सोने की लंका के निर्माण का वैष्णव इतिहास : Yogesh Mishra

श्रीलंका सरकार ने ‘रामायण’ में आये लंका प्रकरण से जुड़े तमाम स्थलों पर शोध करा कर उसकी ऐतिहासिकता सिद्ध कर उक्त स्थानों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित कर लिया है ! अब आप श्रीलंका जाकर रावण की लंका को देख सकते हैं ! कहते हैं कि श्रीलंका के ऐक जंगल में रावण का शव भी रखा है ! वेरांगटोक, नुवारा एलिया पर्वत, सीतोकोटुवा, सीता एलिया, रावण एल्ला और रैगला के घने जंगल आदि कुछ ऐसे स्थान है जो कि रामायण काल से जुड़े हुये हैं !

सुकेश के 3 पुत्र थे- माली, सुमाली और माल्यवान ! माली, सुमाली और माल्यवान नामक 3 दैत्यों द्वारा लंकापुरी त्रिकुट सुबेल (सुमेरु) पर्वत पर बसाई गई थी ! माली को मारकर देवों और यक्षों ने कुबेर को लंकापति बना दिया था ! रावण की माता कैकसी सुमाली की पुत्री थी ! अपने नाना के उकसाने पर रावण ने अपनी सौतेली माता इलविल्ला के पुत्र कुबेर से युद्ध की ठानी और लंका को फिर से यक्षों से छीन कर राक्षसों के अधीन लेने की सोची !

रावण ने सुंबा और बाली द्वीप को जीतकर अपने शासन का विस्तार करते हुये अंगद्वीप, मलय द्वीप, वराह द्वीप, शंख द्वीप, कुश द्वीप, यव द्वीप और आंध्रालय पर विजय प्राप्त की थी ! इसके बाद रावण ने लंका को अपना लक्ष्य बनाया ! लंका पर कुबेर का राज्य था, परंतु पिता ने लंका के लिये रावण को दिलासा दी तथा कुबेर को कैलाश पर्वत के आसपास के त्रिविष्टप (तिब्बत) क्षेत्र में रहने के लिये कह दिया ! इसी तारतम्य में रावण ने कुबेर का महर्षि भरद्वाज द्वारा निर्मित पुष्पक विमान भी छीन लिया !

आज के युग के अनुसार रावण का राज्य विस्तार, इंडोनेशिया, मलेशिया, बर्मा, दक्षिण भारत के कुछ राज्य और संपूर्ण श्रीलंका पर रावण का राज्य था ! श्रीलंका की श्रीरामायण रिसर्च कमेटी के अनुसार रामायण काल से जुड़ी लंका वास्तव में श्रीलंका ही है ! जो कि रक्ष राष्ट्र की राजधानी थी ! जिस रक्ष राष्ट्र का विस्तार उत्तर में श्रीलंका से लेकर पूर्व में आस्ट्रेलिया और पश्चिम में अफ्रीका तक त्रिभुजाकार था !

कुबेर रावण का सौतेला भाई था ! कुबेर धनपति था ! कुबेर ने लंका पर राज कर उसका विस्तार किया था ! रावण ने कुबेर से लंका को हड़पकर उस पर अपना शासन कायम किया ! ऐसा माना जाता है कि लंका को भगवान शिव ने बसाया था ! भगवान शिव ने पार्वती के लिए पूरी लंका को स्वर्णजड़ित बनवाया था !

एक बार माता पार्वती को महसूस किया कि महादेव तो देवों के भी देव हैं ! सारे देव तो सुंदर महलों में रहते हैं लेकिन देवाधिदेव श्मशान में, इससे तो देव की प्रतिष्ठा भी बिगड़ती है ! उन्होंने महादेव से हठ किया कि आपको भी महल में रहना चाहिए ! आपका महल तो इंद्र के महल से भी उत्तम और भव्य होना चाहिए ! उन्होंने जिद पकड़ी कि अब ऐसा महल चाहिए जो तीनों लोक में कहीं न हो !

महादेव ने समझाया कि हम तो ठहरे योगी, महल में तो चैन ही नहीं पड़ेगा ! महल में रहने के बड़े नियम-विधान होते हैं ! मस्तमौला औघड़ों के लिये यह महल उचित नहीं है !

परंतु देवी का वह तर्क अपनी जगह पर कायम था कि देव यदि महल में रहते हैं तो महादेव क्यों श्मशान में और बर्फ की चट्टानों पर? महादेव को झुकना पड़ा ! उन्होंने उन्होंने विश्वकर्मा जी को बुलाया !

उन्हें ऐसा महल बनाने को कहा जिसका सुंदरता की बराबरी का महल त्रिभुवन में कहीं न हो ! वह न तो धरती पर हो न ही जल में !

विश्वकर्मा जी जगह की खोज करने लगे ! उन्हें एक ऐसी जगह दिखी जो चारों ओर से पानी से ढकी हुई थी बीच में तीन सुन्दर पहाड़ दिख रहे थे ! उस पहाड़ पर तरह-तरह के फूल और वनस्पति थे ! यह लंका थी !

विश्वकर्माजी ने माता पार्वती को उसके बारे में बताया तो माता प्रसन्न हो गईं और एक विशाल नगर के ही निर्माण का आदेश दे दिया ! विश्वकर्मा जी ने अपनी कला का परिचय देते वहां सोने की अद्भुत नगरी ही बना दी !

माता ने गृह प्रवेश को मुहूर्त निकलवाया ! विश्रवा ऋषि को आचार्य नियुक्त किया गया ! सभी देवताओं और ऋषियों को निमंत्रण मिला ! जिसने भी महल देखा वह उसकी प्रशंसा करते नहीं थका !

गृहप्रवेश के बाद महादेव ने आचार्य से दक्षिणा मांगने को कहा ! महादेव की माया से विश्रवा का मन उस नगरी पर ललचा गया था इसलिए उन्होंने महादेव से दक्षिणा के रूप में लंका ही मांग लिया !

महादेव ने विश्रवा को लंकापुरी दान कर दी ! पार्वती जी को विश्रवा की इस धृष्टता पर बड़ा क्रोध आया ! उन्होंने क्रोध में आकर शाप दे दिया कि तूने महादेव की सरलता का लाभ उठाकर मेरे प्रिय महल को हड़प लिया है !

मेरे मन में क्रोध की अग्नि धधक रही है ! महादेव का ही अंश एक दिन उस महल को जलाकर कोयला कर देगा और उसके साथ ही तुम्हारे कुल का विनाश आरंभ हो जायेगा !

कथा श्रुति के अनुसार विश्रवा से वह पुरी पुत्र कुबेर को मिली जिसे रावण ने कुबेर से प्राप्त कर लिया ! इन्द्र द्वारा रचे गये षडयंत्र से राम रावण का युद्ध हुआ और रावण, कुंभकर्ण की पुत्रों सहित राम ने हत्या कर दी ! भाई से विश्वासघात कर राम से मिल जाने के कारण इस युद्ध में विभीषण बच गये !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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