Astrology

ज्योतिष अनुसार प्रेम सम्बन्ध के ग्रह योग !

रति शक्ति का सम्बन्ध व्यक्ति के शारीरिक गठन, नस्ल और देशकाल (जलवायु) से रहता है ! इसका ज्ञान हमें स्नायु संस्थान के कारक व रक्त संचार कारक ग्रह की स्थिति से होता है तथा सप्तम स्थान में स्थित राशि व ग्रह के स्वभाव तथा बल के अनुसार निष्कर्ष निकलना पड़ता …

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शनि और राहु देते हैं आत्माओं और पूर्वजों से सम्बन्ध की शक्ति !

शनि और राहु आपको कुछ अद्भुत प्रतिभा देता है ! जिस कारण आप अनेक आश्चर्यजनक कार्य कर सकते हैं ! 1. किसी भी जातक की जन्म कुंडली में शनि का लग्न या प्रथम स्थान पर होना दर्शाता है कि यह व्यक्ति पूर्वजन्मों में अच्छा वैद्य या पुरानी वस्तुओं जड़ी-बुटी, गूढ़विद्याओं …

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ग्रह-दशा विश्लेषण के महत्वपूर्ण नियम : Yogesh Mishra

ग्रह कब ? कैसे ? कितना ? फल देते हैं इस बात का निर्णय दशा अन्तर्दशा से किया जाता है ! दशा कई प्रकार की हैं, परन्तु सब में शिरोमणि विंशोत्तरी ही है ! (1) सबसे पहले कुंडली में देखिये की तीनो लग्नों ( चंद्र लग्न, सूर्य लग्न, और लग्न …

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व्यवसाय के लिये ज्योतिष के अनुसार “स्थान चयन” कैसे करें : Yogesh Mishra

जन्म नाम को कई प्रकार से रखा जाता है,भारत में जन्म नाम को चन्द्र राशि से रखने का रिवाज है,चन्द्र राशि को महत्वपूर्ण इसलिये माना जाता है कि शरीर मन के अनुसार चलने वाला होता है,बिना मन के कोई काम नही किया जा सकता है यह अटल है,बिना मन के …

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आजीविका के क्षेत्र में तनाव और कलंक क्यों ? : Yogesh Mishra

जन्म कुण्डली हमारे जन्म समय का नक्शा है,जन्म के समय किस राशि में कौन सा ग्रह कितने अंश में है, इसमें अंकित किया जाता है,हम ज्योतिष शास्त्र के द्वारा किसी भी व्यक्ति के जीवन में घटने वाली किसी भी घटना,समय,घटनास्थल की जानकारी पहले से कर सकते हैं,ज्योतिष के अनुसार अशुभ …

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जानिए : पदोन्नति में विलंब या बाधा के योग : Yogesh mishra

जन्म कुण्डली हमारे जन्म समय का नक्शा है,जन्म के समय किस राशि में कौन सा ग्रह कितने अंश में है, इसमें अंकित किया जाता है,हम ज्योतिष शास्त्र के द्वारा किसी भी व्यक्ति के जीवन में घटने वाली किसी भी घटना,समय,घटना की जानकारी पहले से कर सकते हैं,ज्योतिष के अनुसार अशुभ …

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गर्भ काल में शिशु को कैसे पोषित व सुरक्षित करें !!

संतति का जन्म सनातन धर्म में एक आध्यात्मिक कार्य है ! आने वाली पीढ़ियों के उत्तरोतर सुधार के लिये सन्तान की उत्पत्ति की ज्योतिष-शास्त्र में आध्यात्मिक दृष्टि से विचार किया गया है ! इसके लिये गर्भमास के स्वामियों के अनुसार आध्यात्मिक उपाय अवश्य करना चाहिये ! हम सभी जानतें है …

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सामाजिक विकृति का कारण शुक्र की प्रधानता है !! Yogesh Mishra

सनातन संस्कृति में देवताओं के गुरु वृहस्पति का अपना विशेष स्थान है किन्तु आज के युग में असुरों के गुरु शुक्र की प्रधानता है, बेशक ज्योतिष के विद्वानों को मेरी यह बात कुछ अटपटी सी लगेगी ! परंतु तथ्य यही बताते हैं कि बढ़ी तेजी से यह युग बदल रहा …

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प्रत्येक रोग का सम्बन्ध ग्रहों से है !! Yogesh Mishra

आरोग्यं परमं सुखम् अर्थात् अच्छा स्वास्थ्य सबसे उत्तम सुख होता है ! सभी प्राचीन डॉक्टर, आयुर्वेद के साथ-साथ, ज्योतिष का भी ज्ञान रखते थे ! इसी कारण बीमारी का परीक्षण ग्रहों की स्थिति के अनुसार सरलता से करते थे ! लेकिन युग परिवर्तन के साथ ज्योतिष की ये विद्या लुप्त …

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कुण्डली के मुख्य ग्रह को पहचानिये ! : Yogesh Mishra

कौन सा ग्रह सबसे बलशाली है कुंडली मे मुख्य ग्रह की बहुत ही विशेषता है ! अगर कुंडली मे मुख्य ग्रह मजबूत है तो आपको दूसरें ग्रहों के बारे में सोचने की ज़रूरत नहीं है ! मुख्य ग्रह के मजबुत होने पर आपकी सारी समस्याओं का हल हो जाता है …

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