40 वर्ष की आयु में अर्जुन का विवाह अपनी चौथी पत्नी सुभद्रा के साथ हुआ और विवाह के बाद अर्जुन एक वर्ष तक कृष्ण के यहाँ सुभद्रा के साथ द्वारिका में रहे ! इसी बीच अभिमन्यु का जन्म हुआ ! तब इंद्रप्रस्थ के बंटवारे में पाण्डव को हस्तिनापुर का खण्डव वन मिला ! जिसे राक्षसों से मुक्त करवाने के लिये पाण्डव को तीन वर्ष तक अलग अलग समय युद्ध करना पड़ा ! फिर सभी पाण्डव ने मिलकर खण्डव वन में आग लगा कर उसे राक्षसों से मुक्त करवाया और 16 वर्षों तक राजमहल बनवाया फिर राजसुर यज्ञ किया !
राजसुर यज्ञ के समय अभिमन्यु की आयु 19 वर्ष की थी ! तभी यज्ञ के उपरान्त अभिमन्यु सुबल और उनके सभी पुत्रों को खण्डव वन की सीमा तक छोड़ने गये थे ! तब तक श्रीकृष्ण ने अभिमन्यु को वेद और शस्त्रों की शिक्षा द्वारिका में दी थी !
इसी समय यज्ञ के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने शिशुपाल का वध किया था ! जिससे दुर्योधन और कृष्ण के मध्य संघर्ष छिड़ गया और युधिष्ठिर ने संघर्ष को टालने के लिये दुर्योधन के अस्त्र शस्त्र रखवा लिया था ! जो उन्हें अपना अपमानित लगा और इसीलिये हस्तिनापुर आकर उन्होंने शकुनि के साथ मिलकर पाण्डव को जुएँ में हराने का षडयंत्र रचा और जूआं खेलने के लिये पाण्डव को आमंत्रण भेज दिया !
जिसके बाद शकुनि ने जुयें में पांडव को हराकर उनका राज पाठ छीन लिया था ! जिस वजह से पाण्डव को 12 वर्ष के लिये वनवास और एक वर्ष के लिये अज्ञानतवास काटना पड़ा ! तब तक अभिमन्यु की आयु 32 वर्ष की हो गयी थी ! तब अभिमन्यु का विवाह उत्तरा से हुआ और उत्तरा गर्भवती हो गयी ! उसी समय महाभारत के युद्ध की घोषणा हुई !
उस समय उद्योग पर्व में महाभारत युद्ध के पूर्व धृतराष्ट्र स्वयं कह रहे हैं कि आज से 33 वर्ष पूर्व दिये गये खण्डव वन को जला कर वहां के नाग प्रजाति के निवासियों और राक्षसों को अर्जुन ने तीन वर्ष तक निरंतर युद्ध करके हराया था ! वह अति बलशाली महान योद्धा है ! अत: महाभारत के समय अभिमन्यु की आयु 16 वर्ष नहीं बल्कि 34 वर्ष की पूरी हो चुकी थी ! तब तक उसने द्वारिका में शस्त्र और शास्त्र की शिक्षा भगवान श्रीकृष्ण के देख रेख में ग्रहण की थी ! चक्रव्यूह से निकलने का ज्ञान अभ्यास के आभाव में उस समय अधूरा ही रह गया था !
इस तरह महाभारत युद्ध के समय अभिमन्यु की आयु 34 वर्ष की थी ! भीष्म की आयु 155 वर्ष, द्रोणाचार्य की आयु 110 वर्ष, अर्जुन की आयु 72 वर्ष, दुर्योधन की आयु 70 वर्ष, कर्ण की आयु 80 वर्ष, दुर्योधन के पुत्र लक्ष्मण की आयु 42 वर्ष की थी !
इस तरह सिद्ध होता है कि महाभारत युद्ध के समय अभिमन्यु की आयु 16 वर्ष नहीं बल्कि 34 वर्ष की थी और अभिमन्यु ने चक्रव्यूह में लड़ने की कला माँ सुभद्रा के गर्भ में नहीं बल्कि द्वारिका में भगवान श्री कृष्ण से सीखी थी ! जो ज्ञान अभ्यास के आभाव में अधूरा ही रह गया था क्योंकि चक्रव्यूह से निकलने का ज्ञान उस समय इस धरती पर मात्र तीन व्यक्तियों को ही आता था ! 1. अर्जुन 2. कृष्ण और 3. द्रोणाचार्य मात्र !!