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विश्व वैदिक संस्कृति के विकास में सरस्वती नदी का योगदान : Yogesh Mishra

सरस्वती नदी पौराणिक हिन्दु ग्रंथों तथा ऋग्वेद में वर्णित मुख्य नदियों में से एक है ! ऋग्वेद के नदी सूक्त के एक श्लोक (10.75 ) में सरस्वती नदी को यमुना के पूर्व और सतलुज के पश्चिम में बहती हुए बताया गया है ! उत्तर वैदिक ग्रंथों जैसे ताण्डय और जैमिनिय …

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पुराण वेदों का व्याख्यातिक स्वरूप है ! : Yogesh Mishra

वैसे आर्य समाजी पुराणों की बहुत आलोचना करते हैं ! दयानंद सरस्वती ने तो पुराणों के विषय में यहां तक कहा था कि “पुराणों की रचना लोगों ने भांग के नशे में की थी !” इसलिये आर्य समाजी यह मानते हैं कि हिंदू धर्म में पुराणों का कोई औचित्य नहीं …

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आखिर क्यों बजाया जाता है हिन्दू धर्म में शंख : Yogesh Mishra

वैसे तो कोरोना भागने के चक्कर में हमने देश भर में थालियाँ पीट डालीं ! कुछ उत्साही लोगों ने थालियों के साथ-साथ शंख भी बजाया ! जिसका विधर्मियों ने खूब जम के उपहास किया ! तब मेरे मन में एक विचार आया कि सनातन संस्कृति में शंख क्यों बजाया जाता …

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आधुनिक संस्कृत व्याकरण के रचयिता मात्र पाणिनि नहीं थे ! : Yogesh Mishra

आज संस्कृत भाषा के विषय में हमारे पास कई मिथ्या सूचनायें हैं ! उनमें से सब से प्रसिद्ध सूचना यह है कि संस्कृत भाषा के व्याकरणकर्ता कौन थे ? यदि कोई आप से कहे कि महर्षि पाणिनि संस्कृत के व्याकरण रचयिता है तो आप समझ सकते हैं कि वह व्यक्ति …

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लुटेरों को भारत का रास्ता बौद्ध अनुयायियों ने दिखलाया था : Yogesh Mishra

कुमारिल भट्ट, मंडन मिश्र और शंकराचार्य जैसे धर्म योद्धा ने जब भारत से बौद्ध धर्म उखाड़ कर फेक दिया और सनातन धर्म की पुनः स्थापना कर दी ! तब बौखलाये बौद्ध धर्म अनुयायियों ने भारत में सनातन धर्म की बरबादी के लिये लुटेरे और डकैतों का सहारा लिया ! ईसा …

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इंदिरा गाँधी द्वारा लगाये गये आपातकाल की अच्छाइयाँ : Yogesh Mishra

26 जून 1975 की सुबह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रेडियो पर आपातकाल की घोषणा करते हुये पूरा देश को चौंका दिया ! उन्होंने राष्ट्र को समबोधित करते हुये बतलाया कि 25 जून 1975 की आधी रात से देश में आपातकाल लागू होगया है ! जो कि बाद में तीन …

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जीवनी ऊर्जा का जीवन की सफलता में क्या महत्व है : Yogesh Mishra

किसी भी चीज को प्राप्त करने के लिये हमको उसका सही तरीका अपनाना होगा, अन्यथा वह काम ठीक से सम्पन्न नहीं होगा ! अगर हम बेवकूफीपूर्ण नैतिकता, सिद्धांत और मूल्यों की दुहाई देते रहेंगे तो इनसे कुछ भी कार्य बनने वाला नहीं है ! जीवन की ऊर्जा को पोषित करने …

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कर्म, भाग्य और ज्योतिष का आपसी सम्बन्ध ! : Yogesh Mishra

कर्म, मनुष्य का परमधर्म है ! पूरी गीता ही निष्काम कर्म योग का ही शास्त्र है ! कर्म ही व्यक्ति को बंधन में बांधता है ! व्यक्ति का जन्म और मरण, उसके कर्मों के अनुसार होता है ! व्यक्ति का पुनर्जन्म कब, कहां, किस योनि में, किस कुल में होगा …

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आधुनिक जीवन में मन्त्रों की उपयोगिता : Yogesh Mishra

मंत्र की उत्पत्ति विश्वास से और सतत मनन से हुई है ! आदि काल में मंत्र और धर्म में बड़ा संबंध था ! प्रार्थना को एक प्रकार का मंत्र माना जाता था ! मनुष्य का ऐसा विश्वास था कि प्रार्थना के उच्चारण से कार्यसिद्धि हो सकती है ! इसलिये बहुत …

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सनातन शास्त्र अध्ययन अत्यंत रहस्यपूर्ण हैं : Yogesh Mishra

सनातन शास्त्रों का अध्ययन और अध्ययन उपरांत उसका मनन, चिंतन और व्याख्या यह सभी अत्यंत रहस्य पूर्ण प्रक्रिया है ! जिसे सामान्य सांसारिक बुद्धि से नहीं समझा जा सकता है क्योंकि जब व्यक्ति सांसारिक चिंतन वाला होता है ! तब उसमें आध्यात्मिक ऊर्जा को समझने का सामर्थ नहीं होता है …

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