शरीर के दो हिस्से है एक दिल और दूसरा दिमाग ! इन्हीं दोनों के सामंजस्य से शरीर चलता है ! यदि इनका सामंजस्य बिगाड़ जाये तो पहले तो शरीर बीमार पड़ता है, फिर नष्ट हो जाता है ! अर्थात मनुष्य की मृत्यु हो जाती है !
अमेरिका से प्रकाशित होने वाली एक पत्रिका “नेचर” ने 3 लाख व्यक्तियों पर शोध करके यह निष्कर्ष निकाला है कि जिन व्यक्तियों को कोरोना वैक्सीन दी जा रही है, उनको अंदर एक नई तरह की बीमारी दिखाई दे रही है !
इस बीमारी में यदि कोई व्यक्ति 10 मिनट से ज्यादा खड़ा होता है या गहरा चिंतन करता है, तो उसके मस्तिष्क से हृदय को आने वाले निर्देश अनियमित हो जाते हैं और उसका परिणाम यह होता है कि व्यक्ति की हार्ट बीट 30% तक बढ़ जाती है !
जिस कारण व्यक्ति को 70% हार्ट अटैक होने की संभावना बढ़ जाती है ! व्यक्ति ड्राइविंग कर रहा है, डांस कर रहा है, पढ़ा रहा है या किसी गहन विषय पर चर्चा कर रहा है या कोई गहरी चिंता कर रहा है ! तब उस समय इस तरह के दुर्घटना के होने की संभावना सबसे प्रबल हो जाती है !
ऐसा निरंतर समाज में हो मौतों से देखा भी जा रहा है !
इसलिए अनेक वैज्ञानिकों का यह मत है कि कोरोना वैक्सीन जोकि मानव समाज के लिए एक “क्षद्म घातक औषधि” है ! जिसके प्रयोग के अंतिम परिणाम बहुत ही भयानक हैं ! उनसे व्यक्ति को बचना चाहिए !
शेष जीवन आपका है मर्जी आपकी है !
इसमें किसी संघ के स्वयंसेवक जो कि स्वास्थ्य विज्ञान में नितान्त अनपढ़ होते हैं या किसी वर्ग विशेष राजनीतिक दल के किसी चिलान्टू से राय लेने से बेहतर है, किसी योग्य वैज्ञानिक प्रवृत्ति के निष्पक्ष डाक्टर से परामर्श लेकर वैक्सीन के संदर्भ में उचित निर्णय लें ! वैसे तो इस समय डाक्टर भी अपने को नहीं बचा पा रहे हैं !!