दिन प्रतिदिन के क्रियाकलापों में बच्चे को सफलता एवं असफलता का अनुभव होता रहता है ! इसका सीधा प्रभाव उसके आत्म प्रत्यय के विकास पर पड़ता है ! कभी-कभी बच्चे को समाज तो सफल मानता है, लेकिन बच्चा स्वयं को सफल नहीं मानता अतः वह अपनी सफलता और असफलता के …
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मात्र भौतिकवादी सोच ही अनेकों मनोरोग का कारण है : Yogesh Mishra
आज विश्व के कई विकसित देशों में मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है ! ऐसा संभवत: इन देशों द्वारा आर्थिक प्रगति हेतु अपनाये गये पूँजीवादी मॉडल के कारण हो रहा है ! हर व्यक्ति को केवल अपनी चिंता है और केवल “कमाने वाला खायेगा” …
Read More »कैसे वैष्णव जीवन शैली शैवों के विपरीत है : Yogesh Mishra
सत्य, सनातन, अनादि, प्राकृतिक शैव जीवन शैली जो कभी समस्त पृथ्वी पर एकमात्र जीवन शैली थी ! इसके विपरीत जब संगठित रूप से नई व्यवस्थित नगरीय वैष्णव जीवन शैली का प्रचार प्रसार वैष्णव लोगों ने किया तो उन्होंने सर्वप्रथम नगरी वैष्णव जीवन शैली के आधार को शैव जीवन शैली के …
Read More »क्या विश्व सत्ता वर्तमान शिक्षा पध्यति को निगल जायेगा : Yogesh Mishra
कोरोना काल का सबसे ज्यादा असर भारत की वर्तमान शिक्षा नीति पर पड़ा है ! अभी तक जो बच्चे अपने घरों से बाहर रहकर दूसरे शहरों में कोचिंग या शिक्षा ग्रहण करते थे ! इसको और इनके परिवार वालों को कोरोना के कारण हुयी अव्यवस्थित लाक बन्दी ने सबसे ज्यादा …
Read More »क्या कोरोना विश्व की राजनीति को भी प्रभावित करेगा : Yogesh Mishra
कई हफ़्तों का समय बर्बाद करने के बाद आख़िरकार विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 (कोरोना वायरस) को वैश्विक महामारी घोषित कर दिया है ! चूंकि अभी यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि वैश्विक संस्थाओं और तमाम देशों की सरकारों ने सार्वजनिक स्वास्थ्य की इस चुनौती से निपटने में किस तरह की …
Read More »चौथा आयाम और दूसरी दुनिया के रहस्य : Yogesh Mishra
हम सभी जानते हैं कि यह संसार सामान्यतया तीन आयाम में चलता है ! लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई इसके अलावा एक आयाम और है जो बहुत महत्वपूर्ण होता है ! उसको कहते हैं समय अर्थात काल ! यह चौथा आयाम इतना शक्तिशाली होता है कि यह अकेले ही पिछले तीनों …
Read More »यहूदी तंत्र “कबाला” में लाल चन्द्र ग्रहण का महत्व : Yogesh Mishra
यहूदियों के भविष्य कथन की पुस्तक “तेलमुद” में भविष्य के विश्व सत्ता की रणनीति को लागू करने का वर्णन विस्तार से है ! जिसे हम नयी विश्व व्यवस्था या नयी विश्व सत्ता भी कह सकते हैं ! जो विशुद्ध तंत्र की ताकत और षडयंत्रों की शक्ति से स्थापित की जा …
Read More »कहीं रूस जैसी क्रांति भारत में भी न हो जाये : Yogesh Mishra
आप सभी को 8 मार्च से 8 नवम्बर 1917 के रूस की औद्योगिक क्रांति तो याद होगी ही ! जिस विचारधारा के जनक काल मार्क्स हुआ करते थे ! उसको लेनिन के माध्यम से यूरोपियों द्वारा अपहरण करके रूस के पूरे के पूरे सामाजिक और औद्योगिक संरचन को ही नष्ट …
Read More »कैशलैस इकोनामी भारतीय सनातन संस्कृति के विपरीत है : Yogesh Mishra
भारतीय संस्कृति और विश्व की दूसरी संस्कृतियों में बहुत से मूलभूत अंतर हैं ! जिसका सबसे प्रमुख कारण यह है कि भारतीय संस्कृति का अभ्युदय अति संपन्नता से उत्सव के मध्य हुआ है और विश्व की समस्त दूसरी संस्कृतियों की उत्पत्ति आभाव, घृणा, युद्ध और तिरस्कार से हुयी है ! …
Read More »जानिये क्यों अब भविष्य के नेता भी ईमानदार होंगे : Yogesh Mishra
राजनीति का नाम लेते ही मन में यह भाव पैदा होता है कि राजनीति धूर्त व्यक्तियों का विषय है ! इसमें सीधे, सच्चे, ईमानदार, राष्ट्रभक्त और समर्पित व्यक्तियों का कोई स्कोप नहीं है किन्तु निकट भविष्य में भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व में राजनीति का स्वरूप बहुत तेजी से बदलने …
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