जीवन में शक्ति उपासना का महत्व : Yogesh Mishra

इस संसार में शिव उपासकों के अतिरिक्त जितने भी महापुरुष हुये हैं, उनमें अधिकांशत: शक्ति उपासक ही रहे हैं ! फिर चाहे वह राम, कृष्ण, अर्जुन, युधिष्ठिर, भीष्म पितामह, वशिष्ठ, विश्वामित्र, शिवाजी आदि कोई भी क्यों न हों !

वैदिक संहिताओं में भी शक्ति की साधना मातृ रूप में की जाती रही है ! वेदों में अदिति, शची,उषा, पृथ्वी, वाक्, सरस्वती, गायत्री, रात्रि, इला, मही, भारती, अरण्यानी, पृश्नि, सरयू, सीता, श्री आदि देवियों के नाम मिलते हैं !

ब्राह्मण एवं आरण्यक उपनिषदों में अंबिका, इंद्राणी, रुद्राणी, शर्वाणी,भवानी, कात्यायनी, कन्याकुमारी, उमा, हैमवती आदि देवियों का उल्लेख मिलता है ! सिंधु घाटी सभ्यता में भी देवी उपासना प्रचलित थी ! तैत्तिरीय संहिता में अंबिका को शिव-सहोदरा कहा गया है !

महाभारत के वन पर्व में मां दुर्गा को नंद-यशोदा की पुत्री और वासुदेव कृष्ण की बहन बतलाया गया है ! अति प्राचीन दस उपनिषदों में से एक केनोपनिषद में उमा-हैमवती नामक एक देवी का उल्लेख मिलता है ! इसमें कहा गया है कि देवताओं को ब्रह्म ज्ञान, उमा हैमवती नामक एक स्त्री देवता ने कराया था !

दुर्गा की प्रतिमा समस्त शक्ति अर्थात राष्ट्र शक्ति का प्रतिरूप है ! जिस व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के सम्मिलित रूप अर्थात राष्ट्र का शारीरिक बल, संपत्ति बल और ज्ञान बल सिंह सदृश है, उस व्यक्ति पर, उस राष्ट्र पर, मां दुर्गा आरूढ़ होती हैं !

राष्ट्र को पशुबल संपत्ति बल एवं ज्ञानबल (क्रमशः कार्तिकेय,लक्ष्मी और सरस्वती इनके प्रतीक और दाता हैं) चाहिए,किंतु बुद्धिहीन के लिए बल, संपत्ति एवं ज्ञान निरर्थक ही नहीं, प्रत्युत आत्म-संहार के लिए प्रबल अस्त्र सिद्ध होते हैं ! इसीलिए मंगल बुद्धि के देवता महाकाय गणपति, दुर्गा पूजन का अहम हिस्सा होते हैं ! उनकी विशाल बुद्धि और शरीर के भार के नीचे सभी विघ्नहर्ता दबे पड़े रहते हैं और विवश रहते हैं !

समस्त दिशाओं में फैला हुआ विशेष जन बल राष्ट्र की अनंत भुजाएं हैं तथा समस्त प्रकार के उपलब्ध अस्त्र-शस्त्रादि इसके आयुध हैं ! कोई व्यक्ति और राष्ट्र ऐसा नहीं है, जिसका विरोधी न हो, यही महिष है ! दुर्गा भक्ति के रूप में हम प्रकारांतर से राष्ट्रशक्ति की उपासना करते हैं !

देवी की दस भुजाएं, दस दिशाओं की केंद्रीय शक्ति होने तथा दस विभूतियों से मानव की रक्षा करने के भाव की सूचक हैं ! इसी प्रकार अष्टभुजा आठ दिशाओं में लोक के योगक्षेम के भाव का द्योतक हैं !

इंद्र विरोधी कृष्ण चंद्रवंशी क्षत्री हैं और चंद्रवंशी क्षत्रियों की कुलदेवी विन्ध्यवासिनी हैं !

अब प्रश्न यह है कि ऐसा होता क्यों है ?

इसका सीधा सा वैज्ञानिक उत्तर है ! पुरुष की उत्पत्ति एक स्त्री से होती है अर्थात पुरुष स्त्री के शरीर का अंश होता है ! इसलिए पुरुष यदि संसार में सफलता प्राप्त करना चाहता है या फिर परलोक में परम पद प्राप्त करना चाहता है ! तो उसे इन दोनों ही स्थिति में क्योंकि पुरुष स्त्री के शरीर का अंग है, अतः देवी आराधना करने से उसके जीवनी ऊर्जा का वर्तुल पूरा हो जाता है ! जिससे उसे लक्ष्य प्राप्ति में शीघ्र सफलता मिलती है !

क्योंकि मनुष्य अपूर्ण ही पैदा होता है और उस अपूर्णता को पूर्ण करने के लिए उसे विपरीत ऊर्जा की आवश्यकता होती है ! इसीलिए हमारे इतिहास में शिव भक्तों के अतिरिक्त जितने भी महापुरुष हुये हैं. वह सभी देवी उपासक रहे हैं !

शिव भक्तों को अपने जीवनी ऊर्जा के विकास के लिए किसी स्त्रियोचित ऊर्जा की आवश्यकता नहीं पड़ती है ! क्योंकि भगवान शिव अपने आप में अर्धनारीश्वर स्वरूप में परिपूर्ण हैं ! इसलिए शिव भक्तों को अपने जीवनी ऊर्जा के वर्तुल को पूरा करने के लिये किसी भी देवी के आराधना की आवश्यकता नहीं होती है !!

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

 -: सम्पर्क :-
-090 444 14408
-094 530 92553

Check Also

शिव भक्ति सरल, सहज, सस्ती, प्रकृति अनुकूल और अनुकरणीय क्यों है ? : Yogesh Mishra

शैव साहित्यों की शृंखला ही बहुत विस्‍तृत है ! वैरोचन के ‘लक्षणसार समुच्‍चय’ में इन …

6 comments

  1. Primers for Esr1 gene forward, 5 aattctgacaatcgacgccag 3; reverse, 5 ctctaggatgccactgctgttg 3 buy cialis online reviews

  2. Now gently brush the front of the teeth in a circular motion best place to buy cialis online

  3. pristiq omeprazole digunakan untuk penyakit apa In the end it all comes down to a business decision do we take the stricter remedies or abandon the transaction and unwind it or parts of it, which will be complicated and costly, said Jens Olrik Murach, a competition lawyer at Gibson, Dunn Crutcher LLP buy cialis online prescription

  4. buy cheap generic cialis uk In severe acne, Doxiclor and Doxiclor CAP may be useful adjunctive therapy

  5. Belly fat, erratic mood, depression, anxiety, PCOS, infertility, fibroids, breast tenderness, migraines, insulin resistance, sleep disturbances, fluid retention, and weight gain can you buy cialis online

  6. USHERS Pat Seager Brant Sundall Matt Hirsch J zithromax chlymidia Jewell QXUxWyaMRkXzax 6 27 2022