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कोरोना मात्र विषाणु नहीं कुछ और ही है ! : Yogesh Mishra

प्राय: सभी विज्ञानिक एक मत से से सहमत हैं कि कोरोना एक निर्जीव विषाणु है और इसका जीवनकाल अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग समय होता है तथा इसमें प्रजनन होता है ! अब प्रश्न यह है कि किसी भी निर्जीव विषाणु का प्रजनन कैसे सम्भव हो सकता है और इसकी संख्या …

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स्वास्तिक जिसने हिटलर की तकदीर बदल दी ? : Yogesh Mishra

सत्य सनातन वैदिक निशान स्वास्तिक को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हिटलर की पहचान माना गया है और माना भी क्यों न जाये जब स्वस्तिक नाज़ी साम्राज्य का प्रतीक चिन्ह जो था ! जिस नाजी साम्राज्य ने विश्व के सबसे बड़े साम्राज्य ब्रिटेन और सबसे बड़े पूंजीवादी अमेरिका का अहंकार …

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भारत के नेताओं ने नहीं. भारत के धर्म ग्रंथों ने दिलवाई थी भारत को आजादी : Yogesh Mishra

हिटलर के राष्ट्रवाद को आज पूरी दुनिया जानती है ! वह न केवल जर्मनी बल्कि भारत के नेता जी सुभाष चन्द्र बोष के लियह भी आदर्श था ! जिससे मिलने वह स्वयं गये थे और हिटलर ने नेता जी सुभाष चन्द्र बोष की मदद भी की थी ! जिससे वह …

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हिटलर व्यक्ति नहीं एक विचारधारा है : Yogesh Mishra

हिटलर की मृत्यु 30 अप्रैल 1945 को बर्लिन में एक बंकर के अंदर खुद को गोली मार कर हुई थी या फिर दक्षिण अमेरिका के अर्जेंटीना में हुई थी ! यह आज भी शोध का विषय है ! लेकिन हिटलर की विचारधारा के कारण विश्व के साम्राज्यवादी और पूंजीवादी दृष्टिकोण …

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विश्व में धर्मांतरण का विस्तृत इतिहास अवश्य पढ़ें : Yogesh Mishra

क्या आप जानते हैं कि कुछ यहूदी लोग भूमध्यसागरीय विश्व के बाहर यहूदी धर्म में धर्मांतरित हुये लोगों के भी वंशज हैं ! यह ज्ञात है कि पहले कुछ कज़ार, एडोमाइट, ईथियोपियाई और साथ ही अनेक अरब, विशिष्ट रूप से येमन में, अतीत में यहूदी धर्म में धर्मांतरित हुये थे; …

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विद्वान पूर्वजों की नालायक औलादें : Yogesh Mishra

हमारे प्राचीन काल से ही विज्ञान के विकास का पता चलता है ! प्राचीन कालीन विज्ञान के अंतर्गत मुख्यत: गणित, ज्योतिष और आयुर्वेद का विकास हुआ था ! आर्यभट्ट, वराहमिहिर और ब्रह्मप्राचीन प्राचीनकालीन वैज्ञानिक हुये हैं ! जिन्होंने अपने ग्रन्थों में विज्ञान की विवेचना की है ! आर्यभट्ट का प्रसिद्ध …

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सुरक्षित रहना है तो लोकतंत्र नहीं अब ईश्वरीय तंत्र अपनाओ ! : Yogesh Mishra

ईश्वर द्वारा निर्मित प्रत्येक व्यवस्था के अपने कुछ गुण धर्म हैं ! जैसे सूरज के निश्चित समय पर उगता है ! अमावस्या और पूर्णिमा अपने समय पर होती है ! वनस्पति अपने समय पर उगती है और पशु-पक्षी भी अपने ऋतु में ही प्रजनन करते हैं अर्थात स्पष्ट है कि …

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क्या आज भारत को भी एक हिटलर की आवश्यकता है ! : Yogesh Mishra

इतिहास में ऐसे कितने ही उदाहरण हैं कि कोई इन्सान क्या बनने और करने की ख्वाहिश रखता है और क्या बन जाता है ! 20 अप्रैल 1889 को जन्मे अडोल्फ़ हिटलर का किस्सा भी उन्हीं में से एक है ! यह एक चित्रकार बनना चाहते थे ! पर राजनैतिक व्यक्ति …

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“पुरुषार्थ” की मायावी पूजा ! : Yogesh Mishra

“पुरुषार्थ” शब्द को देखकर ऐसा लगता है कि इस शब्द पर मात्र पुरुषों का ही अधिकार है ! लेकिन ऐसा है नहीं बल्कि ऐसा लगता है कि प्राचीन काल में जब गृह कार्य की जिम्मेदारी स्त्रियों के पास होती थी और घर के बाहर के कार्य की सारी जिम्मेदारी पुरुषों …

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जानिए क्या थी वैष्णवों की राज्य हड़प नीति : Yogesh Mishra

आपने कभी विचार किया कि वैष्णव पूरी दुनिया के शासक कैसे बने ! और इनका युद्ध सदैव से दैत्य, दानव, असुर, राक्षस, यक्ष, किन्नर आदि सभी के साथ क्यों होता रहा ! जबकि वैष्णव संस्कृत का उदय ईशा से मात्र 15000 वर्ष पूर्व हुआ था ! जब तथाकथित देवताओं के …

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