जयपुर, दिल्ली ही नहीं बल्कि वाराणसी में भी है एक जंतर मंतर !

वाराणसी के राजेंद्र प्रसाद घाट से सटे मान मंदिर घाट स्थित मानसिंह वेदशाला में दिल्ली के जंतर मंतर जैसा ही मिनी जंतर मंतर बनवाया है ! इस जंतर मंतर का निर्माण जयपुर के महाराजा जय सिंह ने करवाया था ! यह वही राजा हैं जिन्‍होंने दिल्‍ली और जयपुर में जंतर – मंतर का निर्माण करवाया था ! हर दिन इस वेदशाला में ढेरों विदेशी पर्यटक घूमने आते हैं !

इस वेदशाला के राजमहल की सुंदरता भी बेहद ख़ास है ! इस महल में आपको नक्काशी,अरजा,लीदार के अलंकृत झरोखे बने हैं ! जयपुर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने 1770 में बनवाया था ! इस महल में यंत्र मंत्र वेधशाला भी बनवायी थी जो दिल्ली, जयपुर, उज्जैन, मथुरा के संग पांचवीं खगोल शास्त्रीय वेधशाला है ! इस घाट के उत्तरी ओर एक सुंदर बाल्कनी है, जो सोमेश्वर लिंग को अर्घ्य देने के लिये बनवायी गई थी !

मान मंदिर घाट वाराणसी में स्थित एक गंगा घाट है ! इस घाट को मान मंदिर घाट को 1585 में बनाया गया था ! इस घाट को अम्‍बेर यानि अजमेर के राजा सवाई राजा मान सिंह ने बनवाया था ! जिसके कारण इस घाट का नाम मान मंदिर घाट पड़ गया ! मान मंदिर घाट को पहले सोमेश्‍वर घाट के नाम से जाना जाता था !

इस वेधशाला में उत्‍कृष्‍ट खिड़कियां कास्टिंग के साथ फिट है ! यहां चार खगोलीय उपकरण हैं जो अभी भी अच्‍छी हालत में है और बढि़या कार्य कर रहे हैं ! यह उपकरण, खगोल विज्ञान के ज्ञान की स्थिति पर महान प्रकाश डालते हैं ! इस वेधशाला का पुनर्निर्माण 1850 में करवाया गया था और 1912 में पुन: जयपुर के राजपूत शासक ने इसका जीर्णोद्धार करवाया था ! मान मंदिर घाट में कई महत्‍वपूर्ण मंदिर है जैसे – स्‍थूलदंत विनायक, रामेश्‍वरा और सोमेश्‍वरा मंदिर ! यहां का सोमेश्‍वरा लिंगम, गुजरात के सोमनाथ मंदिर की समकक्ष प्रतिकृति है ! इसे भारत के नौ प्रसिद्ध ज्‍योर्तिलिंगों में से एक माना जाता है !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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