बौद्ध धर्म कभी धर्म प्रचारक आंदोलन के रूप में विकसित नहीं हुआ था ! किन्तु फिर भी बौद्ध के भाई आनंद की अच्छी प्रचार व्यवस्था के कारण यह भारतीय उपमहाद्वीप में बुद्ध की शिक्षाओं का प्रसार दूर-दूर तक हुआ और फिर वहां से यह ज्ञान पूरे एशिया भर में फैल …
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विश्व सत्ता द्वारा मनुष्य के सर्वनाश की तैयारी तो नहीं है ! : Yogesh Mishra
आज सम्पूर्ण विश्व में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) का डंका जोरों शोरों से बज रहा है ! कंप्यूटर साइंस की इस विधा को विश्व के बेहतरीन भविष्य के लिये गेम चेंजर के रूप में देखा जा रहा है ! विभिन्न देशों में विविध सामाजिक / प्रशासनिक / औद्योगिक / वैज्ञानिक प्रक्रियाओं …
Read More »कौन है सनातन धर्म के छद्म राक्षस : Yogesh Mishra
आज सत्य सनातन हिंदू धर्म में कुछ ऐसे छद्म राक्षस भी धर्म का प्रचार कर रहे हैं ! जिनके हाव-भाव, व्यक्तित्व से तो वह संत लगते हैं ! लेकिन प्रचार-प्रसार वह लोग विधर्मियों का करते हैं ! कोई सफेद दाढ़ी का बाबा राम कथा के मंच पर बैठ कर व्यास …
Read More »भविष्य के विश्व सत्ता की योजना का इतिहास : Yogesh Mishra
विश्व सत्ता के भविष्य की योजना को जानने के लिये विश्व के पिछले 3000 वर्ष का इतिहास जानना अति आवश्यक है ! जिस योजना के तहत विश्व सत्ता कार्य कर रही है उसे वैश्विक प्रणाली का सिद्धान्त कहते हैं ! विश्व इतिहास एवं सामाजिक परिवर्तन को समझने के बाद ही …
Read More »गौतम बुद्ध दो नहीं एक ही थे ! : Yogesh Mishra
गौतम बुद्ध उतने मायावी थे नहीं जितना इनके शिष्यों ने उन्हें बना दिया ! इनका जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व भगवान श्री राम के ही वंश की एक शाखा इक्ष्वाकु सूर्यवंशी क्षत्रिय वंश के “शाक्य कुल” के राजा शुद्धोधन के घर में उनकी पत्नी महामाया के गर्भ से हुआ …
Read More »बौद्ध धर्म ने कैसे समाज को पलायनवादी अपराधी और पुरुषार्थ विहीन बना दिया था ! : Yogesh Mishra
आज से लगभग 2500 साल पहले बौद्ध धर्म का उत्थान एक निराशावादी, पलायनवादी, अनुभव विहीन, अनपढ़, राजकुमार के द्वारा हुआ था ! पूरा बौद्ध धर्म सनातन धर्म विरोधी ज्ञान नास्तिकता, शिथिल मध्यम मार्ग और शून्यवाद पर टिका हुआ था ! बुद्ध स्वयं तो मांसाहारी थे पर वह वेदों और यज्ञों …
Read More »अब राष्ट्रीय सरकारों के दिन जाने वाले हैं ! : Yogesh Mishra
अभी तक हर लोकतांत्रिक देश की शासन व्यवस्था यह है कि हर देश में एक संविधान होता है और उस संविधान के अंदर लोकतांत्रिक पद्धति से सरकार के जनप्रतिनिधियों को चुनने का अधिकार उस देश के आम नागरिकों को होता है ! आम नागरिकों द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधि बहुमत के आधार …
Read More »धर्मान्तरण अभियान कहीं विश्व सत्ता पाने के लिये तो नहीं है ! : Yogesh Mishra
आपको यह सुनने में बड़ा अजीब सा लगेगा ! लेकिन विश्व सत्ता के रणनीतिकारों ने यही निर्धारित किया है कि विश्व में जिसके पास जितना अधिक जनाधार और आधुनिक तकनीक होगी ! उसकी विश्व सत्ता में उतनी अधिक भागीदारी होगी और जन आधार का मानक धर्म से जोड़ा गया है …
Read More »विश्व को विधर्म का मार्ग बौद्ध धर्मियों ने ही दिखलाया था ! : Yogesh Mishra
भगवान बुद्ध के समय के बाद भारत में हिन्दू एवं जैन, चीन में कन्फ्यूशियस तथा ईरान में जरथुस्त्र विचारधारा का बोलबाला था ! बाकी दुनिया ग्रीस को छोड़कर लगभग विचारशून्य ही थी ! ईसा मसीह के जन्म के पूर्व बौद्ध धर्म की गूंज जेरुशलम तक पहुंची थी और तप के …
Read More »वर्तमान राजनीति में हिटलर के राजनैतिक दर्शन की उपयोगिता : Yogesh Mishra
जिस तरह श्रीमद्भागवत गीता के अध्ययन के बिना कोई व्यक्ति आध्यात्मिक नहीं हो सकता हैं ! ठीक उसी तरह हिटलर द्वारा लिखी गई पुस्तक “मेरा संघर्ष” के अध्ययन के बिना कोई व्यक्ति सफल राजनीतिज्ञ नहीं बन सकता हैं ! लेकिन यह दोनों ही ग्रंथ आरंभिक अवस्था के मार्गदर्शक ग्रंथ हैं …
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