का क्षय कैसे हो जाता है ? क्षय होने से बचाने के उपाय !

आध्यात्मिक दिव्य ऊर्जा के क्षय का सबसे प्रमुख कारण मन के सभी छोटे और बड़े नकारात्मक विचार होते हैं | ऐसे विचारो मे अधिकांशतः विचार तुलनात्मक , निषेधात्मक और अपेक्षात्मक होते हैं, जो कि मानव मन को असहज बना देते हैं | भविष्य की आवश्यकता से भी अधिक चिन्ता भी …

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