कोरोना एक बहुत बड़ा व विश्वव्यापी षड्यंत्र है ! अमेरिका जैसे पूंजीवादी देशों के शासक भी विश्व सत्ता के इशारे पर क रोना के मिथ को दुनिया में स्थापित करने के लिये अपने छ: लाख नागरिकों की जान भी ले चुके हैं ! यह विश्वास कीजिए कि क रोना विश्व सत्ता का 21वीं सदी का सबसे बड़ा झूठ है जो भारी षड्यंत्र से भरा हुआ है !
जिस क रोना को पूंजीवादी मीडिया विश्व व्यापी बतलाकर षड्यंत्र रच रहा है ! वह मात्र अमेरिका, इटली, स्पेन, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया तथा भारत जैसे उन्ही देशों में प्रचारित किया जा रहा है ! जहां आज विश्व सत्ता के नुमाईन्दे शासक मौजूद हैं ! रूस, कोरिया, जापान, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, अफ्रीकी देशों, बांग्लादेश, पाकिस्तान कई यूरोपीय देश, अरब देश तथा न्यूजीलैंड जैसे देशों में इसका प्रभाव नहीं है ! क्यों ?
भारत में हजारों क रोना पाजिटिव लोगों का निगेटिव होकर स्वस्थ हो जाना अपने आप में इस बात का प्रमाण है कि क रोना एक साधारण फ्लू से जादा और कुछ नहीं है ! इस मामले में कानून का डंडा दिखा कर “रस्सी को सांप” मनवाने की बात सिद्ध की जा रही है ! विश्व सत्ता का पूंजीवादी मीडिया इसे महामारी सिद्ध करने में लगा है ! अगर इस षडयंत्र से निकलना चाहते हो तो इस खेल को समझना जरूरी है !
विश्व सत्ता के नुमाईन्दे आज पूरी दुनिया के लोगों को क रोना से नही बल्कि उसका भय फैलाकर मारने पर आमादा हैं ! क रोना के बजाय भारत में गरीब जनता भूख से तथा दूसरी बीमारियों से समय पर इलाज न मिलने से मर रही है ! इसकी चर्चा कहीं नहीं होती है !
क रोना मीडिया के द्वारा “मुंह नोचवा” की तरह एक काल्पनिक प्रायोजन है ! जिसकी आड़ में देश के करोड़ों लोगों को बेरोजगार कर दिया गया ! उनके वेतन व भत्तों में कटौती कर दी गयी और दूसरी तरफ क रोना को महामारी सिद्ध करने के लिये अरबों रुपये विज्ञापन में फूंक दिये गये ! जिसका लाभ जनता को नहीं बल्कि 3 रुपये की दवा 3000 में बेचने वालों को मिला रहा है ! चिकित्सा के नाम पर हत्या गृह चलाने वाले अस्पतालों को मिल रहा है !
आम जनता तो क रोना के नाम से अपने घरों के भीतर कैद है ! बच्चों की पढाई बर्बाद हो रही है ! देश में हजारों ट्रेनें तथा लाखों बसें खड़ी हैं और देश के गरीब मजदूर भूखे प्यासे तथा बीमार हालत में हजारों किलोमीटर पैदल चलकर अपने गांव लौट रहे हैं !
क्या यह सारे सबूत विश्व सत्ता के षडयंत्र को बतलाने के लिये काफी नहीं है !