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शैव साधना के सात चरण हैं : Yogesh Mishra

शैव साधना पद्धति के सात चरण हैं ! जो पूरी तरह से वैष्णव साधना पद्धति से भिन्न हैं ! शैव साधना में सबसे ज्यादा कार्य स्वयं अपने आप पर करना होता है, जबकि वैष्णव साधना पद्धति में सबसे अधिक कार्य भगवान अर्थात अवतार पर करना होता है ! जिन्हें वैष्णव …

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हर व्यक्ति जन्म से शैव ही है : Yogesh Mishra

शैव जीवन शैली का अनुपालन करने वाले व्यक्ति की तीन पहचान होती है ! पहला वह संग्रह नहीं करता है ! दूसरा वह किसी से राग द्वेष नहीं रखता है और तीसरा वह सबको समान समझता है ! यह तीनों ही गुण मनुष्य में जन्मजात होते हैं ! जिसे मनुष्य …

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भारतीय शास्त्रीय संगीत से चिकित्सा : Yogesh Mishra

भारतीय शास्त्रीय संगीत पूर्णतया वैज्ञानिक है ! हमारे ऋषियों, मुनियों, मनीषियों, चिंतकों ने मानव चित्त, मन, बुद्धि, संस्कार और अहंकार पर गहन शोध करने के बाद, उनका ध्वनि से संबंध स्थापित किया और यह निष्कर्ष निकाला कि विभिन्न तरह की ध्वनियां मनुष्य के सम्पूर्ण व्यक्तित्व पर सीधा प्रभाव डालती हैं …

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पाखंडी ध्यान गुरुओं से सावधान : Yogesh Mishra

ध्यान के दो अर्थ होते हैं ! सामान्य प्रचलित भाषा में किसी विषय, वस्तु, व्यक्ति, उद्देश्य पर मन और भाव को केन्द्रित करना ध्यान है ! जिसे हम त्राटक के नाम से भी जानते हैं ! वैष्णव जीवन शैली में इसका बड़ा महत्व है ! ध्यान का दूसरा अर्थ है …

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जीवन क्या है ? : Yogesh Mishra

बड़े-बड़े मनीषी, चिंतक, विचारक, आध्यात्मिक गुरु और समाज के आम लोग जीवन भर यही चिंतन करते रहते हैं कि आखिर जीवन क्या है ? यह एक बहुत गहरा प्रश्न है और व्यक्ति इस प्रश्न का उत्तर इंद्रियों के माध्यम से खोजना चाहता है ! इसीलिए व्यक्तियों को पूरा जीवन जी …

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क्या संत समाज हिंदुत्व की रक्षा करने में अक्षम है : Yogesh Mishra

आज हिंदुओं का बौद्धिक विकास आधुनिक युग के अनुक्रम में रुक सा गया है, और जो लोग विकसित हो रहे हैं, वह हिंदुस्तान ही छोड़ कर बाहर चले जाते हैं ! क्योंकि हिंदुस्तान में संत समाज का एक ऐसा संगठित गिरोह है ! जो हजारों साल पुराने नियमों को जबरजस्ती …

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राम के वनवास का सच : Yogesh Mishra

प्राय: आरोप लगाया जाता है कृष्ण एक कुटिल राजनीतिज्ञ थे और राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे ! यह बात अलग है कि राम को मर्यादा पुरुषोत्तम घोषित करने का श्रेय एक पैतृक कथावाचक और कवि गोस्वामी तुलसीदास को जाता है ! यदि राम को एक राजा के रूप में देखा जाए …

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परजीवी कथावाचक : Yogesh Mishra

सामान्यतया यह कहा जाता है कि अधिवक्ता और राजनीतिज्ञ सबसे अधिक झूठ बोलते हैं ! किंतु मैंने व्यवहार में देखा है कि अपना धंधा चलाने के लिए सबसे अधिक झूठ बोलने का कार्य भगवान के नाम पर कथावाचक करते हैं ! यह इनकी मजबूरी भी है क्योंकि यह लोग परजीवी …

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क्या दशरथ चक्रवर्ती सम्राट नहीं बल्कि एक काबिले के राजा थे : Yogesh Mishra

गोस्वामी तुलसीदास ने राजा दशरथ को रामचरितमानस में एक चक्रवर्ती सम्राट कह कर संबोधित किया है और साथ में यह भी बतलाया है कि राजा दशरथ का इतना प्रभाव और सामर्थ्य था कि वह किसी भी व्यक्ति को राजा बना सकते थे और किसी भी राजा को दंडित कर सकते …

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राम रावण युद्ध में हमने क्या खोया : Yogesh Mishra

बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि आज से 7500 साल पहले जब विश्व की आबादी मात्र डेढ़ करोड़ थी ! तब उसमें भी अधिकांश लोग अपनी सुविधाओं के लिए रावण के साम्राज्य “रक्ष प्रदेश” में निवास करते थे ! रावण का साम्राज्य कर्क रेखा के नीचे संपूर्ण …

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