Untold Facts

क्या भारत गहरे बौद्धिक षडयंत्र की चपेट में है : Yogesh Mishra

बौद्धिक षड्यंत्र एक विश्व योजनाकारों के बुद्धि का खेल है ! जो अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये व्यक्ति के सोचने और समझने के तरीके को बदल देता है ! इसके लिये विश्व स्तर पर सभी बड़े-बड़े विकसित देशों में बौद्धिक षड्यंत्रकारों का एक पैनल होता है ! जिसका …

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भारतीय परंपरागत कृषि पर कार्पोरेट का षडयंत्रकारी कब्ज़ा : Yogesh Mishra

परम्परागत भारतीय कृषि पर कार्पोरेट का जिस तरह से कब्ज़ा हो रहा है, उससे जो तस्वीर उभरकर आ रही है, वह अत्यंत ही भयावह है ! दुनिया भर में खेती का कार्पोरेटीकरण किया जा रहा है ! इसी की चपेट में भारतीय कृषि भी है ! अब उद्योग, व्यापार और …

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राजनीति में मूल समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिये कृत्रिम समस्यायें पैदा की जाती हैं : Yogesh Mishra

रामदेव और आई.एम.ए. के महासचिव के बीच का विवाद अब बहुत जल्दी ही समाप्त हो जायेगा क्योंकि इस विवाद के पीछे जो उद्देश्य था, उसकी पूर्ति लगभग हो चुकी है ! यह विवाद पैदा ही इसी उद्देश्य से किया गया था कि बंगाल चुनाव रैलियों में व्यस्त होने के कारण …

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सोनिया गांधी से सबक लो या डूब मरो : Yogesh Mishra

आजकल सोनिया गांधी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रही है ! जिसमे ईसा मसीह की मूर्ति रखी हुई है और एक बाइबल की किताब तथा एक किताब और जिसमें भारत को क्रिश्चियनिटी में कैसे कन्वर्ट कर भारत को क्रिश्चियन राष्ट्र बनाया जाये शायद इसके …

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भारत में क्रांति कब और कैसे होगी : Yogesh Mishra

क्रांति के विषय में कोई भी बात करने के पहले दो बिंदुओं को समझ लेना परम आवश्यक है ! पहला क्रांति कभी भी भौतिक रूप में नहीं होती है ! भौतिक रूप से तो बस क्रांति के नाम पर उत्पात होता है ! क्रांति एक मानसिक प्रक्रिया है ! जब …

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क्या हमारा धर्म ही हमें नष्ट कर रहा है : Yogesh Mishra

महाभारत के सिद्धांतों पर आधारित मनुस्मृति की वह उक्ति जो कि आठवें अध्याय के पन्द्रहवें श्लोक में वर्णित है ! ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः ! तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत् !’ इस वाक्यांश का अर्थ है कि जो लोग ’धर्म’ की रक्षा करते हैं, उनकी …

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क्या प्रायोजित अकाल राजनीतिज्ञों का ब्रह्मास्त्र है : Yogesh Mishra

समस्त विश्व प्राचीन काल और मध्यकाल में अकाल मानसून के अनियमित होने के पड़ते थे ! परन्तु उच्च तकनीकी के आगमन के पश्चात अब अकाल प्रायोजित तरीके से डाले जाते हैं ! इस परम्परा की शुरुआत पूरे विश्व में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासनकाल से हुई थी ! 1769 से 2000 तक …

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कार्पोरेट खेती का माया जाल : Yogesh Mishra

भारत में किसी भी व्यक्ति या कंपनी को एक सीमा से अधिक खेती खरीदने के लिये सीलिंग कानून प्रतिबंध करता है ! विद्यमान कानून के चलते कार्पोरेट घरानों को खेती पर सीधा कब्जा करना संभव नही है ! इसलिये अब राजनीतिज्ञों के सठा-गांठ से सीलिंग कानून बदलने के लिये प्रयास …

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गालियों का सत्ता से सम्बन्ध : Yogesh Mishra

किसी को गालियां देने पर मिलने वाले सुख नाम अंग्रेजी भाषा में “LALOCHEZIA” होता है ! इस सुख की प्राप्ति से व्यक्ति की भड़ास निकल जाती है और बड़ी-बड़ी सामाजिक हिंसायें रुक जाती हैं ! यह लोकतंत्र में शांति बनाये रखने के लिये अभिव्यक्ति की एक आवश्यक क्रिया है ! …

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राजनीति से ब्राह्मणों का पलायन राष्ट्रहित में नहीं है : Yogesh Mishra

शायद यह बहुत कम लोग जानते हैं कि ब्राह्मण अनादि काल से लड़ाकू नस्ल रही है इसका शस्त्र और शास्त्र दोनों पर समान अधिकार रहा है ब्राह्मणों ने ही सदैव से क्षत्रियों को शस्त्र विद्या देकर युद्ध के लिये तैयार किया है और समाज के हर वर्ग को शास्त्र की …

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