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रामायण या रामचरित मानस के उत्तर कांड अलग-अलग क्यों है : Yogesh Mishra

रामायण या रामचरित मानस के उत्तर कांड के संबंध में बहुत लोगों को इस बात का संशय है कि इसमें घटनाओं का वर्णन एक जैसा नहीं है! शायद इसीलिये शोधकर्ता यह मानते हैं इन दोनों ग्रन्थों में उत्तर कांड को बाद में जोड़ा गया है ! जो कि गलत है …

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ध्यान का जीवन में महत्व : Yogesh Mishra

एक सच्चा ध्यान करने वाला व्यक्ति, तभी ध्यान में स्थित कहा जा सकता है, जब उसका मन कामनाओं और वासनाओं के द्वारा विक्षुब्ध होकर, इधर- उधर न भटक रहा हो ! जब तक किसी व्यक्ति की विषयभोग की इच्छाएँ हैं, कामनाएँ हैं, वासनायें हैं, तब तक साधक का चित्त ध्यान …

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अशांति के देवता शांति कैसे दे सकते हैं : Yogesh Mishra

विचार करो आप शांति के लिये किसकी पूजा कर रहे हो ! जिन्हें वैष्णव भगवान कहकर पूजते हैं, वह सभी तो वैष्णव धर्म प्रचारक, अवसरवादी, कलह प्रिय, आक्रांता, योद्धा या कूटनीतिज्ञ थे ! जिन लोगों ने अपने संपूर्ण जीवन में धूर्तता, मक्कारी, कलह, विश्वासघात, का सहारा लिया क्या मंदिरों में …

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सभी धर्म ग्रन्थ परमात्मा की प्रार्थना से ही क्यों शुरू होते हैं : Yogesh Mishra

जीवन में सत्य को खोजने के दो ही मार्ग हैं ! एक विज्ञान का मार्ग है ! आक्रमण, हिंसा, शोध, छीना-झपटी अर्थात संवेदना और भावना विहीन मार्ग और दूसरा स्वीकार्य और समर्पण का मार्ग ! सनातन धर्म के अनुसार यदि ईश्वर के रहस्य को समझना है तो आप को स्वीकार्य …

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शिव सहस्त्रार ज्ञान साधना ही सर्वश्रेष्ठ है : Yogesh Mishra

शिव सहस्त्रार ज्ञान साधना स्वयं में संपूर्ण साधना है ! इस साधना को करने वाले मानव साधक को अपने कल्याण के लिये किसी भी अन्य सहयोगी साधना पद्धति की आवश्यकता नहीं है ! यह ज्ञान परंपरा मनुष्य का कल्याण इस पृथ्वी पर ही नहीं बल्कि परलोक में भी करती है …

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राहुकाल की गणना के सिधान्त : Yogesh Mishra

दैनिक ज्योतिष में राहुकाल का विशेष महत्व है ! यह इसे राहुकालम भी कहा जाता है ! यह प्रतिदिन में एक विशेष मुहूर्त लगभग 90 मिनट होता है ! यह नित्य स्थान और तिथि के अनुसार अलग अलग होता है ! अर्थात समय क्षेत्र में अंतर के कारण अलग अलग …

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ओशो के सचिव आनंद शीला की कथा : Yogesh Mishra

मां आनंद शीला का असली नाम शीला अंबालाल पटेल है ! मूल रूप से गुजरात के बड़ौदा के कुर्मी समाज से ताल्‍लुक रखती हैं ! 18 साल की उम्र में अमेरिका पढ़ने के लिए गईं ! वहीं पर शादी भी की और 1972 में आध्‍यात्मिक अध्‍ययन के लिए अपने पति …

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समाज को अपराध के लिये भटकता बॉलीवुड : Yogesh Mishra

आधुनिकता के नाम पर पिछले बीस सालों में अधनंगी तथाकथित अभिनेत्री जिन्हें आप “छाया वेश्या” भी कह सकते हैं ! उनके स्तन, नितम्ब कटिप्रदेश और नंगी टांगों को दिखा कर धन कमाने वाले दलाल जिन्हें आप फिल्मों के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर कहते हैं ! उन्हें स्वस्थ मानसिकता के लोगों ने …

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वन गमन से चेतना शक्ति का विकास : Yogesh Mishra

आपने बहुत बार यह महसूस किया होगा कि जब आप शहर से दूर कहीं किसी बड़े पार्क में या जंगल की तरफ यात्रा करते हैं, तो आपके अंदर स्वत: ही स्फूर्ति का विकास होने लगता है अर्थात कहने का तात्पर्य यह है कि आपकी चेतना शक्ति इस शहर रूपी कंक्रीट …

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कालिदास का अहंकार : Yogesh Mishra

कालिदास जी पर माता काली की बड़ी विशेष कृपा थी, इसलिए उनका नाम कालिदास पड़ा था ! अर्थात वह स्वयं को माता काली के दास समझा करते थे ! वह मानते थे कि माता काली की कृपा से कुछ भी पाया जा सकता है ! क्योंकि उन जैसे मूर्ख व्यक्ति …

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