(सनातन धर्म विरोधी तथा अम्बेडकरवादी इस पोस्ट से दूर रहें)
डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में स्थित महू में 14 अप्रैल 1891 में हुआ था।
प्राय: सभी अंबेडकर भक्त यह बतलाते हैं कि भीमराव अंबेडकर के पास 32 शैक्षिक डिग्रियां थी, लेकिन वह उन्होंने कितने समय में और कैसे प्राप्त की थी और उसमें कितने प्रतिशत नंबर प्राप्त हुए थे ! इस संदर्भ में कोई भक्त कभी कोई चर्चा नहीं करता है !
और न ही आज के इस इंटरनेट के युग में डा. भीमराव अंबेडकर जी की 32 शैक्षिक डिग्रियों की कोई प्रति कहीं भी इंटरनेट उपलब्ध करवा पाया है !
चलिए आज किसी का रहस्य खोल देता हूँ !
पहली बात तो यह जान लीजिए कि भीमराव अंबेडकर के पास 32 नहीं, मात्र 12 शैक्षिक डिग्रियां थीं । जो निम्नलिखित हैं !
1. प्रारंभिक शिक्षा, 1902 सतारा, महाराष्ट्र !
2. मैट्रिकुलेशन, 1907, एलफिंस्टन हाई स्कूल, बॉम्बे फ़ारसी, आदि !
3. इंटर 1909, एलफिंस्टन कॉलेज, बॉम्बे फारसी और अंग्रेजी !
4. बीए, 1913, एलफिंस्टन कॉलेज, बॉम्बे, बॉम्बे विश्वविद्यालय, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान !
5. एमए, 1915 अर्थशास्त्र में समाजशास्त्र, इतिहास दर्शन, नृविज्ञान और राजनीति के साथ पढ़ाई !
6. पीएच.डी., 1917, कोलंबिया विश्वविद्यालय ने पीएच.डी. की उपाधि प्रदान की !
7. एम. एससी 1921 जून, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, लंदन। थीसिस – ‘ब्रिटिश भारत में शाही वित्त का प्रांतीय विकेंद्रीकरण’ !
8. बैरिस्टर-एट- लॉ 30-9-1920 ग्रे’ज़ इन, लंदन !
9. 1922-23, जर्मनी में बॉन विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र !
10. डी. एससी नवंबर 1923, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, लंदन ‘रुपये की समस्या – इसका मूल और इसका समाधान’ अर्थशास्त्र में डिग्री के लिए स्वीकार किया गया था !
11. L.L.D (ऑनोरिस कॉसा) 5-6-1952 कोलंबिया विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क उनकी उपलब्धियों, नेतृत्व और भारत के संविधान के लेखन के लिए !
12. डी. लिट (ऑनोरिस कौसा) 12-1-1953 उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद उनकी उपलब्धियों, नेतृत्व और भारत के संविधान के लेखन के लिए !
उपरोक्त में 2 डिग्री उन्हें राजनीतिक सम्मान के तौर पर दी गई थी ! चार डिग्री ऐसी थी कि जिसके लिये उस समय योरोप के विश्व विद्यालय में कोई परीक्षा नहीं होती थी ! मात्र क्लास अटेण्ड करने मात्र से डिग्री मिल जाती थी !
पञ्च डिग्री अर्थात 1. प्रारंभिक शिक्षा, 2. मैट्रिकुलेशन 3. इंटर 4. बीए, 5. एमए तो सभी को पास करना पड़ता है !
इस तरह पांच आरंभिक, चार बिना परीक्षा के, 2 राजनीतिक सम्मान में प्राप्त डिग्री अर्थात ग्यारह डिग्री तो विशेष महत्व की नहीं हैं !
रही शेष इकोनॉमिक्स अर्थात अर्थशास्त्र की डिग्री भारत के सभी आर्थिक और प्राकृतिक संसाधनों को ब्रिटिश गवर्नमेंट द्वारा अपने अधीन करने के लिए 1925 में रॉयल कमीशन ऑन इंडियन करेंसी एंड फाइनेंस समिति इंग्लैंड की महारानी द्वारा भेजी गई थी !
उसके समक्ष इन्होंने भारत की संपत्ति का संपूर्ण डेटा रखा था ! जिसको आधार मान कर अंग्रेजों ने भारतीय सम्पदा पर अपना क़ानूनी नियंत्रण बनाने के लिये 1300 से अधिक कानून समय समय पर ब्रिटिश पार्लियामेंट में बनाये ! अतः अर्थशास्त्र की सभी डिग्रियां इन्हें इंग्लैंड साम्राज्य की विस्तृत योजना के तहत वजीफे के साथ मिली थीं !
जिससे कालांतर में समस्त भारतीय प्राकृतिक संपदा तथा भारत की संपूर्ण अर्थव्यवस्था इंग्लैंड के अधीन हो गयी ! इसीलिये डॉ. बी.आर. आंबेडकर एक मात्र ऐसे भारतीय हैं, जिनकी प्रतिमा लंदन संग्रहालय में कार्ल मार्क्स के साथ सम्मान में अंग्रेजों द्वारा लगी गयी है !
शेष आप समझदार हैं !!
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