Shaivism & Vaishnavism

हड़प्पा और मोहनजोदड़ो के समय तक विकसित नहीं हुई थी “संस्कृति भाषा” : Yogesh Mishra

क्या हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की लिपियाँ पढ़ी जा सकती हैं ? हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खुदाई में मिले बर्तन समेत अन्य वस्तुओं पर सिंधु घाटी सभ्यता की अंकित चित्रलिपियों को पढ़ने की कोशिशें लगातार जारी हैं ! यह तो निश्चित सत्य है कि उस समय तक वैष्णव संस्कृति में संस्कृति …

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शैव साहित्य वैष्णवों से श्रेष्ठ है ! : Yogesh Mishra

मैने पूर्व के एक लेख में लिख दिया था कि रावण ने अपने जीवन काल में 2700 से अधिक ग्रंथों का निर्माण किया था ! भगवान राम ने कितने ग्रंथों का निर्माण किया था ! तो यह बात वैष्णव भक्तों को पसंद नहीं आयी ! सच्चाई यह है कि कभी …

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भगवान श्रीराम ने शिव धनुष मात्र सीता स्वयंवर के लिये नहीं तोड़ा था ! : Yogesh Mishra

जैसा कि रामायण में नहीं बल्कि रामचरितमानस में लिखा है कि शिव भक्त राजा जनक ने सीता स्वयंवर में यह शर्त रखी थी कि जो व्यक्ति शिव धनुष पिनाक की प्रत्यंचा चढ़ा देगा ! उसी से वह सीता का विवाह करेंगे ! अतः भगवान श्री राम ने सीता से विवाह …

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रावण के द्वारा रचे गये शास्त्रों की सूची : Yogesh Mishra

अभी कुछ दिन पहले मैंने एक कमेंट डाला था कि महापंडित रावण में अपने जीवन काल में 2700 से अधिक विभिन्न तरह के विभिन्न ग्रंथों का निर्माण किया था ! जिस पर मेरे कुछ साथियों ने यह आग्रह किया कि इस संदर्भ में मैं एक विस्तृत लेख लिखूं ! अत: …

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रावण द्वारा रम्भा के बलात्कार का सच अवश्य पढ़ें : Yogesh Mishra

वाल्मीकि रामायण के अनुसार, रावण पर आरोप है कि उसने कुबेर के पुत्र नल कुबेर की होने वाली पत्नी रम्भा का बलात्कार किया था ! जिसे रामायण में इस प्रकार लिखा गया है ! “एवमुक्त्वा स तां रक्षो निवेश्य च शिलातले !” इस श्लोक का अर्थ यह है कि राक्षसराज …

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देवता सुर भगवान आदि मात्र वैष्णव उपाधियां हैं : Yogesh Mishra

जैसे हिंदू मुसलमान, ईसाई, याहूदी आदि अलग-अलग जीवन पद्धति है ! जिसे कालांतर में धर्म कहकर संबोधित किया गया है और इन सभी जीवन पद्धतियों को मानने वाले व्यक्ति सदैव से दूसरी जीवन पद्धति को मानने वाले व्यक्ति को विधर्मी, काफिर, जेंट, डेविल, डेमन या राक्षस आदि कहकर संबोधित करते …

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वैष्णव शास्त्रों में देवताओं का मानवीकरण : Yogesh Mishra

वैदिक युग से लेकर कृष्ण काल तक रामायण और महाभारत इन दो ग्रंथों के भीतर वेदों के विरुद्ध वैष्णव लेखकों ने राम और कृष्ण को ईश्वर से ऊपर प्रस्तुत किया है ! जब कि सनातन शैव चिंतन में मिथक या माइथालोजी के लिये यहाँ कोई स्थान ही नहीं था ! …

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क्या है सीता के त्याग का रहस्य ? : Yogesh Mishra

प्राय: भगवान श्रीराम पर यह आरोप लगाया जाता है कि उन्होंने मात्र एक धोबी के कहने पर अपनी पत्नी श्रीमती सीता मैया का गर्भाकाल में परित्याग कर दिया था ! किंतु मैं आप सभी को यह बताना चाहता हूं कि बौद्ध रामायण और जैन रामायण के धर्म आचार्यों द्वारा लिखी …

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क्या राम कृष्ण से भी चतुर राजनीतिज्ञ थे ! : Yogesh Mishra

शोध लेख प्रायः यह जनप्रवृत्ति रही है कि श्रीराम को सरल , करुणावत्सल और मर्यादारक्षक व्यक्तित्व के रूप में देखा गया जो सदैव सामाजिक और राजनैतिक मर्यादाओं की रक्षा करते हैं ! जबकि श्रीकृष्ण को एक चतुर , कूटनीतिज्ञ और लीलाधर के रूप में देखा गया है ! जो धर्मस्थापना …

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योरोप भगवान राम के पूर्वजों ने बसाया था ! : Yogesh Mishra

श्रीराम कथा के प्रभाव की व्यापकता को देखकर अंग्रेजों की शह पर पाश्चात्य तथाकथित विद्वानों ने रामायण को ई. पू. 300 से 100 ई पू की रचना कहकर काल्पनिक पात्र घोषित करने का षड्यंत्र रचा था ! जिन्होंने रामायण को बुद्ध की प्रतिक्रिया में उत्पन्न भक्ति महाकाव्य ही माना तथार्थ …

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