जिन्दा रहना है तो त्यौहार में चीनी की नहीं गुड़ की मिठाई दीजिये !!

चीनी में सिर्फ कैलोरी होती है उसमे प्रोटीन , विटामिन या खनिज आदि पोषक तत्व नहीं होते ! ज्यादा चीनी के उपयोग से पोषक तत्वों की कमी हो जाती है !

शक्कर दो तरह की होती है ग्लूकोज़ और फ्रुक्टोस ! चीनी फ्रुक्टोस का रूप होती है ! यह ग्लूकोज की अपेक्षा अधिक नुकसान देह होती है ! ग्लूकोज़ कोशिका के लिए जरुरी होता है जबकि फ्रुक्टोस नहीं ! फ्रुक्टोस के रूप में ली जाने वाली अधिक चीनी के नुकसान इस प्रकार हैं –

लीवर अधिक फ्रुक्टोस को फैट में बदलता है जिससे उस पर अनावश्यक कार्यभार बढ़ता है ! कम मात्रा में शक्कर हो तो लीवर उसे ग्लाइकोजेन में बदलकर खुद के पास जमा कर लेता है ताकि जरुरत पड़ने पर काम आ सके !

लेकिन यदि लीवर में यह पहले से ही पर्याप्त मात्रा में मौजूद हो तो लीवर अधिक फ्रुक्टोस को फैट में बदल देता है जिसकी कुछ मात्रा तो LDL नामक हानिकारक फैट के रूप में रक्त में चली जाती है जो हृदय रोग का कारण बन सकती है और कुछ मात्रा लिवर पर ही इकट्ठी हो जाती है जो फैटी लिवर ( NAFLD ) नामक बीमारी का कारण बनती है !
अधिक चीनी लेने से इन्सुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है जिसके कारण मोटापा और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है !इन्सुलिन बहुत महत्वपूर्ण हार्मोन है ! इसकी उपस्थिति में ही कोशिका ग्लूकोज का उपयोग कर पाती हैं ! रक्त में ज्यादा शक्कर होने से कोशिका में इन्सुलिन का प्रतिरोध शुरू हो जाता है !

इसके कारण पैंक्रियास अधिक मात्रा में इन्सुलिन बनाने लगती है ! लगातार ऐसा होने से पैंक्रियास का पूर्ण क्षमता से इन्सुलिन बनाना भी कम पड़ जाता है और एक दिन शुगर इतनी ज्यादा बढ़ जाती है हॉस्पिटल की शरण लेनी पड़ती है !

ग्लूकोज जैसी संतुष्टि फ्रुक्टोस यानि चीनी से नहीं मिलती है ! विभिन्न प्रकार की शक्कर का शरीर , दिमाग और हार्मोन पर अलग प्रभाव पड़ता है ! नशीली चीजों की तरह चीनी दिमाग में डोपामाइन नामक हार्मोन का स्राव हानिकारक स्तर तक बढ़ा सकती है !

इसी वजह से चीनी की आदत हो जाती है यानि इसकी लत पड़ जाती है जो व्यसन का रूप ही होता है ! इसी प्रकार से फ़ास्ट फ़ूड की भी लत पड़ सकती है !

अधिक शक़्कर वाले खाद्य पदार्थ रक्त में यूरिक एसिड बढ़ाते हैं जिसके कारण गठिया और ब्लड प्रेशर की परेशानी हो सकती है !

भूख बढ़ाने वाले घ्रेलिन नामक हार्मोन को ग्लूकोस के जितना फ्रुक्टोज़ यानि चीनी कम नहीं कर पाती ! इससे इसका उपयोग बढ़ता चला जाता है ! चीनी की अधिक मात्रा लेने से शरीर का वजन और भूख नियंत्रित करने वाला सिस्टम ख़राब हो सकता है जो वजन बढ़ने का कारण बनता है !

कैंसर जैसी गंभीर बीमारी कोशिका की अनियंत्रित वृद्धि का परिणाम होता है ! इस वृद्धि के नियंत्रण में इन्सुलिन की अहम् भूमिका होती है ! वैज्ञानिकों का मानना है की अधिक चीनी के उपयोग से इन्सुलिन पर बुरा असर पड़ता है जो कैंसर का कारण बन सकता है !

इसके अतिरिक्त अधिक चीनी से शरीर में सूजन आती है जो कैंसर का एक बड़ा कारण होता है ! जो लोग अधिक चीनी लेते है उन्हें कैंसर होने का खतरा अधिक होता है ! यह कई प्रकार के रिसर्च में साबित हो चुका है !

इसलिये जिन्दा रहना है तो त्यौहार में अपनों को मिठाई नहीं गुड़ के बने तिल के, सोंठ के, बादाम के, चना पिस्ता के लड्डू दीजिये !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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