बद्रीनाथ को वैष्णव ने कैसे हड़पा इस पर मैं पहले ही अपना शोध लेख लिख चुका हूँ जो मेरी वेबसाईट पर मौजूद है ! आज बात करता हूँ वैष्णव द्वारा केदार नाथ हड़पने के असफल प्रयास की ! महाभारत के युद्ध में कृष्ण द्वारा एक एक शैव परम्परा के पोषक …
Read More »सरस्वती को लक्ष्मी की दासता से मुक्त करना होगा : Yogesh Mishra
पश्चिम की पैशाचिक संस्कृत ने ज्ञान का आर्थिक मूल्यांकन करके सरस्वती को लक्ष्मी के अधीन कर दिया अर्थात कहने का तात्पर्य यह है कि आज यदि आपके पास धन नहीं है, तो आप उच्च स्तरीय ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकते हैं ! शिक्षा जगत में इस कार्पोरेट धंधे का असर …
Read More »धर्म के लाशों को ढ़ोते धार्मिक गिरोह : Yogesh Mishra
अनादि काल से सृष्टि में एक ही धर्म रहा है ! वह प्रकृति का धर्म ! जो निरंतर मानव कल्याण के अनुरूप प्रकृति की तरह परिवर्तनशील रहा है ! किंतु दुर्भाग्य यह रहा कि मनुष्य ने प्राकृतिक धर्म को छोड़ कर मानव निर्मित धर्मों को प्राकृतिक धर्म के विकल्प रूप …
Read More »क्या हमारा मस्तिष्क वैचारिक कूड़ा घर है : Yogesh Mishra
पूरी दुनिया का उपभोक्तावादी बाजार अब मानव मस्तिष्क को वैचारिक कूड़ा घर समझने लगा है ! इस मानवीय वैचारिक कूड़ा घर में सकारात्मक विचारों के स्थान पर घनघोर निम्न, छिछले, ओछे विचारों का आधुनिक विज्ञान की मदद से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस द्वारा बहुत तेजी से वैचारिक कूड़ा फेंके जा रहा है …
Read More »शैव तत्व विज्ञान दर्शन क्या है : Yogesh Mishra
‘तत्व’ का शाब्दिक अर्थ है, वास्तविक स्थिति, ययार्थता, वास्तविकता, असलियत ! ‘जगत् का मूल कारण’ भी तत्व कहलाता है, अर्थात तत्व ही है जिससे यथार्थ बना हुआ है ! वैष्णव सांख्य दर्शन के अनुसार 25 तत्व हैं जबकि शैव दर्शन के अनुसार सृष्टि का निर्माण 36 तत्वों से हुआ है …
Read More »तंत्र डरने का नहीं बल्कि जानने का विषय है : Yogesh Mishra
तंत्र-मंत्र का नाम आते ही लोगों के दिमाग में एक कंकाल, खोपड़ी, ढेर सारी जलती हुई अगरबत्तियां, आदि दिमाग में आती हैं ! लोग इसे जादू-टोना, टोटका भी कहते हैं ! और यही वजह है कि लोग इससे दूर भागते हैं ! भारत में तंत्र का इतिहास सदियों पुराना है …
Read More »बौद्ध धर्म का दुर्भाग्य पूर्ण विभाजन : Yogesh Mishra
बुद्ध के निर्वाण के 100 वर्ष बाद ही आपसी कलह में बौद्ध धर्म दो सम्प्रदायों में विभक्त हो गया – महायान बनाम हीनयान ! यह दोनों बौद्ध धर्म की ही शाखाएं थीं ! हीनयान निम्न वर्ग के लिये और महायान उच्च वर्ग के लिये ! हीनयान एक व्यक्तिवादी धर्म था …
Read More »राधा कामुक और छिनरे कथावाचकों की मानसिक कल्पना है : Yogesh Mishra
शास्त्र विहीन कथा वाचक बतलाते हैं कि संसार की दृष्टि में राधा की माता कीर्ति गर्भवती हुई लेकिन उनके गर्भ में राधा ने प्रवेश नहीं किया ! कीर्ति ने अपने गर्भ में वायु को धारण कर रखा था और योगमाया के सहयोग से कीर्ति ने वायु को जन्म दिया लेकिन …
Read More »अब विश्व सत्ता के इशारे पर आपको भी एलियन बनाने की तैयारी है : Yogesh Mishra
विश्व सत्ता के षड्यंत्र के क्रम में एक बहुत ही क्रांतिकारी परिवर्तन होने जा रहा है, जिसमें आप जैसे सामान्य पृथ्वी निवासी को एलियन अर्थात अंतरिक्ष के किसी दूसरे ग्रह का निवासी बना दिया जाएगा ! इसके लिए बस थोड़ा सा आपके डी.एन.ए. को चेंज किया जाएगा ! जिसके लिए …
Read More »क्या विश्व सत्ता के नुमाइंदे धरती की ओर कूच कर चुके हैं : Yogesh Mishra
जैसा कि मैं अपने लेखों के माध्यम से बहुत पहले से यह दावा कर चुका हूं कि पृथ्वी पर जनसंख्या नियंत्रण के लिए जो कुछ भी अप्रत्याशित घट रहा है ! उसके पीछे ब्रह्मांड की कुछ अति विकसित शक्तियों का हाथ है ! जिन्हें हम अपने लेखों में विश्व सत्ता …
Read More »