आज हिंदुओं का बौद्धिक विकास आधुनिक युग के अनुक्रम में रुक सा गया है, और जो लोग विकसित हो रहे हैं, वह हिंदुस्तान ही छोड़ कर बाहर चले जाते हैं !
क्योंकि हिंदुस्तान में संत समाज का एक ऐसा संगठित गिरोह है ! जो हजारों साल पुराने नियमों को जबरजस्ती हिंदुत्व के नाम पर आज की नई पीढ़ी पर थोपना चाहते हैं !
अब नई पीढ़ी धर्म के नाम पर भावुक नहीं है बल्कि बुद्धिजीवी है, विचारशील है, तटस्थ है और वह भविष्य में विकास पर विश्वास रखती है ! ऐसी स्थिति में हजारों साल पुराने परंपरागत नियम जिन्हें हिंदू धर्म कहा जाता है उनके अब अवैज्ञानिक पहलू को आज की वर्तमान युवा पीढ़ी स्वीकार ने को तैयार नहीं है !
किंतु आज के गाँव से दरिद्रता से निकला हुआ अनपढ़ साधु समाज अपने तो बौद्धिक स्तर पर जरा भी विकासित नहीं कर रहा है बल्कि यह साधु समाज जो युवा पीढ़ी विकसित हो रही है, उनको भी दिग्भ्रमित बतलाकर अपने रेट रटाये ज्ञान के आधार पर विकसित अहम को पोषित कर रहा है !
आखिर इस साधु समाज के पास विरासत के तौर पर क्या है ? वही गिने-चुने तथाकथित भगवान के राजघरानों के घरेलू कलह की किस्से कहानियां या फिर जिन लोगों ने विश्व को उस समय विकास की दिशा दी, उनके तथाकथित भगवान द्वारा उन महापुरुषों के विनाश की कथायें !
राम कथा, कृष्ण कथा, रासलीला, प्रहलाद, नचिकेता, द्रौपदी, महाभारत की कथा, के नाम पर हजारों साल पुरानी कथा आखिर कब तक और कितने बार सुनाया जायेगा !
इन साधु-संतों के पास हिंदू समाज के भविष्य को लेकर आत्मरक्षा के लिये आधुनिक विज्ञान को टक्कर देने की क्या योजना है ? जो आधुनिक विज्ञान आज पूरे हिंदुत्व को निगल जाना चाहता है !
क्या कथाओं में ढोलक मजीरा पीटने से हिंदुत्व की रक्षा होगी ! आज मंदिर जो कभी समाज को दिशा देते थे वह आज अराजकता के केंद्र बन गये हैं ! वहां पर श्रद्धा से आये हुये भक्तों को लूटा ही नहीं जाता बल्कि अपमानित करके धक्के मार कर निकाल दिया जाता है !
क्योंकि आज मंदिरों की व्यवस्था अब संगठित गिरोहों के हाथ में चली गई है ! जिनके विरुद्ध सैकड़ों एफ. आई. आर. विभिन्न अपराधों में पूरे भारत में दर्ज और दर्जनों मुकदमे न्यायालय में विचाराधीन हैं !
आज हिंदुत्व की रक्षा के लिये पुराने किस्से कहानियों को छोड़कर नये सिरे से विचार करने की आवश्यकता है ! यदि संत समाज ने युवा पीढ़ी के सहयोग से भविष्य में हिंदुत्व के रक्षा की योजना नहीं बनायी, तो अब बस सिर्फ पुरानी कथा कहानियों को दोहराते रहने से हिंदुत्व की रक्षा नहीं होगी !!