आखिर कब तक सहना होगा इन बांग्लादेशी और रोहिंग्यों को !
भारत के नागरिक होने के नाते मेरा यह प्रश्न है “मोदी और योगी” दोनों से कि मैं यह मानता हूं कि काला धन विश्व की कानूनी दुविधाओं के कारण भारत में लाने में विलंब हो रहा है और हमारे देश के 25 -25 साल के नौजवानों की गर्दन सरेआम पाकिस्तान काट दे रहा है फिर भी हम उसका जवाब अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण नहीं दे पा रहे हैं !
लेकिन भारत के अंदर जो छह करोड़ बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसकर पूरे भारत में फैल गये हैं और मस्जिदों और मजारों की मदद से पूरे भारत में कूड़ा बटोरने के नाम पर व्यवसाय करते देखे जाते हैं, इन्हें चिन्हित करके देश के बाहर निकालने में हमारे राजनेताओं को क्या दिक्कत आ रही है ?
इसमें वह कौन सी कानूनी अड़चन है, जिस वजह से हमारे देश के राजनेता मौन धारण किए हुए हैं क्योंकि यह न तो देश के नागरिक हैं और न ही सत्ताधारी नेताओं का वोट बैंक है ! केंद्र में बीजेपी को 5 वर्ष पूरे हो गए राज्य में 2.5 वर्ष पूरे हो गए किंतु आज तक एक भी बांग्लादेशी और रोहिंग्या को पकड़कर उसके विरुद्ध घुसपैठिए की कार्यवाही नहीं की गई !
क्या इन बांग्लादेशियों से तथाकथित राष्ट्रवादी देश प्रेमी राजनेता भयभीत हो गए हैं और यदि कार्यवाही करने का साहस समाप्त हो गया है तो मैं एक सुझाव देना चाहता हूं कि भारत की कानूनी व्यवस्था में इस तरह के घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए भारत के नागरिकों को अधिकार दे दिया जाए, जिससे वह अपने देश की रक्षा कर सकें !
क्या आप मेरे इस विचार से सहमत हैं ?