सूपनखा रावण से मात्र 12 वर्ष छोटी थी ! इसका वास्तविक नाम चंद्र सुंदरी था अर्थात जो चंद्रमा के समान सुंदर हो ! इसके पति का नाम विद्युतजिह्वा था ! जिसे रावण ने वर्तमान के अफ्रीका राज्य का प्रभारी बनाया था ! विवाह के उपरांत सूप नखा अपने पति के साथ स्थाई रूप से अफ्रीका में निवास करती थी ! इसके एक पुत्री भी थी ! इसके पुत्री का नाम अनंगकुसुमा था ! जिसका विवाह हनुमान के साथ हुआ था ! जिससे हनुमान को “मकरध्वज” नामक पुत्र की प्राप्ति हुई थी ! जिसका पालन पोषण रावण के भाई अहिरावण ने किया था ! जो कि वर्तमान के ब्राजील क्षेत्र के प्रभारी थे !
विद्युतजिह्वा बहुत ही लालची और क्रूर व्यक्ति था ! वह अपने नागरिकों से अधिक से अधिक कर वसूलने के लिए उनके ऊपर कठोर क्रूरता करता था ! जिसकी सूचना जब रावण को प्राप्त हुई तो रावण उसको समझाने के लिए अफ्रीका तक गया ! किंतु उसने रावण के साथ दुर्व्यवहार किया ! जिससे रावण और विद्युत जिह्वा के मध्य युद्ध हुआ और रावण में विद्युत जिह्वा का वध कर दिया !
इसी बीच राम ने इन्द्र के इशारे पर विश्वामित्र के भड़काने पर रावण और सूप नखा की नानी “केतुमती” जिसे रामचरितमानस में “ताड़का” कहा गया ! उसका वध कर दिया था ! विद्युत जिह्वा की मृत्यु के उपरांत रावण अपनी बहन और उसके बेटी को अपने साथ लंका ले आया था !
राम जब वनवास के दौरान पंचवटी (जो कि देवताओं के साथ हुये रावण के एक समझौते के तहत रावण का क्षेत्र था ) उसमें रह रहे थे ! तब सूप नखा को पता चला कि जंगल में रहने वाले यह दोनों तपस्वी राजा दशरथ के वही पुत्र हैं जिन्होंने सूपनखा की नानी ताड़का की बिना किसी कारण हत्या कर दिया था ! तब सूपनखा उसका उलाहना देने के लिये राम के पास गई थी ! जहां विवाद हो गया और राम के इशारे पर लक्ष्मण ने सूपनखा के नाक कान अपने कटार से काट लिया ! क्योंकि रघुवंश में एक नि:शस्त्र स्त्री का वध करना अपराध घोषित था ! जिसकी सूचना मिलते ही रावण के भाई खर दूषण अपनी क्षेत्रीय सैन्य टुकड़ी के साथ राम के पास लक्ष्मण को बंदी बनाने के लिये आये ! जिनका राम व उसके सहयोगियों के साथ युद्ध हुआ और दोनों वीरगति को प्राप्त हुये !
अब यहां तीन विषय विचार करने योग्य हैं !
पहला जब सूपनखा रावण से मात्र 12 वर्ष छोटी थी और उसके पुत्री का पुत्र “मकरध्वज” इतना बड़ा हो गया था कि वह हनुमान जैसे महापराक्रमी व्यक्ति से युद्ध करने में सक्षम था ! तो उस समय सूपनखा की आयु क्या रही होगी ! जबकि राम की आयु मात्र 38 वर्ष थी ! उस समय सूप नखा की आयु 88 वर्ष की थी ! अब वृद्धावस्था के कारण न तो उसमें अब वह सौंदर्य था और न ही वह सामर्थ कि वह किसी युवा पुरुष से कामशान्ति हेतु विवाह कर सके !
अतः यह तर्क दिया जाना कि सूपनखा अपने विवाह के प्रस्ताव के लिये राम के पास गई थी ! यह सरासर निराधार है !
दूसरा तर्क यदि राम भगवान थे और भगवान के दर्शन मात्र से व्यक्ति को सद्बुद्धि प्राप्त हो जाती है ! तो जब सूपनखा राम के समक्ष उपस्थित हुई और उनके दर्शन किये तो राम ने उसके दुर्बुद्धि को सद्बुद्धि में क्यों नहीं बदल दिया ! उसके स्थान पर लक्ष्मण से कहकर उसके नाक कान को क्यों कटवा दिये !
तीसरी बात रावण उस समय अपने समय का अति प्रतापी राजा था ! स्वाभाविक सी बात है कि यदि प्रतापी राजा की सगी छोटी बहन का कोई व्यक्ति दुष्टता में नाक कान काट लेगा ! तो क्या इस घटना को यह नहीं माना जाना चाहिए कि कोई व्यक्ति रावण के अस्तित्व को ललकार रहा है !
यह तो रावण की नैतिकता थी कि इस ललकारे जाने के बाद भी रावण ने राम से युद्ध कर उसका वध नहीं किया बल्कि उन्हें माफी मांगने के लिये विवश करने हेतु राम की पत्नी सीता का अपहरण मात्र किया ! जोकि एक युद्ध नीति का अंश था !
क्योंकि रावण ने स्वयं सीता और राम के पिता दशरथ को यह वचन दिया था कि वह कभी भी रघुवंश के विरुद्ध पहले हथियार नहीं उठाएगा ! जिसका पालन करने के लिये और राम को माफी मांगने का अवसर प्रदान करने के लिये रावण ने सीता का अपहरण किया था और उसे लंका में पूर्ण सम्मान के साथ अपनी बेटी की तरह रखा था !
सीता की सेवा में अपने सगे छोटे भाई विभीषण की बेटी त्रिजटा को लगाया था ! जहां पर सीता को वह सभी सुविधाएं प्राप्त थी जो किसी राजघराने के व्यक्ति को प्राप्त होती हैं और वह जब कभी भी सीता का हालचाल लेने स्वयं जाता था तो अपनी पत्नी मंदोदरी को साथ लेकर जाता था और उसी के माध्यम से बात करता था !
इस तरह यह सिद्ध होता है कि सूपनखा राम के पास विवाह का प्रस्ताव लेकर नहीं गई थी बल्कि अपनी नानी “केतुमती” उर्फ़ ताड़का के अकारण हत्या का उलाहना लेकर गई थी !!