Tag Archives: rajiv dixit

कुण्डली से जानिये आयु का रहस्य !

महर्षि पराशर रचित एक सूत्र से आयु निर्णय की स्थिति स्पष्ट होती है- बालारिष्ट योगारिष्टमल्यं मध्यंच दीर्घकम् ! दिव्यं चैवामितं चैवं सप्तधायुः प्रकीर्तितम् ! ! सात प्रकार की मृत्यु संसार में जानी जाती है अर्थात् मृत्यु के विषय में ज्ञान होना तो अत्यंत दुर्लभ है, किंतु फिर भी बालारिष्ट, योगारिष्ट, …

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शनि के स्व राशि में प्रवेश पर भारत अभी और सशक्त होगा !!

लार्ड माउंटबेटन ने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को 14-15 अगस्त में से किसी दिन अपनी-अपनी आजादी के कार्यक्रम निर्धारित करने को कहा था ! पाकिस्तान ने 14 अगस्त को अपनी स्वतंत्रता की औपचारिक घोषणा कर दी थी और भारत ने 15 अगस्त 1947 को अपने स्वतंत्रता की औपचारिक घोषणा …

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जानिए : शेयर-मार्किट में लाभ के कुछ विशेष ग्रहयोग !

यदि कुंडली में पंचमेश पंचम भाव में ही स्थित हो तो शेयर मार्किट से जुड़कर लाभ प्राप्त होता है ! यदि पंचमेश (पंचम भाव का स्वामी) स्व या उच्च राशि में होकर शुभ स्थान में हो तो शेयर मार्किट में लाभ प्राप्त होता है ! यदि बली पंचमेश की पंचम …

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जानिए : विदेश यात्रा में बाधा योग क्या है !

कुंडली में बने कुछ विशेष ग्रह-योग ही हमारे जीवन में विदेश से जुड़कर काम करने या विदेश यात्रा का योग बनाते हैं ! हमारी जन्मकुंडली में बारहवे भाव का सम्बन्ध विदेश और विदेश यात्रा से जोड़ा गया है इसलिए दुःख भाव होने पर भी आज के समय में कुंडली के …

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जानिए कुंडली में बाधक ग्रह का अर्थ !

बाधक जैसा कि शब्द से ही मालूम पड़ता है कि बाधा देने वाला ! जो भी चर लग्न वाले व्यक्ति होते हैं वह हमेशा आराम से बैठना पसंद नहीं करते ! हमेशा कुछ ना कुछ अपने फायदे वाले जुगाड़ में लगे रहते हैं कुल मिलाकर ऐसे लोग जो जिंदगी में …

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ज्योतिष अनुसार प्रेम सम्बन्ध के ग्रह योग !

रति शक्ति का सम्बन्ध व्यक्ति के शारीरिक गठन, नस्ल और देशकाल (जलवायु) से रहता है ! इसका ज्ञान हमें स्नायु संस्थान के कारक व रक्त संचार कारक ग्रह की स्थिति से होता है तथा सप्तम स्थान में स्थित राशि व ग्रह के स्वभाव तथा बल के अनुसार निष्कर्ष निकलना पड़ता …

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शनि और राहु देते हैं आत्माओं और पूर्वजों से सम्बन्ध की शक्ति !

शनि और राहु आपको कुछ अद्भुत प्रतिभा देता है ! जिस कारण आप अनेक आश्चर्यजनक कार्य कर सकते हैं ! 1. किसी भी जातक की जन्म कुंडली में शनि का लग्न या प्रथम स्थान पर होना दर्शाता है कि यह व्यक्ति पूर्वजन्मों में अच्छा वैद्य या पुरानी वस्तुओं जड़ी-बुटी, गूढ़विद्याओं …

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प्रेत आत्माओं से सम्बन्ध कैसे होता है ??

हर व्यक्ति की जीवनी ऊर्जा का आत्माओं का गहरा सम्बन्ध है ! जिसे वैदिक ज्योतिष अनुसार किसी भी जन्मपत्रिका से जाना जा सकता है ! इसकी जानकारी के लिये जन्म पत्रिका में गुरु, शनि और राहू की स्थिति का गहन विश्लेषण आवश्यक है ! कुण्डली के ग्रहों सम्बन्ध पूर्व कर्मो …

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ज्योतिष अनुसार किस व्यवसाय में कब, कहाँ, कितनी सफलता मिलेगी !

कुंडली में व्यवसाय को देखते समय हमें लग्न से दूसरा, सातवां, दसवां और ग्यारवां भाव का अध्ययन करना आवश्यक होता है ! जैसा की आपको पता है की लग्न कुंडली का आधार है ! हम जो भी कार्य करते हैं उसकी हमें हमारा शरीर आज्ञा देता है या नहीं उसे …

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जानिए कैसे ! वर्तमान शिक्षा नीति ही बेरोजगारी की जनक है !

‘आक्सफैम’ की विषयक रिपोर्ट के अनुसार भारत में बेरोजगारी एक बड़ा संकट है ! इस संकट का उचित समय पर समाधान न हुआ तो इसका समाज की स्थिरता और शांति पर प्रतिकूल असर पड़ेगा ! एक और जो दसियों लाख युवा श्रम-शक्ति में प्रतिवर्ष आ रहे हैं उनके लिए पर्याप्त …

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