करोड़ों रुपये की चायना राखी से बेहतर है अभिमंत्रित रुद्राक्ष से मनाइये रक्षाबंधन !!

प्रति वर्ष देश में लगभग 20 करोड़ रुपये तक की राखी चीन से इंपोर्ट की जाती है और चीन की इन इंपोर्टेड राखी से राखी ट्रेडर्स का प्रॉफिट मार्जिन बढ़ जाता है ! जिससे भारत के राखी निर्माण करने वाले कुटीर उद्योग बंद हो रहे हैं !!

किंतु सनातन वैष्णव संस्कृति के अंतर्गत गुप्त नवरात्रि में मंत्रों से अभिमंत्रित रक्षा सूत्र को ही धारण करने का विधान शास्त्र बतलाते हैं ! जिससे स्वास्थ्य हानि, धन हानि से बचाव तो होता ही है, साथ में शत्रुओं से रक्षा भी होती है और इन अभिमंत्रित रक्षा सूत्रों से व्यक्ति को धन, यश, विजय की प्राप्ति होती है !

कालांतर में जब मुगलों का भारत पर आक्रमण हुआ ! तब भारत की वैष्णव सनातन संस्कृति छिन्न-भिन्न होने लगी और ब्राह्मणों द्वारा जगह-जगह जाकर जजमानें को रक्षा सूत्र बांधने पर उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता था ! तब से ब्राह्मण की जगह घर की कन्याओं से ही रक्षा सूत्र बंधन का उपक्रम चल पड़ा ! जिसे बाद में भाई बहन के त्यौहार के रूप में मनाया जाना जाने लगा !

इसी उद्देश्य से रुद्राक्ष अभिमंत्रित करने की पूरी विधा बतलाई जा चुकी है ! सनातन ज्ञान पीठ से जुड़े हुए साथियों के आग्रह पर प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी अभिमंत्रित रक्षा सूत्रों का निर्माण गुप्त नवरात्रि में किया गया है ! यदि आप इच्छुक हो तो सनातन ज्ञान पीठ के कार्यालय में रक्षा सूत्र प्राप्ति हेतु संपर्क कर सकते हैं !

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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