कुमारिल भट्ट, मंडन मिश्र और शंकराचार्य जैसे धर्म योद्धा ने जब भारत से बौद्ध धर्म उखाड़ कर फेक दिया और सनातन धर्म की पुनः स्थापना कर दी ! तब बौखलाये बौद्ध धर्म अनुयायियों ने भारत में सनातन धर्म की बरबादी के लिये लुटेरे और डकैतों का सहारा लिया ! ईसा …
Read More »इंदिरा गाँधी द्वारा लगाये गये आपातकाल की अच्छाइयाँ : Yogesh Mishra
26 जून 1975 की सुबह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रेडियो पर आपातकाल की घोषणा करते हुये पूरा देश को चौंका दिया ! उन्होंने राष्ट्र को समबोधित करते हुये बतलाया कि 25 जून 1975 की आधी रात से देश में आपातकाल लागू होगया है ! जो कि बाद में तीन …
Read More »जीवनी ऊर्जा का जीवन की सफलता में क्या महत्व है : Yogesh Mishra
किसी भी चीज को प्राप्त करने के लिये हमको उसका सही तरीका अपनाना होगा, अन्यथा वह काम ठीक से सम्पन्न नहीं होगा ! अगर हम बेवकूफीपूर्ण नैतिकता, सिद्धांत और मूल्यों की दुहाई देते रहेंगे तो इनसे कुछ भी कार्य बनने वाला नहीं है ! जीवन की ऊर्जा को पोषित करने …
Read More »कर्म, भाग्य और ज्योतिष का आपसी सम्बन्ध ! : Yogesh Mishra
कर्म, मनुष्य का परमधर्म है ! पूरी गीता ही निष्काम कर्म योग का ही शास्त्र है ! कर्म ही व्यक्ति को बंधन में बांधता है ! व्यक्ति का जन्म और मरण, उसके कर्मों के अनुसार होता है ! व्यक्ति का पुनर्जन्म कब, कहां, किस योनि में, किस कुल में होगा …
Read More »आधुनिक जीवन में मन्त्रों की उपयोगिता : Yogesh Mishra
मंत्र की उत्पत्ति विश्वास से और सतत मनन से हुई है ! आदि काल में मंत्र और धर्म में बड़ा संबंध था ! प्रार्थना को एक प्रकार का मंत्र माना जाता था ! मनुष्य का ऐसा विश्वास था कि प्रार्थना के उच्चारण से कार्यसिद्धि हो सकती है ! इसलिये बहुत …
Read More »सनातन शास्त्र अध्ययन अत्यंत रहस्यपूर्ण हैं : Yogesh Mishra
सनातन शास्त्रों का अध्ययन और अध्ययन उपरांत उसका मनन, चिंतन और व्याख्या यह सभी अत्यंत रहस्य पूर्ण प्रक्रिया है ! जिसे सामान्य सांसारिक बुद्धि से नहीं समझा जा सकता है क्योंकि जब व्यक्ति सांसारिक चिंतन वाला होता है ! तब उसमें आध्यात्मिक ऊर्जा को समझने का सामर्थ नहीं होता है …
Read More »औद्योगिक क्रान्ति ही विश्व के सर्वनाश का कारण है ! : Yogesh Mishra
भारत को लूटने के बाद ब्रिटेन और बाद में यूरोप में वर्ष 1780 से 1820 के बीच हुये प्रचंड औद्योगिक प्रगति के फलस्वरूप सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक तथा वैचारिक क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुये ! इसका प्रभाव इंग्लैण्ड तक ही सिमित नहीं रहकर यूरोप के अन्य देशों पर भी पड़ा ! …
Read More »वह श्राप जिन्होंने सनातन संस्कृति का इतिहास बदल दिया ! : Yogesh Mishra
श्राप हिन्दू मान्यताओ के अनुसार यह वह नकारात्मक आध्यात्मिक शक्ति है ! जिसे वर्षो की साधक द्वारा कमाया जाता तो है ! पर क्रोध में आकर दूसरे का अनिष्ट करने के लिये क्षण भर में नष्ट कर देता है ! आज के तकनीकी के लिहाज़ से देखे तो मान लीजिये …
Read More »वेद में वर्णित आर्थिक व्यवस्था : Yogesh Mishra
वेद वह ग्रंथ है जिसमें समाज के हर छोटे-बड़े वर्ग और जीवनशैली के व्यक्तियों के लिये विस्तृत निर्देश हैं ! सामाजिक नियमों के द्वारा व्यक्ति का आर्थिक स्तर कैसे विकसित किया जाये ! इसके भी निर्देश हमारे वेदों में ऋचाओं के रूप में दिये गये हैं ! यदि हम वेदों …
Read More »सनातन धर्म पर एक और हमला : Yogesh Mishra
दक्षिण भारत के प्रसिद्ध संत नित्यानंद, कांची पीठ के शंकराचार्य, आसा राम बापू और राम रहीम सच्चा डेरा प्रमुख की घटनाओं को देखते हुये मैंने वर्ष 2017 में यह घोषित कर दिया था कि अगले 5 साल में ईसाई समाज के बढ़ते प्रभाव के कारण गायत्री परिवार पर भी संकट …
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