पिता का श्रापः इस श्राप को देखने के लिए कुंडली में सूर्य की स्थिति को देखा जाता है। माना जाता है कि किसी ने अपने पिछले जन्म में अपने पिता को दुख दिए हों या फिर अगर उसके पूर्वजों की आत्माओं को शांति न मिले तो उसे यह श्राप मिलता है। इस श्राप के कारण व्यक्ति को संतान प्राप्ति में परेशानी हो सकती है, पिता से संबंध बिगड़ सकते हैं तथा पिता की मृत्यु भी हो सकती है। इस दोष के बारे में पता लगाने के लिए कुंडली में पांचवें, नौवें तथा दसवें ग्रह को देखा जाता है।
माता का श्रापः कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति इस श्राप के बारे में बताती है। पिछले जन्म अपनी मां से बुरा व्यवहार करने पर व्यक्ति को यह श्राप लग जाता है। इसकी वजह से व्यक्ति नि:संतान हो सकता है, मां से उसके संबंधों में तनाव आ सकता है या हो सकता है कि मां की अचानक मृत्यु हो जाए। कुंडली में चौथे और पांचवें घर को देखने से इस श्राप के बारे में जाना जा सकता है।
भाई का श्रापः बड़े भाई के बारे में मंगल ग्रह और छोटे के बारे में बृहस्पति ग्रह को देखा जाता है। इसलिए इन दोनों ग्रहों की स्थिति से इस श्राप के बारे में जाना जा सकता है। इस श्राप के कारण व्यक्ति के अपने भाइयों से संबंध बिगड़ सकते हैं, व्यक्ति नि:संतान हो सकता है आदि। इसके बारे में जानने के लिए तीसरे, पांचवे और ग्याहरवें घर को देखा जाता है।
माता संबंधी रिश्तों के श्रापः माता से जुड़े रिश्तों को बुध ग्रह के माध्यम से देखा जाता है। लेकिन इसी के साथ शनि का भी विशेष महत्व है। इस श्राप के बारे में जानने के लिए शनि और बुध की स्थिति देखी जाती है। इस श्राप की वजह से व्यक्ति का अपनी माता से जुड़े रिशतों में तनाव रहता है और बच्चे न होने जैसी समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। इसके बारे में जानने के लिए पाचवें घर को देखना बहुत जरूरी है।
आध्यात्मिक लोगों के श्रापः इस श्राप के संबंध में जानने के लिए बृहस्पति ग्रह को देखा जाता है। इस श्राप से व्यक्ति के जीवन में दुख भर जाते हैं और उसे किसी भी चीज से संतुष्टि प्राप्त नहीं होती। उसे अपने शिक्षकों की ओर से भी परेशानी झेलनी पड़ती है। इस श्राप के बारे में पता लगाने के लिए नौवें घर का स्थान और स्थिति देखी जाती है।
पत्नि या स्त्री का श्रापः पत्नी के लिए शुक्र ग्रह को देखा जाता है। इस श्राप को समझने के लिए भी कुंडली में शुक्र ग्रह को ही देखा जाता है। इस श्राप के कारण बच्चे के जन्म में परेशानी होती है, व्यक्ति की शादी में अड़चनें आ सकती हैं, पत्नी या स्त्री के साथ तनाव रह सकता है तथा तलाक की नौबत भी आ सकती है। इसके लिए कुंडली में सातवें घर को देखना चाहिए।
सांपों के श्रापः इस श्राप की जानकारी कुंडली में राहू की स्थिति से मिलती है। इसकी वजह से व्यक्ति को संतान प्राप्ति में परेशानी होती है, सांप से डर लगता है तथा उसे सांप के डंसने का खतरा भी होता है। यह श्राप पिछले जन्म में सांप को मारने के कारण लग जाता है। इस श्राप के बारे में जानने के लिए पांचवें घर को देखा जाता है।
प्रायः उपरोक्त शाप व्यक्ति में सभी योग्यता होते हुये भी उसका सर्वश्य नष्ट कर देते हैं |