क्या राष्ट्र निर्माण के लिये सुअरों की तरह बच्चे पैदा करना जरुरी है ! Yogesh Mishra

विदेश षड्यंत्र कारियों के इशारे पर आजकल एक नारा लगाया जा रहा है ! “जिसकी जितनी आबादी सत्ता में उतनी भागीदारी” ! अब प्रश्न यह है कि क्या समाज में यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रहित का चिंतन करते हुए अपने परिवार को उच्च शिक्षा, अच्छे संस्कार और संयमित संसाधन उपलब्ध कराने के लिये ईमानदारी, मेहनत और उसके साथ अपने संतानों में राष्ट्र प्रेम के संस्कार विकसित कर रहा है तो क्या उस व्यक्ति को राष्ट्र में दोयम दर्जे का नागरिक मात्र इसलिए मान लिया जायेगा कि उसने अधिक संतान उत्पन्न नहीं की है !

और यह अधिक संतान उत्पन्न करने वाले ये वह लोग हैं जिन्होंने सदैव से कम संतान पैदा करने वालों के दिये हुये “टैक्स” से कंट्रोल रेट पर अनाज, कपड़े, मकान, चिकित्सा आदि लेकर पशुओं की तरह संतानें उत्पत्ति कर अपना वोट बैंक बढ़ाते हैं और विदेशियों के उकसाने पर आबादी के अनुरूप अपनी सत्ता में हिस्सेदारी मंगाते हैं !

और देश की आजादी के 70 साल बाद भी आरक्षण या अल्पसंख्यक की सुविधाओं को बढ़ाये जाने की मांग कर रहे हैं ! लेकिन देश की मुख्य धारा में जुड़ने को तैयार नहीं हैं ! आज भारत के लोकतंत्र में इन्हीं संस्कार और विवेक विहीन अति संतानों के कारण एक बहुत बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है !

विदेशी षडयंत्रकारी जो भारत का विकास नहीं होने देना चाहते हैं ! वह आज इन अधिक संतान उत्पन्न करने वाले विकृत मानसिकता के लोगों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं ! अनुभव में यह आया है कि ऐसे अधिक संतान उत्पन्न करने वाले सोच के लोग आज विदेशी एन.जी.ओ. के माध्यम से प्रेरित हो कर भारत के शासन सत्ता और संविधान के विरुद्ध खड़े होने का प्रयास कर रहे हैं !

इसके पीछे खड़ी इन विदेशी संस्थाओं का उद्देश्य भारतीय शासन सत्ता में सीधा हस्तक्षेप कर भारत की अपार संपदा पर अपना कब्जा प्राप्त करना है ! इसके लिये भारत की राजनीति में विदेशी पूंजीपतियों के माध्यम से भी इन अधिक संतान उत्पन्न करने वालों को तरह-तरह का आर्थिक सहयोग और प्रलोभन दिया जा रहा है !

आज भारत में संस्कार विहीन, अति संतान उत्पन्न करने वाले, विकृत मानसिकता के लोगों के माध्यम से विदेशी षडयंत्रकारी भारतीय शासन और सत्ता पर अपना कब्जा बनाये रखना चाहते हैं और वह जानते हैं अति संतान उत्पन्न करने वाले यह संस्कार विहीन लोग जिन्हें न तो राष्ट्र से कोई मतलब है और न ही देश की आर्थिक नीतियों से, इन्हें आसानी से बर्गालाया जा सकता है और यह लोग छोटे-छोटे स्वार्थों में बहक भी जायेंगे !

अतः इसीलिए ये विदेशी षडयंत्रकारी एक तरफ तो धन का प्रलोभन देकर या कपोलकल्पित ख्वाब दिखा कर इन अति संतान उत्पन्न करने वालों को राष्ट्र के विरुद्ध बर्गला कर देश की राजनीति को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं ! दूसरी तरफ वह लोग हैं जो कम संतान उत्पन्न कर, स्वयं मेहनत और ईमानदारी से जी रहे हैं, सरकार को उचित “टैक्स” भी दे रहे हैं और उसी तरह का राष्ट्रवादी संस्कार अपने बच्चों को भी देने का प्रयास कर रहे हैं !

उनके साथ वोटों के लालच का वास्ता देकर राजनीतिज्ञों द्वारा दोयम दर्जे के नागरिकों जैसा व्यवहार करने के लिये बाध्य कर रहे हैं ! अत: अन्तराष्ट्रीय षडयंत्रकारी भारत के राजनीतिज्ञ से इन कम संतान पैदा करने वाले मेहनत कश ईमानदार व्यक्तियों को दरकिनार करवा कर अति संतान उत्पन्न करने वाले संस्कार विहीन मानसिकता के लोगों को वर्तमान समय में अधिक महत्व दिलवा रहे हैं !

यह स्थिति राष्ट्र के लिए अति घातक है ! जानवरों की तरह अति संतान उत्पन्न करने वाले व्यक्तियों को यदि राजनीति में विशेष स्थान दिया जाने लगेगा तो वह दिन दूर नहीं जब देश विदेशी संस्थाओं के आधीन पुनः गुलाम होगा और आने वाले कुछ ही समय बाद भारत के संसद में भारतीय लोगों के स्थान पर विदेशी पूंजी पतियों के प्रतिनिधि दिखाई देंगे ! जो भारत के संसाधनों पर विदेशियों का नियंत्रण हेतु नित नये कानून बनायेंगे !

और आज जो अति संतान उत्पन्न कर राजनीति में भागीदारी मांगने वाले लोग हैं, वह कल उन विदेशी राजनीतिज्ञों के प्रतिनिधियों के यहां पशुओं की भांति कार्य कर रहे होंगे ! भारत के समस्त संसाधन इन विदेशी राजनीतिज्ञों के आधीन होंगे और उनका उपयोग विदेशी पूंजीपति अपनी सुविधा के अनुसार कर रहे होंगे !

यह स्थिति देश के लिए बड़ी भयावह होगी ! इस तरह एक दिन यह विदेशी षडयंत्रकारी लोग अपने स्वार्थ के लिये भारत के खंड-खंड कर देंगे ! अत: जरुरी है कि इन अति संतान उत्पन्न करने वाले राष्ट्र घाती व्यक्तियों पर कड़ाई से नियंत्रण किया जाना चाहिये, जिससे भारत का अस्तित्व बच सके !!

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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