यह भारत का इतिहास रहा है कि जब भी कोई सनातन धर्म की रक्षा के लिए कोई भी प्रभावशाली कदम उठाता है उसे वैश्विक षड्यंत्रकारी किसी न किसी महान संकट में जरूर डाल देते हैं ! फिर वह चाहे आसाराम बापू हों या फिर राम रहीम जैसे प्रभावशाली संत !
इसी विश्लेषण को आधार मानते हुए मैंने आज दिनांक 24 जनवरी 2023 को प्रातः 9:00 लखनऊ में एक प्रश्न कुंडली के आधार पर बागेश्वर धाम सरकार, जिला – छतरपुर, मध्य प्रदेश के मुख्य सेवा कार एवं पीठाधीश्वर श्री धीरेंद्र जी महाराज के विषय में प्रश्न कुंडली के माध्यम से भविष्य को जानने का प्रयास किया !
प्रश्न कुंडली का चित्र संलग्न है
प्रश्न कुंडली को देखकर यह ज्ञात होता है कि कुंभ लग्न में गोचर कर रहा लग्नेश शनि और साथ में चंद्रमा और शुक्र यह बतलाता है कि किसी स्त्री के माध्यम से भविष्य में “विष योग” की घटना बन रही है !
शनि की तीसरी दृष्टि पराक्रम भाव पर है, जहां पर पहले से ही राहु बैठा हुआ है तथा पराक्रम भाव का स्वामी मंगल सुख भाव में केंद्र में शत्रु राशि पर बैठा हुआ है ! जो सुखों में कमी करेगा तथा यह भी बतलाता है कि इस “विष योग” से निकलने में चाहे जैसा पराक्रम कर लिया जाये किंतु राहु नुकसान करके ही छोड़ेगा !
इसके अतिरिक्त सप्तम भाव पर शनि की पूर्ण दृष्टि अपने शत्रु ग्रह सूर्य की राशि को देख रहा है और सूर्य भी प्रश्न कुंडली के 12 में स्थान पर कारावास योग बना रहा है अर्थात इसका तात्पर्य यह है कि स्वामी जी के सहयोगी भी इस अवस्था में उनका सहयोग नहीं देंगे ! उन्हें कारावास यात्रा भी करनी पड़ सकती है !
शनि की दशम दृष्टि भी कुंडली के दसवें स्थान अपनी शत्रु राशि मंगल को देख रही है, जो मंगल वर्तमान समय में चौथे स्थान पर अपनी शत्रु राशि शुक्र पर बैठा है ! वह यह बतलाता है कि ऐसी अवस्था में शासन सत्ता तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का भी सहयोग नहीं मिलेगा !
अतः मेरा यह सुझाव है कि अगले 3 वर्ष तक इन्हें आत्म संयम के साथ बालाजी महाराज की भक्ति करते हुए अपने कार्य को सीमित करते हुए अति उत्साह का आश्रय छोड़ कर साधना पर ध्यान देना चाहिए ! इसी से इनका कल्याण होगा, अन्य कोई भी इनका मददगार नहीं होगा !!