Shaivism & Vaishnavism

वैष्णव द्वारा केदारनाथ हड़पने का असफल प्रयास : Yogesh Mishra

बद्रीनाथ को वैष्णव ने कैसे हड़पा इस पर मैं पहले ही अपना शोध लेख लिख चुका हूँ जो मेरी वेबसाईट पर मौजूद है ! आज बात करता हूँ वैष्णव द्वारा केदार नाथ हड़पने के असफल प्रयास की ! महाभारत के युद्ध में कृष्ण द्वारा एक एक शैव परम्परा के पोषक …

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शैव तत्व विज्ञान दर्शन क्या है : Yogesh Mishra

‘तत्व’ का शाब्दिक अर्थ है, वास्तविक स्थिति, ययार्थता, वास्तविकता, असलियत ! ‘जगत् का मूल कारण’ भी तत्व कहलाता है, अर्थात तत्व ही है जिससे यथार्थ बना हुआ है ! वैष्णव सांख्य दर्शन के अनुसार 25 तत्व हैं जबकि शैव दर्शन के अनुसार सृष्टि का निर्माण 36 तत्वों से हुआ है …

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चार्वाक दर्शन देवताओं द्वारा शैवों को छलने के लिये लिखा गया था : Yogesh Mishra

प्रायः लोग यह मानते हैं कि चार्वाक नाम का कोई व्यक्ति था, जिसने भौतिकवादी जीवन शैली को लेकर कोई दर्शन प्रकट किया था ! जबकि यह नितांत गलत है ! जब पूरी दुनिया पर शुक्राचार्य के मार्गदर्शन में मात्र तपोनिष्ठ शैव जीवन शैली ही थी, तब शैवों को दिग्भ्रमित करने …

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प्रश्न विहीन समाज के निर्माण की शुरुआत वैष्णव लेखकों ने की थी : Yogesh Mishra

जैसा कि मैं पहले के लेखों में लिख चुका हूं कि प्रश्न ही समाज की धड़कन है ! जिस समाज में प्रश्न खड़े नहीं होते हैं, वह समाज उस मरे हुए व्यक्ति की तरह है ! जिसकी धड़कन बंद हो चुकी है अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाये तो एक …

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भारत में मूल शैव प्रजाति अभी भी है : Yogesh Mishra

वैष्णव आक्रांताओं द्वारा भारत की मूल प्रजाति शैव को पूरी तरह से वैष्णव बनाने के हजारों साल के प्रयास के बाद भी आज भारत में मूल शैव प्रजाति के लोग पाये जाते हैं ! यह लोग प्राकृतिक कच्चे मकानों में रहते हैं ! आज भी शैव जीवन शैली का ही …

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अंतरिक्ष वैज्ञानिक कुंभकर्ण : Yogesh Mishra

रावण तीन सगे भाई तथा एक बहन थे और रावण का एक भाई दूसरी मां से था ! दूसरी मां से उत्पन्न भाई का नाम कुबेर था ! कुबेर की मां हविर्भूवा महर्षि भारद्वाज की पुत्री थी ! इस तरह महर्षि भरद्वाज कुबेर के नाना तथा रावण के सौतेली माँ …

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भगवान विष्णु और राजा विष्णु में अंतर : Yogesh Mishra

यह एक बहुत बड़ी भ्रांति है कि भगवान विष्णु और राजा विष्णु एक ही व्यक्ति थे ! इसको आज इस लेख में मैने स्पष्ट करने का मन बनाया है ! मनुष्य के ज्ञात इतिहास में सबसे प्राचीन संस्कृति “शैव संस्कृति” है ! जिसके अधिष्ठाता देव भगवान शिव हैं और शिव …

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क्या हमारा धर्म ही हमें नष्ट कर रहा है : Yogesh Mishra

महाभारत के सिद्धांतों पर आधारित मनुस्मृति की वह उक्ति जो कि आठवें अध्याय के पन्द्रहवें श्लोक में वर्णित है ! ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः ! तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत् !’ इस वाक्यांश का अर्थ है कि जो लोग ’धर्म’ की रक्षा करते हैं, उनकी …

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रावण का सिद्धांतवादी चरित्र : Yogesh Mishra

आर्यों से बहिस्कृत करोड़ों व्यक्तियों को जब पूरी दुनियां में किसी ने आश्रय नहीं दिया, तब उन्हें आश्रय और संरक्षण ही नहीं, सम्मान के साथ भर पेट भोजन और आधुनिकतम सुविधा देकर “रक्ष संस्कृति” का निर्माण करने वाला रावण खलनायक कैसे हो सकता है ! वैष्णव लेखकों द्वारा रचित साहित्य …

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वैष्णव शासक जन्मेजय के शासन में शैव उपासक नागवंशियों का पलायन : Yogesh Mishra

यह बात उस समय की है, जब महाभारत का युद्ध समाप्त हो चुका था ! शैव उपासक कौरवों के हार के कारण धृतराष्ट्र अपना राजपाठ वैष्णव उपासक युधिष्ठिर को सौंप कर, अपनी पत्नी गांधारी और छोटे भाई विदुर सहित जंगल में जाकर तपस्या करते हुये, भीषण अग्निकांड में जलकर मर …

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