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वेदों में श्रम व्यवस्था क्या है : Yogesh Mishra

भारतवर्ष की प्राचीन सनातन परम्परा का आदर्श तो विश्व में समाजवाद का सर्वोच्च कीर्तिमान स्थापित करता है ! व्यक्ति की उन्नति और समृद्धि को उसकी आर्थिक संपन्नता, दिखावटी भोगवादी जीवन शैली से नहीं मापा जाता ! एक स्वस्थ मानसिकता, स्वस्थ शरीर, सादा जीवन, सब से बांट कर जीना भारतीय आदर्श …

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बांग्लादेश के जन्म की पीड़ादायक कथा !! : Yogesh Mishra

14 अगस्त 1947 को धर्म पर आधारित स्वतंत्र पाकिस्तान देश का गठन हुआ था ! तत्कालीन पाकिस्तान के दो भाग थे ! पू्र्वी एवं पश्चिमी पाकिस्तान एवं दोनो ही भाग में सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्ष्णिक समानतायें नही थीं ! संसाधनों के अनुसार पूर्वी पाकिस्तान ज्यादा समृद्ध था ! लेकिन राजनीतिक …

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इन्द्रा गाँधी को एक बार नहीं दो बार निकला गया था कांग्रेस से ! : Yogesh Mishra

वैसे तो 1857 की क्रांति के बाद हिंदुस्तान के जनमानस को राजनीतिक मंच देने के लिये 28 दिसंबर 1885 में एक अंग्रेज अफसर ए. ओ. ह्यूम ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इसकी स्थापना की थी ! जो थियिसोफिकल सोसाइटी के प्रमुख सदस्य थे तथा उनके साथ दादा भाई नौरोजी और दिनशा …

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ज्योतिष में बार-बार गर्भपात के योग : Yogesh Mishra

आज के समय की संतान सम्बन्धी गंभीर समस्या गर्भपात के विशेष योगों में से प्रमुख 10 योगों की चर्चा की गयी है ! संतान “जातक” की कुंडली के पंचम भाव अर्थात कुंडली के दाहिने की और पाँचवे घर को कहा जाता हैं ! गर्भपात होने के पीछे ज्योतिषीय द्रष्टि कोण …

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ज्योतिष में तेजस्वी पुत्र प्राप्ति हेतु गर्भाधान के योग : Yogesh Mishra

शुभ मुहूर्त में गर्भाधान संस्कार करने से सुंदर, स्वस्थ, तेजस्वी, गुणवान, बुद्धिमान, प्रतिभाशाली और दीर्घायु संतान का जन्म होता है ! इसलिये इस प्रथम गर्भधान संस्कार का महत्व सर्वाधिक है ! संस्कार का अर्थ संस्करण, परिष्करण, विमलीकरण अथवा विशुद्धिकरण से लिया जाता है ! गर्भाधान संस्कार के विषय में महर्षि …

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मैं श्रीमती इंदिरा गांधी को भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री क्यों मानता हूं ! : Yogesh Mishra

लेख पर पक्ष और विपक्ष दोनों ही तरह के विचारों का स्वागत है ! लेकिन अपनी बात कहने के पहले मैं यह आग्रह करता हूं कि अंधभक्त और बीजेपी के हित चिंतकों में यदि पूरा लेख पढ़ने का धैर्य हो तभी वह नीचे कोई टिप्पणी करें ! अन्यथा बिना किसी …

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अघोर साधना से आत्म दर्शन कैसे करें : Yogesh Mishra

अघोर विश्वास के अनुसार अघोर शब्द मूलतः दो शब्दों ‘अ’ और ‘घोर’ से मिल कर बना है ! जिसका अर्थ है जो कि घोर न हो अर्थात सहज और सरल हो ! इसका अर्थ यह हुआ कि व्यक्ति का अघोर होने की पहली शर्त यह है कि व्यक्ति संसार के …

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समर्पण की ऊर्जा का रहस्य : Yogesh Mishra

समर्पण दो शब्दों से मिल कर बना है ! ‘सम’ और ‘अर्पण’ अर्थात ‘अपने मन का सम्पूर्ण अर्पण’ ! मन का मतलब चाहतें, आकांक्षायें, इच्छायें आदि ! समर्पण स्वयं में एक संपूर्ण शब्द है ! कुछ लोग अध्यात्म में इसे ‘आत्म-समर्पण’ भी कहते हैं ! लेकिन दोनों का अर्थ समान …

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अघोर तंत्र का चमत्कारी इतिहास जानिए : Yogesh Mishra

अघोर पंथ के प्रणेता भगवन शिव माने जाते हैं ! कहा जाता है कि भगवन शिव ने स्वयं अघोर पंथ को प्रतिपादित किया था ! अवधूत भगवन दत्तात्रेय को भी अघोरशास्त्र का गुरू माना जाता है ! अवधूत दत्तात्रेय को भगवन शिव का अवतार भी मानते हैं ! अघोर संप्रदाय …

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हाँ भारतीय ब्राह्मणों का डी.एन.ए. यूरेशियन से मिलता है पर क्यों ! : Yogesh Mishra

विदेशों से पैसा पाकर भारत को तोड़ने वाले कुछ राष्ट्रघाती विदेशी दलाल ब्राह्मणों के विरोध में आजकल एक नारा बहुत तेजी से बुलंद कर रहे हैं कि भारतीय ब्राह्मणों का डी.एन.ए. यूरेशियन से मिलता है ! इसलिये ब्राह्मण विदेशी हैं ! अतः ब्राह्मणों को भारत से निकाल देना चाहिये ! …

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